Prakash Kise Kahate Hain:हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर प्रकाश की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया है Plasma Kise Kahate Hain । यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
Prakash Kise Kahate Hain
प्रकाश एक ऐसा भौतिक साधन है जो हमारे चारों ओर स्थित वस्तुओं को देखने के काम आता है। प्रकाश ऊर्जा का ही एक रूप है। प्रकाश सीधी रेखा के रूप में गमन करता है जिसे प्रकाश किरण एक आते हैं।
अनेक प्रकाश किरण ने मिलकर प्रकाश पुंज का निर्माण करती है।
प्रकाश का संचरण निर्वात में भी संभव है। निर्वात में प्रकाश की चाल सबसे अधिक 3 x 10⁸ m/s होती है।
प्रकाश के कई स्रोत होते है जिसमे से सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत सूर्य होता है जिसमें प्रकाश का अन्नत भण्डारण होता है , इसके अलावा कृत्रिम स्रोत्त जैसे बैट्री आदि होते है जिससे प्रकाश उत्पन्न किया जाता है।
प्रकाश की प्रकृति :-
प्रकाश दो प्रकार की प्रकृति दर्शाता है –
पहले तरंग की तरह :-
प्रकाश की कई घटनाओं जैसे परावर्तन , अपवर्तन , विवर्तन , व्यतिकरण , ध्रुवण आदि सभी घटनाओं की व्याख्या प्रकाश को तरंग मानकर ही की जा सकती है अत: प्रकाश में तरंग की प्रकृति पायी जाती है।
दूसरा कण की तरह :-
प्रकाश की अन्य घटनाओं जैसे कॉम्पटन प्रभाव जैसी घटनाओं की व्याख्या करने के लिए इसे कण की तरह माना गया है अत: हम कह सकते है कि प्रकाश द्वि प्रकृति का होता है।
प्रकाश की चाल :-
भिन्न भिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भिन्न भिन्न होती है। वायु तथा निर्वात में प्रकाश की चाल सर्वाधिक होती है। चाल माध्यम के अपवर्तनांक पर निर्भर करती है। जिस माध्यम का अपवर्तनांक जितना अधिक होता है उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही कम होती हैं किसी माध्यम में प्रकाश की चाल ज्ञात करने हेतु सूत्र u = c/ μ का प्रयोग करते हैं जहाँ u प्रकाश की चाल, c प्रकाश की निर्वात में चाल तथा माध्यम का अपवर्तनांक है।
प्रकाश की निर्वात में चाल 3 X 108 मी./सेकेण्ड होती है ।
प्रकाश का प्रकीर्णन :
जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है तो प्रकाश वायुमण्डल में उपस्थित कणों द्वारा विभिन्न दिशाओं में फैल जाता है, इसी प्रक्रिया को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते है।
किसी रंग का प्रकीर्णन उसकी तरंग दैर्ध्य पर निर्भर करता हैं। जिस रंग के प्रकाश की तरंग दैर्ध्य कम होती है उसका प्रकीर्णन अधिक तथा अधिक तरंग दैर्ध्य वाले का प्रकीर्णन कम होता है। सूर्य के प्रकाश में बैगनी रंग का तरंग दैर्ध्य सबसे कम होने के कारण प्रकीर्णन सर्वाधिक तथा लाल रंग की तरंग दैर्ध्य सर्वाधिक होने के कारण प्रकीर्णन सबसे कम होता है।
बैगनी रंग का प्रकीर्णन सर्वाधिक होने के कारण ही आकाश नीला दिखाई देता है। ओर लाल रंग के प्रकीर्णन कम होने के कारण ही डूबते व उगते समय सूर्य लाल दिखाई देता है क्योंकि अन्य रंगों का प्रकीर्णन हो जाता है।
प्रकीर्णन के कारण ही समुद्र का पानी भी नीला दिखाई देता है। अंतरिक्ष से अंतरिक्ष यात्रियों को आकाश काला दिखाई देता है क्योंकि वहां वायुमण्डल न होने के कारण प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है। चन्द्रमा से भी आकाश काला ही दिखाई देता हैं।
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प्रकाश का वर्ण विक्षेपण :
सूर्य का प्रकाश जब किसी प्रिज्म से गुजरता है तब अपवर्तन के कारण प्रिज्म के आधार की आरे झुकने के साथ साथ विभिन्न रंगों के प्रकाश में बंट जाता है। इस प्रकार प्राप्त रंगों के समूह को वर्णक्रम कहते है। तथा प्रकाश के विभिन्न रंगों में विभक्त होने की वर्ण विक्षेपण कहते है।
सूर्य के प्रकाश से प्राप्त रंगों में बैंगनी रंग का विक्षेपण अधिक होने के कारण सबसे नीचे तथा लाल रंग का विक्षेपण कम होने के कारण सबसे ऊपर प्राप्त होता है। नीचे से ऊपर की ओर विभिन्न रंगों का क्रम क्रमशः बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल है। इसे संक्षेप में बैजानीहपीनाला (VIBGYOR) कहते है।
प्रकाश के गुण
प्रकाश क्या है इसके बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी अब हम प्रकाश के गुण क्या है इस पर चर्चा करेंगे तो आइए जानते हैं
- प्रकाश साधारण रूप से सरल रेखा में ही गमन करता है।
- प्रकाश विद्युत चुंबकीय विकिरण के रूप में चलता है।
- अधिक चमकदार पृष्ठों से प्रकाश परिवर्तित होता है।
- प्रकाश में परावर्तन तथा अपवर्तन दोनों गुण पाए जाते हैं।
- प्रकाश स्वयं अदृश्य है लेकिन इसकी सहायता से हमें वस्तु की स्थिति और उपस्थिति दोनों का ही पता चलता है।
- प्रकाश के संचरण के लिए किसी भी प्रकार के माध्यम की आवश्यकता नहीं होती आपकी जानकारी के लिए बता दें प्रकाश निर्वात में भी गमन कर सकता है।
- जब प्रकाश अपने किसी एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है तो प्रकाश अपने पथ से विचलित हो जाता है जिस कारण अपवर्तन की घटना होती है।
- विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भिन्न प्रकार की हो सकती है निर्वात में इसकी चाल 3×108 मीटर/सेकण्ड होती है।
- प्रकाश पारदर्शी माध्यम से आसानी से गुजर सकता है लेकिन अपारदर्शी माध्यम से प्रकाश नहीं गुजर सकता है।
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