Broccoli Ki Kheti Kaise Karen: ब्रोकोली (Broccoli )एक ऐसी सब्जी है जो फूलगोभी की तरह दिखती है लेकिन उसका रंग अलग होता है। फूलगोभी केवल सफेद होती है, लेकिन brocoli गहरे हरे, बैंगनी और सफेद रंग की होती है। इसे कच्चा और भाप में खाया जाता है।
यदि आप ज़्यादा profits की खेती करना चाहते हैं, तो ब्रोकली की खेती (broccoli cultivation)आपके लिए बेहतर विकल्प है।
ब्रोकली की खेती कैसे करें? -Broccoli Ki Kheti Kaise Karen
ब्रोकली को कच्ची सब्जी के रूप में उगाया जाता है। ब्रोकली में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, फल में अच्छी मात्रा में Magnesium, Phosphorus, Zinc और calcium होता है, जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा ब्रोकली में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है और कई बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए इसे खाया जा सकता है।
यह फल cancer और heart disease के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसका market भाव भी अच्छा है और इससे किसान भाई ब्रोकली की खेती कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं.
भूमि कैसी होनी चाहिए?
ब्रोकली की खेती के लिए उपजाऊ बलुई दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। चूंकि इसके पौधे ऊंचाई में छोटे होते हैं, इसलिए इसकी खेती योग्य भूमि को उचित जल निकासी की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का ph मान 6 और 7 के बीच होना चाहिए।
सिंचाई कैसे करें ?( How to irrigate ?)
ब्रोकली के पौधों को 5 से 6 बार पानी देने की आवश्यकता होती है। इसकी प्रारंभिक Irrigation Planting के तुरंत बाद की जाती है। इसके बाद ब्रोकली के पौधों को हर 10 से 15 दिन में पानी दें।
जलवायु और तापमान कितना होना चाहिए ?
ब्रोकली सर्दियों की फसल है, इसलिए भारत में इसकी खेती रबी के साथ-साथ की जाती है। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों में भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। इसके पौधों को अधिक वर्षा की आवश्यकता नहीं होती है। ब्रोकली के पौधे 20 से 25 °C पर अच्छी तरह अंकुरित होते हैं और इसके पौधे 20 °C पर अच्छी तरह बढ़ते हैं।
उन्नत किस्में (improved varieties)
ब्रोकली के तीन मुख्य प्रकार हैं: सफेद, हरा और बैंगनी। लेकिन बाजार में हरी गांठ वाली किस्मों को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। मुख्य किस्में हैं Nine Star, Perineal, Italian Green Sprouts, या Calabras, ft. 29 और Green हेड। ब्रोकली की किस्मों को परिपक्वता के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है।
अगेती किस्में (early varieties)- ये किस्में रोपण के बाद 60-70 दिनों में तैयार हो जाती हैं। मुख्य किस्में De Chico, Green Butt और spartan early हैं और संकर हैं Winter Komat, Premium Crop, Clip.
मध्यवर्गीय किस्में (middle class varieties)- वे 100 दिनों में तैयार हो जाएंगे। मुख्य किस्में- हरा अंकुरण माध्यम। संकर – Crosir, Krona, Emerald.
पिछेती किस्में (Late varieties)- ये किस्में रोपण के 120 दिन बाद तैयार हो जाती हैं। मुख्य किस्में- पूसा ब्रोकली-1, Of. D., Exam-1, Fruit Memory. hybrid – hard, kayak, green surf और Heavenly Krona.
उर्वरक की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
पौध रोपते समय 50 किलो गोबर 10 वर्ग mtr के क्षेत्र को कवर करें। इसे समान रूप से बिखेर दें, क्यारी की जुताई करें और बीज बो दें। खेत तैयार करने से पहले गाय के गोबर और phosphorus fertilizer की मात्रा को मिट्टी में अच्छी तरह मिला लें। nitrogen fertilizer को 2 या 3 भागों में विभाजित करके रोपण के 25, 45 और 60 दिनों के बाद लगाया जा सकता है। nitrogen fertilizer के 20-25 दिनों के बाद पौधों की जड़ों में मिट्टी लगाने से लाभ होता है।
खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?
ब्रोकली के पौधे जमीन की सतह से थोड़ा ऊपर बढ़ते हैं, जिसके कारण इनके पौधों को अधिक weed control की आवश्यकता होती है। इसके पौधों में खरपतवार नियंत्रण के लिए प्राकृतिक एवं chemical methods का प्रयोग किया जाता है। chemical means द्वारा पौधों में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए Trifluorene or Tok E-25 की सही मात्रा का जमीन पर छिड़काव किया जाता है, जिससे weed खेत से बाहर निकल जाते हैं।
इसके अलावा प्राकृतिक रूप से खर-पतवारों को नियंत्रित करने के लिए पौधों पर फावड़ा लगाकर खरपतवारों को हटाया जाता है। इसके पौधों को केवल 4 से 5 फावड़े की जरूरत होती है। इसकी शुरूआती निराई बुवाई के 10 से 15 दिन बाद की जाती है। यह transplant surgery के बाद 10 से 12 दिनों के अंतराल पर किया जाना चाहिए।
रोग एवं कीट प्रबंधन (diseases and pests)
आर्द्रपतन रोग (hematopoietic disease)
यह एक मृदा जनित रोग है जो पूरे पौधों में dehydration के रूप में होता है। रोग लगने पर पौधे की पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं, जिसके बाद पौधा जमीन के समीप सड़ जाता है। यह रोग अक्सर खेत में रुके हुए पानी में देखा जाता है। खेत में उचित जल निकासी की व्यवस्था करके पौधों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। इसके अलावा खेत में बीज बोने से पहले trichoderma viridis की उचित मात्रा में मिलाकर रोपण के बाद उपचारित करना चाहिए। इसके अलावा पौधों पर उचित मात्रा में Carbon dioxide का छिड़काव किया जाता है।
तना छेदक रोग (stem borer disease)
इस प्रकार का रोग पौधों की वृद्धि के दौरान पाया जाता है। रोग caterpillar पौधों की पत्तियों को खाता है और उन्हें नष्ट कर देता है। जैसे-जैसे रोग का प्रभाव बढ़ता है, पौधों के तनों में गोलाकार छिद्र दिखाई देने लगते हैं, जिससे पौधा ठीक से बढ़ना बंद कर देता है। इस बीमारी से बचाव के लिए ब्रोकली के पौधों पर नीम के तेल या काढ़े का छिड़काव किया जाता है। इसके अलावा पौधों पर उचित मात्रा में endosulfan या quinalphos का छिड़काव किया जाना चाहिए।
चेपा कीट रोग (Chepa pest disease)
यह कीट एक समूह के रूप में पौधों पर हमला करता है। zeba pest disease पौधों के नाजुक भागों को नुकसान पहुँचाता है। यह कीट आकार में छोटा होता है और पीले, हरे और काले रंग का दिखाई देता है। इस प्रकार की बीमारी सबसे अधिक गर्मी के महीनों में देखी जाती है। malathion या endosulfan का उचित छिड़काव रोग को रोक सकता है।
पैदावार और लाभ( yield and profit)
उपज 80 से 100 quintals per hectare है। ब्रोकली(broccoli) का market भाव 30 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो के बीच है। इससे किसान ब्रोकली की एक फसल से 3 लाख से 5 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं।
निष्कर्ष
ब्रोकोली(broccoli) एक ऐसी सब्जी है जो फूलगोभी की तरह दिखती है लेकिन उसका रंग अलग होता है। ब्रोकली में कई ऐसे Nutrients होते हैं जिन्हें खाकर आप कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। यह फल cancer और heart disease के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। ब्रोकली की खेती के लिए उपजाऊ बलुई दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।
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ब्रोकली सर्दियों की फसल है, इसलिए भारत में इसकी खेती रबी के साथ-साथ की जाती है। ब्रोकली के पौधे जमीन की सतह से थोड़ा ऊपर बढ़ते हैं, जिसके कारण इनके पौधों को अधिक weed control की आवश्यकता होती है। उपज 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। ब्रोकली का बाजार भाव 30 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो के बीच है। इससे किसान ब्रोकली की एक फसल से 3 लाख से 5 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं।
तो दोस्तों हमने ब्रोकली की खेती कैसे करें (How to Cultivate broccoli ) की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख से देने की कोशिश की है उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो प्लीज कमेंट सेक्शन में हमें बताएँ और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें। Thanks for reading