बहुलकन के प्रकार | यौगात्मक या यौगज बहुलक | संघनन बहुलकन | उदाहरण

इस पोस्ट में आप Class 12th Chemistry के बहुलकन के प्रकार | यौगात्मक या यौगज बहुलक | संघनन बहुलकन | उदाहरण अध्याय के सभी टॉपिक के बारे विस्तार से बताया गया है | आपको इन नोट्स से बहुत हेल्प मिलेगी |

उच्च अणुभार वाले यौगिक जो एकलक की अणुओं की बार बार पुर्नावृति से बनते है उन्हें बहुलक कहते है तथा इस क्रिया को बहुलकन कहते है।

बहुलकन के प्रकार :

1. यौगात्मक या यौगज बहुलक :

जब बहुलकन की क्रिया में छोटे छोटे अणु मिलकर बहुलकों का निर्माण तो कर लेते है परन्तु अन्य छोटे अणु जैसे जल , HCl , C2H5-OH आदि बाहर नहीं निकलते तो इस क्रिया को योगात्मक बहुलकन कहते है।

इसमें असंतृप्त एकलक के अणु भाग लेते है इस श्रृंखला क्रिया को प्रारंभ करने के लिए एक उत्प्रेरक काम में आता है जिसे प्रारम्भक कहते है , उत्प्रेरक क्रियाकारक के अणुओं से क्रिया करके मुक्त मूलक या आयन बनाते है। 

जब क्रिया में मुक्त मूलक भाग लेते है तो इसे मुक्त मूलक यौगात्मक बहुलक कहते है , इस क्रिया को निम्न उदाहरण द्वारा समझाया जा सकता है।

नोट : इस क्रिया में उत्प्रेरक बेंजॉइलपरॉक्साइड या तृतीयक ब्यूटिल परॉक्साइड काम में लेते है।

मुक्त मूलक क्रिया विधि :

यह क्रिया तीन पदों में प्रारम्भ होती है।

1. श्रृंखला प्रारम्भ पद –

2. श्रृंखला संरचना –

3. श्रृंखलायौगात्मक या यौगज

बहुलकों के उदाहरण :

A. पॉलीथिन : 

यह दो प्रकार की होती है

1 निम्न घनत्व पॉलीथिन (LDP)

उपयोग –

  •  पाइप , खिलौने , बोतल , कोट आदि को बनाने में
  •  इलेक्ट्रिक तारो की वैधुत अवरोधक करने के लिए

(2) उच्च घनत्व पॉलीथिन (HDP)इसे निम्न प्रकार से बनाया जाता है यह एक रेखिक बहुलक है।

नोट : ट्राई एथिल एलुमिनियम व TiCl4 के मिश्रण को त्सीगलर नट्टा कहते है।उपयोग :

  • विभिन्न घरेलु सामानों के निर्माण के लिए
  • पात्रों के निर्माण में , जो रसायन आदि को संचित करने के लिए प्रयोग किये जा सकते है क्यूंकि ये रासायनिक रूप से अक्रिय होते है।
B . पॉली टेट्रा फ्लूयोरो एथीन या टेफ्लोन या  (PTFE) :

यह टेट्रा फ्लोरो एथीन का समबहुलक है।

उपयोग :

  • गैस्केट के निर्माण में
  • न चिपकने वाली सतह से लेपित बर्तनों में टेफ्लोन उपयोग किया जाता है।
C. पॉली एक्रिलो नाइट्राइल

यह वाइनिल सायनाइड का समबहुलक है।

नोट : PAN को ऑरलॉन या एक्रिलन कहते है।उपयोग :

  • विभिन्न प्रकार की संश्लेषित कालीनों के निर्माण में
  • कम्बलो स्वेटरों व न धोने वाले कपडे आदि बनाने के लिए।

2. संघनन बहुलकन :

जब छोटे छोटे अणु मिलकर बहुलक का निर्माण तो कर लेते है परन्तु क्रिया के दौरान जल , HCl , OH आदि बाहर निकल जाते है तो उसे संघनन बहुलकन कहते है इसे पदश: वृद्धि बहुलकन भी कहते है।

संघनन बहुलको के उदाहरण :

A. पॉलिएस्टर बहुलक :

कार्बोक्सिलिक अम्ल व एल्कोहल की क्रिया से बनते है।

ये निम्न है

1. टेरिलीन या डेक्रोन –यह एथिलीन गलाइकोल व टेरीथैलिक अम्ल का समबहुलक है।

उपयोग :

  • वस्त्र उद्योगों में
  • टायरकोर्ड में
  • सीट बेल्ट बनाने में
2. ग्लिप्टेल या एल्कीडरेजिन :

यह एथिलीन ग्लाइकिन व थैलिक अम्ल का सहबहुलक है।

उपयोग :

  • पेन्ट व सुनहरी वर्निश के निर्माण में
  • एस्बेस्टस व सीमेंट बनाने में

Remark:

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UP Board Class 12 Chemistry Notes in Hindi

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