Author name: Rajkumar Singh

चुम्बकीय क्षेत्र में आवेश की गति Motion of charge in a Magnetic Field in hindi

चुम्बकीय क्षेत्र में आवेश की गति : जब कोई गतिशील आवेश q किसी चुम्बकीय क्षेत्र B तथा विद्युत क्षेत्र E में v वेग से प्रवेश या गति करता है तो आवेश q पर दो प्रकार के बल कार्य करते है। 1. चुम्बकीय बल = qvB 2. विद्युत बल = qE अतः आवेश q पर कुल बल का मान […]

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हैल्महोल्ट्ज कुण्डलियाँ क्या है?

हैल्महोल्ट्ज कुण्डलियाँ क्या है ( Helnhottz Coils in hindi ): दो वृत्ताकार कुंडलियां जो समान अक्ष पर स्थित हो , जिनका आकार समान हो , दोनों कुंडलियों के मध्य की दुरी उनकी त्रिज्या के बराबर हो तथा दोनों कुण्डलियों में समान धारा समान दिशा में प्रवाहित हो रही हो , इस प्रकार के कुंडलियों के युग्म को हेल्महोल्ट्ज

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वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र

वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के कारण चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field due to current carrying circular coil ) : जब एक वृत्ताकार कुण्डली हो तो इसके कारण कितना चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा साथ ही इसके लिए सूत्र भी स्थापित करेंगे।  कुण्डली के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic field at the Centre of coil  ) जब हम किसी वृत्ताकार कुंडली

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लम्बे तथा सीधे धारावाही चालक तार के कारण चुंबकीय क्षेत्र

विभिन्न प्रकार की आकृतियों के कारण किसी बिंदु पर चम्बकीय क्षेत्र कितना होता है तथा इनके लिए सूत्र भी स्थापित करेंगे। 1. परिमित लम्बाई का सीधा धारावाही चालक तार (Straight current carrying conducting wire of finite length ) यहाँ पहले यह समझ ले की परिमित लम्बाई का मतलब होता है सिमित लम्बाई वाला तार के कारण

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चुंबकीय क्षेत्र की दिशा | स्नो नियम | दांये हाथ के अंगूठे |मैक्सवल का कार्क पेच नियम

चुंबकीय क्षेत्र की दिशा (Direction of Magnetic Field in Hindi) : चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के लिए विभिन्न नियम है जो हर एक स्पेशल परिस्थिति के लिए काम में लिया जाता है , हम यहाँ कुछ नियमों का अध्ययन करते है जिनकी सहायता से हम चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कर सकते है। स्नो

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बायो सावर्ट का नियम क्या है?

बायो सावर्ट का नियम क्या है : जब किसी चालक में धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक के चारों पर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है तथा इस क्षेत्र की रेखाएं संकेन्द्रिय वृतो के रूप में होती है। जब सम्पूर्ण चालक के कारण किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करना होता है तब

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चुंबकीय क्षेत्र क्या है | परिभाषा | मात्रक | विमीय सूत्र 

चुंबकीय क्षेत्र की परिभाषा क्या है  : “ऐसा क्षेत्र जिसमे किसी बिंदु पर रखी गयी चुंबकीय सुई एक निश्चित दिशा में ठहरती है इसे क्षेत्र को चुंबकीय क्षेत्र कहते है।” चुंबकीय सुई जिस दिशा में ठहरती है इसे चुंबकीय क्षेत्र की दिशा कहते है। अतः यह एक सदिश राशि है इसे B से प्रदर्शित करते है इसका

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ओरस्टेड का चुंबकीय क्षेत्र प्रयोग तथा निष्कर्ष

ओरस्टेड का प्रयोग (oersted experiment) : ओरेस्टेड ने सन 1820 में एक प्रयोग किया , यह प्रयोग उन्होंने चालक तार में धारा प्रवाहित होने पर क्या होता है यह अध्ययन करने के उद्देश्य से किया था। ओरस्टेड ने अपने प्रयोग से यह स्पष्ट सिद्ध किया की ” जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती

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विद्युत स्थितिज ऊर्जा | सूत्र | SI मात्रक | विमा | वैद्युत प्रकार

विद्युत स्थितिज ऊर्जा (electric potential energy in hindi) : वैद्युत स्थितिज ऊर्जा एक अदिश राशि है लेकिन यह धनात्मक , ऋणात्मक अथवा शून्य भी हो सकती है।  वैद्युत स्थितिज ऊर्जा का मात्रक कार्य या ऊर्जा के मात्रक के समान होता है अर्थात विद्युत स्थितिज ऊर्जा का SI पद्धति में मात्रक “जूल” होता है। कभी कभी ऊर्जा

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आवेशन की विधियाँ | उदाहरण | चित्र | वस्तु को आवेशित करना

वस्तु का आवेशन : जब किसी वस्तु के परमाणुओं में इलेक्ट्रोनों की संख्या प्रोटोनों की संख्या से भिन्न हो जाती है तो वह आवेशित हो जाती है। इलेक्ट्रॉनो की कमी हो जाने पर वस्तु धनावेशित और इलेक्ट्रॉनो की अधिकता होने पर वस्तु ऋण आवेशित हो जाती है। इलेक्ट्रॉन के आवेश के परिमाण को मूल आवेश कहते

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