Physics Class 12

धारामापी क्या है | गैल्वेनोमीटर | सिद्धान्त | कार्य | प्रकार | उपयोग

धारामापी क्या है (Galvanometer in hindi): किसी विद्युत परिपथ में अल्प विद्युत धारा के मापन के लिए जिस युक्ति का उपयोग किया जाता है उसे धारामापी या गैल्वेनोमीटर कहते है। धारामापी किस सिद्धान्त पर कार्य करती है (principle of galvanometer): यह युक्ति इस सिद्धांत पर कार्य करती है की ” यदि किसी समान या नियत […]

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एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में आयताकार धारावाही लूप पर बल एवं बल आघूर्ण

जब किसी आयताकार धारावाही लूप को एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाए तथा इस लूप में विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो इस लूप पर एक बलाघूर्ण कार्य करता है हम इस बल आघूर्ण का अध्ययन करेंगे तथा इसके लिए सूत्र की स्थापना करेंगे। चित्रानुसार माना एक ABCD आयताकार लूप है , इस लूप में

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दो समान्तर धारावाही चालक तारों के मध्य चुम्बकीय बल या एम्पियर का नियम

जब एक धारावाही चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित करते है तो इसके चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। जब दो धारावाही चालकों को एक दूसरे के निकट रखा जाता है तथा इनमे विद्युत धारा प्रवाहित करते है तो ये एक दूसरे पर अपने चारों तरफ उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल आरोपित

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फ्लेमिंग का बायें हाथ का नियम | दांये हाथ की हथेली का नियम

जब किसी धारावाही चालक को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक तार पर बल कार्य करता है। 1. फ्लेमिंग का बायें हाथ का नियम (fleming’s left hand rule) 2. दांये हाथ की हथेली का नियम (Right hand palm rule ) अब हम इन दोनों नियमो को विस्तार से पढ़ते

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चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक तार पर बल

जब किसी चालक तार को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो तार में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनो पर लॉरेन्ज बल कार्य करता है और इस लॉरेंज बल (चुम्बकीय बल ) के कारण तार में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉन चालक में अपवहन चाल (वेग) से प्रवाहित होना शुरू हो जाते है। अतः किसी धारावाही चालक को

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साइक्लोट्रॉन की गणितीय विवेचना | सीमाएँ | उपयोग

साइक्लोट्रॉन क्या है: साइक्लोट्रॉन में धनावेशित कण वृत्ताकार पथ में गति करता है और हम जानते है की वृत्ताकार पथ में गति करने के लिए अभिकेंद्रीय बल की आवश्यकता होती है , इसको यह अभिकेंद्रीय बल चुम्बकीय क्षेत्र से प्राप्त होता है। चूँकि हम जानते है की कण का रेखीय संवेग p = mvअतः अर्द्ध आवर्त

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चुम्बकीय क्षेत्र में आवेश की गति Motion of charge in a Magnetic Field in hindi

चुम्बकीय क्षेत्र में आवेश की गति : जब कोई गतिशील आवेश q किसी चुम्बकीय क्षेत्र B तथा विद्युत क्षेत्र E में v वेग से प्रवेश या गति करता है तो आवेश q पर दो प्रकार के बल कार्य करते है। 1. चुम्बकीय बल = qvB 2. विद्युत बल = qE अतः आवेश q पर कुल बल का मान

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हैल्महोल्ट्ज कुण्डलियाँ क्या है?

हैल्महोल्ट्ज कुण्डलियाँ क्या है ( Helnhottz Coils in hindi ): दो वृत्ताकार कुंडलियां जो समान अक्ष पर स्थित हो , जिनका आकार समान हो , दोनों कुंडलियों के मध्य की दुरी उनकी त्रिज्या के बराबर हो तथा दोनों कुण्डलियों में समान धारा समान दिशा में प्रवाहित हो रही हो , इस प्रकार के कुंडलियों के युग्म को हेल्महोल्ट्ज

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वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र

वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के कारण चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field due to current carrying circular coil ) : जब एक वृत्ताकार कुण्डली हो तो इसके कारण कितना चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा साथ ही इसके लिए सूत्र भी स्थापित करेंगे।  कुण्डली के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic field at the Centre of coil  ) जब हम किसी वृत्ताकार कुंडली

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लम्बे तथा सीधे धारावाही चालक तार के कारण चुंबकीय क्षेत्र

विभिन्न प्रकार की आकृतियों के कारण किसी बिंदु पर चम्बकीय क्षेत्र कितना होता है तथा इनके लिए सूत्र भी स्थापित करेंगे। 1. परिमित लम्बाई का सीधा धारावाही चालक तार (Straight current carrying conducting wire of finite length ) यहाँ पहले यह समझ ले की परिमित लम्बाई का मतलब होता है सिमित लम्बाई वाला तार के कारण

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