Pyaj Ki Kheti Kaise Karen

Pyaj Ki Kheti Kaise Karen: प्याज एक प्रसिद्ध और व्यापक सब्जी किस्म है, भारत प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। इसे कई जगहों पर प्याज कांडा के नाम से भी जाना जाता है। प्याज की खेती कैसे करे?

Pyaj Ki Kheti Kaise Karen

इसके अलावा इसे औषधीय रूप में भी उगाया जाता है और दवा में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।प्याज मुख्य रूप से Radiationको कम करता है। प्याज की मांग साल भर समान रहेगी, जिससे प्याज की खेती एक लाभदायक खेत बन जाएगी। यदि आप प्याज की खेती करना चाहते है तो यह लेख प्याज की खेती कैसे करे (Onion Farming) और प्याज से होने वाली कमाई की जानकारी देगा है |

प्याज की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान

प्याज की खेती किसी भी उपजाऊ मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसकी फसल के लिए 5 से 6 P.H. मान वाली भूमि की आवश्यकता होती है|

प्याज को ठंडी और गर्म जलवायु में उगाया जा सकता है, लेकिन ठंडी जलवायु में प्याज की पैदावार अच्छी होती है और सर्दियों में ठंढ इसके पौधों के लिए हानिकारक होती है। प्याज अधिकतम तापमान 30 °C और कम से कम 15 °C तक सहन कर सकता है।

प्याज के पौधों की सिंचाई

प्याज के पौधों के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करना सबसे अच्छा माना जाता है।फसल को 10 से 12 सिंचाई की आवश्यकता होती है। रोपण के तुरंत बाद पौधों की सिंचाई की जाती है।खेत में नमी बनाए रखने के लिए एक महीने तक हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है।पानी की आवश्यकता होती है।

प्याज की खेती का सही समय

प्याज की खेती किसान रबी और कैरिब के मौसम में कर सकते हैं। नर्सरी 15 जून से 15 जुलाई तक तैयार हो जाती है और इसकी नर्सरी 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती है और 35 से 40 दिन पुरानी प्याज की पौध रोपण या रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।

प्याज की उन्नत किस्में

रबी प्रजाति की प्याज:-रबी के समय में की गई प्याज की खेती से अधिक पैदावार प्राप्त होती है| यह किस्म सर्दियों में उगाई जाती है, नवंबर और दिसंबर में रोपाई की जाती है। रबी मौसम के दौरान उगाई जाने वाली किस्में इस प्रकार हैं: – पूसा रत्नार, एग्रीबाउंड लाइट रेड, एग्रीबाउंड रोज, बीमा रेड, बीमा शक्ति और पूसा रेड।

खरीफ प्रजाति की प्याज:-खरीफ प्रजाति की किस्मों को बहुत कम उगाया जाता है|खरीफ के मौसम में भीमा सुपर, पूसा व्हाइट राउंड, एग्रीफाउंड डार्क रेड और भीम डार्क रेड किस्मों को उगाने के लिए तैयार किया गया है|

एग्रीफाउंड डार्क रेड:- इस प्रकार का प्याज गर्मियों में पैदा होता है। अखरोट बोने के 100 से 110 दिनों के भीतर बीज देने के लिए तैयार है। यह किस्म लगभग 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है।

भीमा सुपर:- इस किस्म के प्याज को तैयार करने में 110 से 115 दिन का समय लगता है, इसकी खेती कार्प सीजन में देरी से की जाती है।

एग्रीफाउंड लाइट रेड:- ये पौधे 120 दिनों में उपज देने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस रबी की खेती रबी के मौसम में की जाती है इस किस्म की उपज 300 से 375 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

पूसा व्हाइट राउंड:- इस प्रकार का प्याज रोपाई के 135 दिनों में उपज के लिए तैयार हो जाता है। बाहर जाने वाले कंद सफेद होते हैं। यह किस्म प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल उपज देती है।

प्याज के पौधों में लगने वाले रोग एवं उनकी रोकथाम

थ्रिप्स:- जैसे ही ये कीट पत्तियों से रस सोख लेते हैं, पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं। इस रोग की रोकथाम के लिए पौधों पर imidaclopri कीटनाशक 17.8 एस.एल. का छिड़काव किया जाता है|

पौध गलन रोग:- संक्रमित पौधे शुरू में पीले होकर सड़ जाते हैं और जब रोग गंभीर होता है तो पौधा पूरी तरह से मुरझा जाता है।

जड़ सडन रोग:-इस जड़ सड़न रोग से प्रभावित होने पर पौधे की जड़े हल्की गुलाबी रंग की दिखाई देने लगती है|जिसके कुछ समय पश्चात् ही पौधा सूखकर नष्ट हो जाता है|इस रोग से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम की उचित मात्रा की छिड़काव पौधों पर किया जाता है|

प्याज से कमाई, पैदावार और खुदाई

प्याज की पौध रोपाई के 4 से 5 महीने बाद उपज के लिए तैयार हो जाती है। जब इसके पौधों की पत्तियाँ पीली होकर गिरने लगती हैं तो उस समय इसकी फलियाँ तोड़ ली जाती हैं। खुदाई के दो या तीन दिन बाद कंद सूख जाते हैं, जड़ और पत्ते अलग हो जाते हैं इसके बाद उन्हें छायादार स्थान पर अच्छी तरह से सुखाया जाता है।एक हेक्टेयर के खेत से प्याज की तक़रीबन 250 से 400 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है, यदि किसान भाई चाहे तो इसकी दोनों पैदावार से 800 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त कर सकते है|इस हिसाब से किसान भाई एक वर्ष में 3 से 4 लाख तक की अच्छी कमाई कर सकते है|

Credit: The Advance Agriculture

निष्कर्ष

भारत में लगभग हर राज्य में प्याज उगाए जाते हैं और किसान लगातार अधिक उत्पादन के लिए हर उपाय की तलाश में रहते हैं। चूंकि भारतीय बाजार में प्याज की साल भर मांग रहती है, इसलिए किसान प्याज की खेती के नवीनतम तरीकों से अधिक लाभ कमा सकता है।

 अगर किसान सीधे बीज बोता है तो 120 से 140 दिन में फसल तैयार हो जाती है, जबकि नर्सरी से रोपे जाने पर प्याज 60 से 90 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाता है| Caribbean मौसम के दौरान प्याज की खेती औसतन 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और रबी में 350-450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

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तो किसान मित्रों, यह है प्याज की खेती कैसे करे (Onion Farming) के बारे में पूरी जानकारी। मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें। यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो आप हमें एक टिप्पणी छोड़ सकते हैं। पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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