Author name: Rajkumar Singh

कवि बिहारीलाल का जीवन परिचय | Kavi Bihari Lal Ka Jivan Parichay

बिहारीलाल (Bihari lal) का जन्म संवत् 1652 ई. ग्वालियर में हुआ था. वे जाति के माथुर चौबे (चतुर्वेदी) थे। उनके पिता का नाम केशवराय था। जब बिहारी 8 वर्ष के थे तब इनके पिता इन्हे ओरछा ले आये और उनका बचपन बुंदेलखंड में बीता। कवि बिहारीलाल के गुरु नरहरिदास थे. बिहारीलाल (Bihari lal) की युवावस्था […]

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सूरदास का जीवन परिचय | Surdas Ka Jeevan Parichay

जीवन परिचय :- सूरदास (Surdas) का जन्म 1540 (वि. स.) में रुनकता नामक गाँव में हुआ। यह गाँव मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित है। कुछ विद्वानों का मत है कि सूर का जन्म सीही नामक ग्राम में एक निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था. वे बहुत विद्वान थे, उनकी लोग आज भी चर्चा करते

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तानाजी मालुसरे का जीवन परिचय | Tanaji Malusare Ka Jeevan Parichay

जीवन परिचय :- संक्षिप्त जीवनपरिचय – पुरा नाम – तानाजी मालुसरे जन्म – 1600  जन्म स्थान – गोदोली गांव – महाराष्ट्र पिता का नाम – सरदार कलोजी माता का नाम – पार्वती बाई प्रसिद्धि की मुख्य वजह – सिंहगढ़ (कोंढाणा किला)का युद्ध मृत्यु – 1670  महाराजा शिवाजी के बचपन के दोस्त व मराठा सम्राज्य के सबसे विश्वसनीय योद्धा तानाजी का जन्म 1600

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माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय | Makhanlal Chaturvedi Ka Jivan Parichay

संक्षिप्त जीवन परिचय नाम – माखनलाल चतुर्वेदी कार्यक्षेत्र एवं पेशा – पत्रकारिता, लेखक, साहित्यकार, एवं कवि साहित्य का प्रकार – नव-छायाकार जन्मतिथि – 4 अप्रैल 1889 जन्म स्थान – बाबई (होशंगाबाद) मध्यप्रदेश माता – सुंदरीबाई पिता- नंदलाल चतुर्वेदी पत्नी – ग्यारसी बाई शिक्षा – जबलपुर से प्राईमरी टीचर्स ट्रेनिंग (1905) नार्मल परीक्षा ससम्मान उत्तीर्ण (1907)

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रामनरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय | Ramnaresh Tripathi Jivan Parichay

जीवन परिचय: पंडित रामनरेश त्रिपाठी (Ramnaresh Tripathi) का जन्म ज़िला जौनपुर के कोइरीपुर नामक गाँव में 4 मार्च, सन् 1881 ई. को एक कृषक परिवार में हुआ था। इनके पिता ‘पंडित रामदत्त त्रिपाठी’ धर्म व सदाचार परायण ब्राह्मण थे। पंडित रामदत्त त्रिपाठी भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर रह चुके थे, उनका रक्त पंडित

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p-n  संधि डायोड में अग्र बायस और पश्च बायस | PN संधि डायोड का अभिलाक्षणिक वक्र

अग्र बायस (forward bias):-  यदि pn संधि डायोड के p भाग का सम्बन्ध बैटरी के धन टर्मेनल से ओर n भाग का सम्बन्ध बैटरी के ऋण टर्मिनल से कर दे तो इसे अग्र वायस कहते है। इस प्रकार से जोड़ने पर p भाग के कोटर बैटरी के धन टर्मिनल से प्रतिकर्षित होकर और n के e  बैटरी के ऋण टर्मिनल

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ट्रांजिस्टर के प्रवर्धक के रूप में | ट्रांजिस्टर दोलित्र के रूप में कार्य विधि | परिपथ चित्र

प्रवर्धन (Amplification):- निवेशी सिग्नल के आयाम में वृद्वि करने को प्रर्वान कहते है।  एक npn ट्रांजिस्टर को प्रवर्धक के रूप में कार्य करने के लिए परिपथ में जोड़ा गया है। इससे निवेशी सिग्नल Vi और बैटरी Vbb के श्रेणीक्रम में आरोपित करते है।  बैअरी Vbb का मान सक्रिय क्षेत्र के मध्य में रखना चाहिए और ट्रांजिस्टर ऐसा लेना चाहिए जिसका सक्रिय क्षेत्र

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N-P-N ट्रांजिस्टर परिपथ चित्र बनाइये और कार्यविधि | npn ट्रांजिस्टर को स्वीच के रूप में

कार्यविधि (working):- अभिलाक्षणिक वक्र खीचने के लिए npn ट्रांजिस्टर को उत्सर्जक आधार संधि को बैटरी Vbb से अग्र बायसित किया गया है। जबकि आधार संग्राहक संधि को बैटरी Vcc से पश्च बायसित किया गया है। वोल्टता Vce को नियत रखकर निवेशी धारा Ib और निवेशी वोल्टता Vb में लेखा चित्र खीचते है। जिससे निवेशी अभिलाक्षणिक वक्र कहते है। जो चित्र में दिखाये अनुसार प्राप्त होता है।

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जेनर डायोड (Zener diode) | फोटो डायोड

जेनर डायोड (Zener diode in hindi ):- यह ऐसा डायोड है जो वोल्टता नियंत्रण में काम आता है। इसके p और n भाग में अधिक मात्रा में अशुद्वि अपमिश्रित करते है ताकि ह्यसी क्षेत्र की चैड़ाई कम हो । इससे कम वोल्टता आरोपित करने पर ही संधि तल पर उच्च विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है इसे परिपथ

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दिष्ट करण | कार्यप्रणाली | पूर्ण तरंग दिष्टकारी | शुद्ध दिष्टधारा के लिए फिल्टर परिपथ

दिष्ट करण :-प्रत्यावृत्ति धारा को दिष्ट धारा में बदलना दिष्टकरण कहलाता है और जिस परिपथ के द्वारा दिष्टकरण किया जाता है। उसे दिष्टकारी कहते है। इसके लिए प्रत्यावृत्ति का सम्बद्व ट्रांसफार्मर की प्राथमिक कुण्डली से कर देते है और द्वितीयक कुण्डली के साथ एक डायोड और लोड RL जोड़ देते हैं। कार्यप्रणाली:- जब द्वितीयक कुण्डली का a सिरा धनात्मक

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