Bal Kise Kahate Hain-बल किसे कहते हैं

Bal Kise Kahate Hain:हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर बल की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया है।Bal Kise Kahate Hainयह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

Bal Kise Kahate Hain

बल वह बाह्य कारक हैं जो किसी वस्तु की प्रारंभिक अवस्था में परिवर्तन करता हैं या परिवर्तन करने की चेष्टा करता हैं।

दूसरे शब्दों में बल वह कारक होता है जो किसी भी रुकी हुई अथवा थमी हुई वस्तु में परिवर्तन ला सकता है।जब कोई वस्तु किसी भी सीधे रास्ते पर चल रही होती है तो उसे रोकने के लिए या उसकी गति को और तेज करने के लिए जिस कारक का उपयोग किया जाता है उसे ही बल कहते है।

बल एक सदिश राशि है, इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं।

बल का विमीय सूत्र

बल का विमाय सूत्र = [M L T^-2] होता हैं।

बल का मात्रक

बल का S.I मात्रक न्यूटन (N) है।

बल के प्रकार

बल मुख्यतः चार प्रकार के होते है।

1. घर्षण बल (Friction force)

यह वह बल है जो किसी वस्तु की गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है यह दो सतहों के बीच कार्य करता है।

उदाहरण:

जब हम चलते हैं तो यह बल हमारे चप्पल या जूते और धरती के बीच कार्य करता है।

जब सड़क पर कोई कार दौड़ती है तो यह बल सड़क और कार के टायर के बीच कार्य करता है।

घर्षण बल को कम करना

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घर्षण बल को कम करने के लिए हम निम्न चीजों का उपयोग करते हैं।

  • चिकनी गोली
  • चिकनी समतल
  • समतल की सतह पर चिकनाई युक्त पदार्थ का उपयोग

2. अभिकेन्द्रीय बल (Centripetal force)

जब कोई वस्तु वृतीय पथ पर गति करता है तो उसके केंद्र से उस पर एक बल लगताBal Kise Kahate Hain है जो उसे प्रत्येक बिंदु पर केंद्र की ओर खींचता है। इस बल को अभिकेन्द्रीय बल कहते है।

जैसे: सूर्य के चारो ओर पृथ्वी की गति।

3. चुम्बकीय बल (Magnetic force)

चुम्बक द्वारा किसी चुम्बकीय धातु पर लगाया गया बल चुम्बकीय बल कहलाता है अथवा विद्युत चुम्बक द्वारा अपने चारों फैले चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय धातु द्वारा बल का अनुभव करना।

4. गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force)

दो पिंडो के बीच लगने वाले बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते है। जैसे – पृथ्वी और सूर्य के बीच लगने वाला बल।

प्रबलता के आधार पर बल

बल की प्रबलता के आधार पर बल दो प्रकार के होते है

  • संतुलित (balanced force)
  • असंतुलित (unbalanced force)

1. संतुलित बल (balanced force)

यदि कोई भी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य हो तो उस वस्तु पर लगने वाले सभी संतुलित बल कहलाते हैं।

2. असंतुलित बल (unbalanced force)

असंतुलित बल वह बल होता है जिसमे प्रस्ताव होता है जैसे की किसी रस्सी को दोनों तरफ से खींचा जाए और वह एक तरफ के लोगो को दूसरी तरफ ले आए।

यदि हम संतुलित बलों से शुरू करें और तब उनमें किसी एक बल को बढ़ा या घटा दे तो परिणामी बल शून्य नहीं रह जायेगा और वस्तु उस बढ़े हुए बल की दिशा में गति करना प्रारम्भ कर देगी, अथार्थ उसमे त्वरण उत्पन्न हो जायेगा। इस स्तिथि में बल असंतुलित हो जायेगाBal Kise Kahate Hain जिसे असंतुलित बल कहा जायेगा।

उदहारण:

  • दरवाजे को खोलने या बंद करने के लिए खीचना अथवा धकेलना।
  • चलती हुई वाहन को रोकने के लिए ब्रेक लगाना।
  • किसी रुकी हुई वस्तु को धक्का मारना जिससे की वह चलने लगे।
  • किसी भी वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना।
  • ऊपर से गिरती हुई कोई वस्तु गुरुत्वाकर्षण की वजह से जमीन पे आ गिरती है यह भी बल है।
  • तराजू का एक तरफ झुक जाना आदि।

आर्टिकल में अपने पढ़ा कि बल किसे कहते हैं, हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

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