Swachta Abhiyan Essay In Hindi:भारत देश किसी जमाने में सोने की चिड़िया कहा जाता था,अपने वैभव और संस्कृति के लिए जाना जाता था। लेकिन समय के बदलाव के चलते हमारे देश पर कई बाहरी ताकतों ने राज किया, जिससे हमारी देश की हालत खराब हो गई।
Swachta Abhiyan Essay In Hindi
हमारे देश में स्वच्छता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है। आपने देखा होगा कि हमारे देश का कोई भी बड़ा राज्य हो या शहर हो या फिर गांव हो या फिर कोई गली या मोहल्ला हो – वहां पर भी आपको कूड़ा करकट मिलेगा।
प्रस्तावना
हमारे देश के विकास में बाधा पहुंचाने वाली समस्याओं में एक मुख्य कारण गंदगी है क्योंकि इसके कारण लोग हमारे देश में आना पसंद नहीं करते हैं और जिससे हमारे देश को इतनी ख्याति नहीं मिलती है। हमारा देश भी पूर्णतया स्वच्छ हो, इसके लिए कई महापुरुषों ने सपने देखे थे और उन्हें साकार करने की भी कोशिश की थी लेकिन वह किसी कारण सफल नहीं हो पाए।
आज भी हमारे देश के कुछ ही घरों में शौचालय की सुविधा है, गाँवो में तो लोग आज भी शौच करने बाहर ही जाते हैं, जिसके कारण गाँवो में गंदगी फैल जाती है और शहरों की बात करें तो शहरों में शौचालय तो है लेकिन वहां पर अन्य गंदगी बहुत ज्यादा है, जैसे कि फैक्ट्रियों का अपशिष्ट कूड़ा-करकट, गंदे नाले और घरेलू अपशिष्ट जो सड़कों पर इतनी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है कि हमारे देश की सड़कें दिखाई ही नहीं देती, सिर्फ और सिर्फ कूड़ा-करकट दिखाई देता है।
स्वच्छ भारत अभियान का परिचय
हमारे देश को स्वच्छ बनाने के लिए भारत सरकार ने एक नई योजना निकाली है, जिसका नाम ‘स्वच्छ भारत अभियान’ रखा गया है। इस अभियान के तहत सभी देशवासियों को इसमें शामिल होने के लिए कहा गया है।
यह अभियान आधिकारिक रूप से 1999 से चला रहा है पहले इसका नाम ग्रामीण स्वच्छता अभियान था, लेकिन 1 अप्रैल 2012 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस योजना में बदलाव करते हुए इस योजना का नाम निर्मल भारत अभियान रख दिया और बाद में सरकार ने इसका पुनर्गठन करते हुए इसका नाम पूर्ण स्वच्छता अभियान कर दिया था। स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितंबर 2014 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस को मंजूरी मिल गई।
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स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत
स्वच्छ भारत अभियान का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने महात्मा गाँधी जी की 145 वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2014 को किया। उन्होंने राजपथ पर जनसमूहों को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने को कहा। साफ-सफाई के संदर्भ में यह सबसे बड़ा अभियान है। क्योंकि गाँधी जी का सपना था कि हमारा देश भी विदेशों की तरह पूर्ण स्वस्थ और निर्मल दिखाई दे। इस बात को मध्य नजर रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने उन्हीं के जन्मदिवस पर इस अभियान की शुरुआत दिल्ली के राजघाट से की थी।
देश की सफाई एकमात्र सफाई-कर्मियों की जिम्मेदारी नहीं है,
क्या इस में नागरिकों की कोई भूमिका नहीं है, हमें इस मानसिकता को बदलना होगा।। (……………नरेंद्र मोदी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली कि वाल्मीकि बस्ती में सड़कों पर झाड़ू लगाई थी। जिससे देश के लोगों में यह जागरुकता आए कि अगर हमारे देश का प्रधानमंत्री देश को स्वच्छ करने के लिए सड़क पर झाड़ू लगा सकता है, तो हमें भी अपने देश को स्वच्छ रखने के लिए अपने आसपास सफाई रखनी होगी।
स्वच्छ भारत से जुड़ा महात्मा गाँधी जी का सपना
महात्मा गाँधी जी ने भारत को एक निर्मल और स्वच्छ देश बनाने का सपना देखा था। अपने सपने के संदर्भ में गाँधी जी ने कहा था कि स्वच्छता स्वतंत्रता से भी ज्यादा जरूरी है क्योंकि स्वच्छता ही स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन का एक अनिवार्य भाग है। महात्मा गाँधी जी अपने समय में देश की गरीबी और गंदगी से अच्छी तरह अवगत थे इसीलिए उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत से प्रयास किये लेकिन वो उसमें सफल न हो सके। लेकिन दुर्भाग्य तो यह है कि भारत आजादी के 72 साल बाद भी इन दोनों लक्ष्यों से काफी पीछे है। अगर आँकड़ो की बात करें तो अब भी सभी लोगों के घरों में शौचालय नहीं है, इसीलिए भारत सरकार पूरी गंभीरता से बापू की इस सोच को हकीकत का रुप देने के लिये देश के सभी लोगों को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ने का प्रयास कर रही है, जिससे विश्व भर में ये सफल हो सके। इस मिशन को अपने प्रारंभ की तिथि से बापू की 150वीं पूण्यतिथि (2 अक्दूबर 2019) तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस अभियान को सफल बनाने के लिये सरकार ने सभी लोगों से निवेदन किया कि वो अपने आसपास और दूसरी जगहों पर साल में सिर्फ 100 घंटे सफाई के लिये दें।
स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य
स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान के मुख्य उद्देश्य के लक्ष्य को पाने के लिए 5 साल की योजना बनाई है जिसके अंतर्गत हमारे पूरे देश को स्वच्छ करने का लक्ष्य लिया गया है।
(1) इस अभियान का प्रथम उद्देश्य है कि देश का कोना-कोना साफ सुथरा हो।
(2) लोगों को बाहर खुले में शौच करने से रोका जाए। जिसके तहत हर साल हजारों बच्चों की मौत हो जाती है.
(3) भारत के हर शहर और ग्रामीण इलाकों के घरों में शौचालय का निर्माण करवाया जाए।
शहर और गांव की प्रत्येक सड़क गली और मोहल्ले साफ-सुथरे हो।
(4) हर एक गली में कम से कम एक कचरा पात्र आवश्यक रूप से लगाया जाए।
(5) लगभग 11 करोड़ 11 लाख व्यक्तिगत, सामूहिक शौचालयों का निर्माण करवाना जिसमें 1 लाख 34 हजार करोड रुपए खर्च होंगे।
(6) लोगों की मानसिकता को बदलना उचित स्वच्छता का उपयोग करके।
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स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता
अपने उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिए। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ कुछ बिंदु दिए जा रहे हैं जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते हैं –
(1) हमारे देश में कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां पर कूड़ा करकट नहीं फैला हो। हमारे भारत देश के हर शहर, हर गांव, हर एक मोहल्ला, हर एक गली कूड़े-करकट और गंदगी से भरी पड़ी है।
देश के स्वच्छ न होने के कारण
हमारे देश का स्वच्छ नहीं होने का सबसे पहला कारण आप और हम ही हैं क्योंकि गंदगी और कूड़ा करकट मनुष्य जाति के द्वारा ही फैलाया जाता है। आप और हम कहीं भी कूड़ा करकट फेंक देते हैं और उसका दोष हम दूसरों को देते हैं। हमारे देश के स्वच्छ और साफ सुथरा नहीं होने के और भी कई कारण हैं जिनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
1. शिक्षा का अभाव –
हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पिछड़ा हुआ है। अगर लोग शिक्षित नहीं होंगे तो उन्हें पता ही नहीं होगा कि वे अनजाने में अपने आसपास के वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं, और वातावरण के प्रदूषित होने के कारण उनको क्या नुकसान हो रहा है। लोगों में स्वच्छ और साफ सुथरे भारत के लिए शिक्षा का प्रचार प्रसार बहुत जरूरी है।
2. खराब मानसिकता –
कुछ लोग ये मानते हैं कि हमारे थोड़ा सा कचरा फैलाने से देश गंदा थोड़ी ना होगा। इस प्रकार की मानसिकता वाले लोग हर जगह कचरा फैलाते रहते हैं जिसके कारण वह थोड़ा-थोड़ा कचरा बहुत ही ज्यादा बन जाता है।
3. घरों में शौचालयो का नहीं होना –
आपने देखा होगा कि अक्सर गांव में घरों में शौचालय नहीं होते हैं, जिसके कारण लोग शौच करने के लिए या तो खेतों में जाते हैं या फिर रेल की पटरियों के पास जाकर शौच करते हैं, जिसके कारण हर तरफ गंदगी का माहौल पैदा हो जाता है।
4. अत्यधिक जनसंख्या –
हमारा भारत देश जनसंख्या के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर आता है, अगर इसी प्रकार से जनसंख्या बढ़ती रही तो आने वाले वर्षों में जनसंख्या के मामले में पहला नंबर हमारे देश का ही होगा। अधिक जनसंख्या होने के कारण कचरा और गंदगी भी अधिक होती है। गंदगी अधिक होने के कारण इस गंदगी को साफ करने के लिए हमारे देश के आर्थिक विकास में लगने वाली पूंजी गंदगी की सफाई में ही लग जाती है।
5 सार्वजनिक शौचालय का अभाव –
हमारे देश में सार्वजनिक शौचालयों का अभाव हर जगह पाया जाता है, जिसके कारण लोग कहीं भी सड़क के किनारे या कोई कोना देखकर शौच कर लेते हैं जिससे बहुत ज्यादा गंदगी फैलती है।
6. कचरे की सही निस्तारण का अभाव –
हमारे देश में कचरा बहुत बड़ी समस्या है, 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत प्रति दिन 1,00,000 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न करता है। इतनी बड़ी संख्या में कचरा निकलने के बावजूद भी इसके निस्तारण के सही उपाय नहीं किए गए हैं।
7. उद्योगों का अपशिष्ट पदार्थ –
हमारे देश में छोटे बड़े मिलाकर बहुत सारे उद्योग धंधे हैं, जिनसे अलग-अलग प्रकार का बहुत बड़ी मात्रा में अपशिष्ट पदार्थ निकलता है, जिसे साधारण शब्दों में हम गंदगी का भंडार कर सकते हैं। इन उद्योग-धंधों को चलाने वाले लोग इस अपशिष्ट पदार्थ को पास ही बह रहे नदी नालों में बहा देते हैं, जिससे कि पूरा वातावरण ही प्रदूषित हो जाता है।(2) हमारे देश के गाँवो में शौचालय नहीं होने के कारण के लोग आज भी खुले में शौच करने जाते हैं जिसके कारण हर जगह गंदगी फैलती है और यह गंदगी नई बीमारियों को आमंत्रण देती है।
(3) हमारे आसपास के सभी नदी-नाले भी कचरे से इस तरह से रहते हैं जैसे कि पानी की जगह कचरा बह रहा हो।
(4) इस कूड़ा करकट और गंदगी के कारण विदेश से लोग हमारे देश में आना कम ही पसंद करते हैं, जिसके कारण हमारे देश को आर्थिक नुकसान होता है।
(5) इस कचरे के कारण हमारे साथ-साथ अन्य जीव जंतुओं को भी नुकसान होता है और साथ ही हमारी पृथ्वी भी प्रदूषित होती है।
(6) ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हो साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।
(7) नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।
(8) ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता का निर्माण करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये।
(9) पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना।
(10) भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना।
(11) ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
(12) स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना।
इस गंदगी और कूड़े-करकट के जिम्मेदार भी हम और आप ही हैं, क्योंकि हम लोग भी कभी जानबूझकर और कभी अनजाने में कहीं भी कचरा फेंक देते हैं। जिसके कारण हमारे देश में हर तरफ कचरा फैल जाता है और इसके साथ ही हमारा पूरा वातावरण प्रदूषित हो जाता है। यह गंदगी और कूड़ा-करकट दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे है। जिसके कारण अनेकों परेशानियां खड़ी हो रही हैं, इसलिए स्वच्छ भारत अभियान की जरूरत पड़ी जिसके तहत हमारा पूरा भारत स्वच्छ और साफ दिखाई दें।
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देश को स्वच्छ रखने के उपाय
हमारे भारत देश को स्वच्छ और साफ सुथरा रखने के लिए हमें आज ही अपने से शुरुआत करनी होगी क्योंकि जब तक लोग खुद जागरुक नहीं होंगे तब तक हमारे देश में साफ सफाई का होना नामुमकिन है।
(1) हमें देश के हर घर में शौचालय बनवाने होंगे।
(2) हर शहर, हर गांव की सार्वजनिक स्थलों पर सार्वजनिक शौचालय बनवाने होंगे।
(3) लोगों में साफ सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलानी होगी।
(4) हमें जगह-जगह कचरा पात्रों का निर्माण करना होगा।
(5) शिक्षा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना होगा।
(6) लोगों की मानसिकता बदलने के लिए साफ सफाई के संदेश गांव-गांव तक पहुंचाना होगा।
(7) लोगों को गंदगी के गंभीर परिणामों के बारे में बताना होगा, जिससे की उनको पता चले कि उनके गंदगी फैलाने से उनके साथ-साथ पूरे वातावरण को कितना नुकसान होता है।
स्वच्छ भारत अभियान में शामिल मंत्रालय
(1) शहरी विकास मंत्रालय
(2) राज्य सरकार
(3) ग्रामीण विकास मंत्रालय
(4) गैर सरकारी संगठन
(5) पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय
(6) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम व निगम
इस प्रकार स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ कर ये सभी मंत्रालय अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सभी मंत्रालय अपने-अपने स्तर पर स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं।
स्वच्छ भारत अभियान के लिए चुने गए प्रभावी व्यक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए कुछ प्रभावी व्यक्तियों को चुना था। जिनका काम अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करना है।
उन लोगों के नाम इस प्रकार हैं-
(1) सचिन तेंडुलकर (क्रिकेटर)
(2) महेन्द्र सिंह धोनी (क्रिकेटर)
(3) विराट कोहली (क्रिकेटर)
(4) बाबा रामदेव
(5) सलमान खान (अभिनेता)
(6) शशि थरूर (संसद के सदस्य)
(7) तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम
(8) मृदुला सिन्हा (लेखिका)
(9) कमल हसन (अभिनेता)
(10) अनिल अंबानी (उद्योगपति)
(11) प्रियंका चोपड़ा (अभिनेत्री)
(12) ईआर दिलकेश्वर कुमार
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हमारे भारत के शहरों को साफ सुथरा रखने के लिए एक अलग से रणनीति बनाई गई है।
(1) शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर नगर में ठोस कचरा प्रबंधन सहित लगभग सभी 1.04 करोड़ घरों को 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराना है।
(2) इस अभियान के तहत जहां पर सार्वजनिक शौचालय बनाना संभव नहीं है वहां पर सामुदायिक शौचालय बनवाए जाएंगे।
(3) शहरों के प्रमुख स्थान जैसे कि सार्वजनिक अस्पताल, बस स्टैंड, बैंक, पोस्ट ऑफिस, रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार, सरकारी कार्यालयों आदि के पास सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे।
(4) इस अभियान को सफल बनाने के लिए 62,009 करोड़ रुपयों का बजट बनाया गया है, जिसमें से 14,623 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा इस अभियान में लगाए जाएंगे।
(5) हमारे देश में ठोस अपशिष्ट पदार्थ का कचरा बहुत ज्यादा उत्पन्न होता है उसके स्थाई समाधान के लिए 7,366 करोड़ लगाए जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान
आपने देखा होगा कि जितनी तेजी से हमारे शहरों का विकास हुआ है, ग्रामीण क्षेत्र उतना ही पिछड़ा हुआ है हालांकि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को भी सुख सुविधा पूर्ण बनाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं लेकिन उन योजनाओं का पूरा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को नहीं मिला है। इसलिए सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया है।
(1) ग्रामीण इलाकों में कचरे के प्रबंधन के लिए ग्रामीण लोगों को कचरे से खाद कैसे बनाई जाए इसके बारे में बताया जाएगा और इस कचरे से बनी खाद के क्या लाभ हैं यह भी बताया जाएगा ताकि लोग अपने खेतों में इस तरह की खाद का उपयोग करें।
(2) इस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 11 करोड़ 11 लाख शौचालय निर्मित करने की योजना है।
(3) इस अभियान को गांव के हर एक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए स्कूल के शिक्षको, स्कूली छात्र छात्राओं और पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत को भी इस से जोड़ा जाएगा ताकि जल्द से जल्द लोगों में स्वच्छता के प्रति चेतना उत्पन्न हो।
(4) इस अभियान के तहत है ग्रामीण इलाकों के प्रत्येक घर में शौचालय बनवाने के लिए प्रत्येक घर पर 10000 रुपए आवंटित किए गए थे। लेकिन इन सालों में महंगाई बढ़ने के कारण यह राशि 10000 से बढ़ाकर 12000 रुपए कर दी गई है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में यह कार्य किए जाएंगे-
(i) ग्रामीण इलाकों को खुला शौच मुक्त करना।
(ii) ग्रामीण इलाकों के प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण करवाना।
(iii) कूड़े-करकट और कचरे को उपयोगी बनाकर उसे खाद का निर्माण करना।
(iv) गंदे पानी के निकास के लिए नालियां बनवाना।
(v) ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर कचरा पात्र का निर्माण करवाना।
(vi) लोगों में स्वच्छता के प्रति चेतना जगाना।
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान 25 सितंबर, 2014 से 31 अक्टूबर 2014 के बीच केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय संगठन में आयोजित किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत शिक्षकों और विद्यार्थियों को अपने विद्यालय में साफ सफाई रखनी थी। इसके अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां की गई जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
(1) स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर विशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ीं शिक्षाओं के संबंध में बात करें।
(2) कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
(3) स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इस मूर्तियों की सफाई करना।
(4) शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की सफाई करना।
(5) रसोई और सामान ग्रह की सफाई करना।
(6) खेल के मैदान की सफाई करना।
(7) स्कूल के बगीचों का रख-रखाव और सफाई करना।
(8) स्कूल भवनों का वार्षिक रख-रखाव रंगाई एवं पुताई के साथ।
(9) निबंध, वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन।
(10) बाल मंत्रिमंडलों का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना।
(11) स्कूलों के हर एक कक्षा में कचरा पात्र रखवाना।
(12) स्वच्छता के प्रति चेतना के लिए वाद विवाद एवं नाटकों की प्रतियोगिता करना।
(13) चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन करना जिसमें स्वच्छता से संबंधित चित्रों का चित्रण करना।
(14) स्कूलों में हरियाली के लिए पेड़ पौधे लगाना।
(15) सभी बच्चों को बताया गया कि खाना खाने से पहले हाथ धोना और खाना खाने के बाद भी हाथ धोना चाहिए।
(16) सभी बच्चों की साफ-सुथरी वेशभूषा रखने के लिए प्रेरित करना।
उपसंहार
जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं, वह सबसे पहले अपने आप में लागू करें। (……………..महात्मा गाँधी।)
महात्मा गाँधी द्वारा कहे गए यह कथन जोकि स्वच्छता पर ही आधारित है। उनके अनुसार स्वच्छता की जागरूकता की मशाल सभी में पैदा होने चाहिए। इसके तहत स्कूलों में भी स्वच्छ भारत अभियान के कार्य होने लगे हैं। स्वच्छता से ना केवल हमारा तन साफ रहता है बल्कि हमारा मन भी साफ़ रहता है।
हमारे भारत में – जहां स्वच्छता होती है, वहां पर ईश्वर निवास करते हैं, इस प्रथा को माना जाता है, इसलिए हमें भी स्वच्छता को अपनाना चाहिए। इसकी शुरुआत हमें और आपको मिलकर करनी होगी। जिससे कि हमारा पूरा देश साफ सुथरा हो जाए। स्वच्छ भारत अभियान भारत को स्वच्छ करने के लिए एक कड़ी का काम कर रहा है। लोग इसके उद्देश्य से उत्साहित होकर स्वच्छता के प्रति सचेत हो रहे हैं। यह भारत सरकार द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है।
स्वच्छ भारत अभियान में आप भी भागीदार बनें। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक बनाएँ। इसी को मध्य रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सरकारी भवनों की सफाई और स्वच्छता को ध्यान में रखकर तंबाकू, गुटका, पान आदि उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसकी जरूरत उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश में आवश्यक है। जिससे स्वच्छ रहे भारत स्वस्थ रहे हम।
स्वच्छ भारत अभियान से हमारा आने वाला कल बहुत ही सुंदर एवं अकल्पनीय होगा। अगर आप और हम मिलकर स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्य को पूरा करने में लग जाए तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा पूरा देश, विदेशों की तरह पूरी तरह से साफ सुथरा दिखाई देगा। एक स्वस्थ्य देश और स्वस्थ्य समाज को जरुरत है कि उसके नागरिक स्वस्थ्य रहें तथा हर व्यवसाय में स्वच्छ हो। और इस नेक काम के लिए हम सब को मिल कर आगे आना होगा और साथ-साथ काम कर के इस मिशन को पूरा करना होगा।