Physics Class 12

टोरॉइड (टोरोइड) की अक्ष पर चुम्बकीय क्षेत्र

टोरॉइड (टोरोइड) की अक्ष पर चुम्बकीय क्षेत्र : जब एक लम्बी परिनालिका को मोड़ कर एक वृत्ताकार आकार दिया जाता है अर्थात मोड़कर दोनों सिरों को आपस में मिलाया जाता है तो बनी आकृति को टोरॉइड (टोरोइड) कहते है। यह एक खोखले छल्ले की तरह आकृति का होता है जिस पर अत्यधिक पास में तार […]

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दण्ड चुम्बक एवं धारावाही परिनालिका के व्यवहार की तुलना

दण्ड चुम्बक एवं धारावाही परिनालिका के व्यवहार की तुलना : जब किसी धारावाही परिनालिका को धागे से लटकाया जाता है तो यह परिनालिका (सोलेनोइड) एक दंड चुम्बक की तरह व्यवहार करता है। अर्थात जब धारावाही परिनालिका को धागे से स्वतंत्रता पूर्वक लटकाया जाए तो यह उत्तर दक्षिण दिशा में ठहरती है। जब किसी परिनालिका में

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अनन्त लम्बाई की परिनालिका में चुम्बकीय क्षेत्र

अनन्त लम्बाई की परिनालिका में चुम्बकीय क्षेत्र : किसी आदर्श परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र एक समान रहता है तथा बाहर शून्य रहता है , अब हम बात करते है की आदर्श सोलेनॉइड (परिनालिका) के भीतर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का मान कितना होता है इसके लिए सूत्र स्थापित करके अध्ययन करते है। चित्रानुसार एक आदर्श

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परिनालिका की परिभाषा क्या है?

परिनालिका की परिभाषा क्या है : जब किसी चीनी मिट्टी से बनी बेलनाकार नलिका जिसकी लम्बाई अधिक हो तथा त्रिज्या बहुत कम हो , पर ताँबे का तार लपेटा जाता है इस व्यवस्था को परिनालिका कहते है। चीनी मिट्टी की बेलनाकार आकृति पर फेरे पास पास लपेटे जाते है अर्थात फेरों के मध्य जगह नहीं

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एम्पीयर का नियम चुम्बकीय क्षेत्र के सम्बन्ध में क्या है?

एम्पीयर का नियम चुम्बकीय क्षेत्र के सम्बन्ध में क्या है : किसी धारा वितरण के लिए चुम्बकीय क्षेत्र का मान ज्ञात कर सकते है।  अर्थात जब किसी चालक तार इत्यादि में धारा समान रूप से प्रवाहित हो रही हो तो इस तार के कारण किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र का मान क्या होगा यह हमने

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वोल्टमीटर क्या है | धारामापी का वॉल्ट मीटर में रूपान्तरण

वोल्टमीटर (voltmeter in hindi): यह एक ऐसी युक्ति है जिसका प्रयोग दो बिंदुओं के मध्य विभवान्तर का मान ज्ञात करने के लिए किया जाता है , अर्थात किन्हीं दो बिन्दुओ के बीच विभवान्तर का मापन करने के लिए वोल्टमीटर का उपयोग किया जाता है। यदि किसी किलकित कुण्डली धारामापी के श्रेणीक्रम में उचित मान का

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अमीटर क्या है | धारामापी का अमीटर में रूपान्तरण

अमीटर क्या है ( Ammeter in hindi ): यह एक ऐसी युक्ति है जिसका उपयोग किसी भी परिपथ में प्रवाहित धारा का मान ज्ञात करने या मापने के लिए होता है। अमीटर एक अत्यन्त कम प्रतिरोध वाली युक्ति है तथा इसकी सहायता से धारा का मापन करने के लिए इसको परिपथ में हमेशा श्रेणीक्रम में

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शंट प्रतिरोध की परिभाषा क्या है | शण्ट का प्रयोग का कारण

कभी कभी ऐसा होता है की धारामापी में इसकी क्षमता से अधिक धारा प्रवाहित हो जाती है , अधिक धारा प्रवाहित होने से इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है इस ऊष्मा के कारण धारा में उपयोग की गयी कुण्डली के जलने का खतरा बन जाता है। या अचानक से धारामापी में अत्यधिक

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धारामापी की सुग्राहिता | धारा सुग्राहिता | वोल्टता सुग्राहिता | दक्षतांक | प्रभावी करने वाले कारक

धारामापी की सुग्राहिता : अल्प से अल्प धारा को भी अच्छी सुग्राहिता वाली धारामापी द्वारा संसूचन कर सकते है। अतः हम कह सकते है की सुग्राहिता का तात्पर्य धारामापी की गुणवत्ता से है। यदि किसी धारामापी की कुण्डली में एक बहुत अल्प धारा प्रवाहित की जाए तथा इस अल्प धारा का मापन धारामापी में अच्छा विक्षेप

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निलंबित कुण्डली धारामापी | त्रिज्य क्षेत्र

निलंबित कुण्डली धारामापी (suspended coil galvanometer in Hindi ) : बनावट या संरचना (Construction) : निलम्बित कुण्डली धारामापी की संरचना चित्र में दिखाई गयी है , इसमें एक अनुचुम्बकीय धातु (एल्युमिनियम) पर विद्युत रोधी तथा ताँबे के तार को लपेटकर कुण्डली बनाई जाती है। इस कुण्डली को फॉस्फर ब्रॉन्ज (phosphor bronze) के तार की सहायता

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