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अभ्यास
प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगायें
(1) धान की खेती होती है –
(क) खरीफ ✓
(ख) रबी
(ग) जायद
(घ) इनमें से कोई नहीं
(2) धान की नर्सरी लगायी जाती है –
(क) मई के अंतिम सप्ताह में ✓
(ख) जून के अंतिम सप्ताह में
(ग) जुलाई के प्रथम सप्ताह में
(घ) इनमें से कोई नहीं
(3) खरीफ की प्रमुख फसल है –
(क) धान ✓
(ख) गेहूँ
(ग) चना
(घ) मटर
(4) धान की सीधी बुवाई में प्रजाति का प्रयोग करते हैं –
(क) साकेत – 4 ✓
(ख) सरजू-52
(ग) आई आर – 8
(घ) उपर्युक्त सभी
(5) सुगंधित धान की प्रजाति है –
(क) टा-3
(ख) बासमती-370
(ग) पूसा बासमती – 1
(घ) उपर्युक्त सभी ✓
(6) मक्का की खेती की जाती है –
(क) खरीफ
(ख) रबी
(ग) जायद
(घ) उपर्युक्त सभी में ✓
(7) मक्का की खेती के लिए उपयुक्त भूमि होती है –
(क) दोमट ✓
(ख) चिकनी मिट्टी
(ग) भावर मिट्टी
(घ) इसमें से कोई नहीं
(8) संकर मक्का की प्रजाति है –
(क) गंगा – 2
(ख) गंगा – 11
(ग) डेकन – 107
(घ) उपर्युक्त सभी ✓
(9) संकुल मक्का की प्रजाति है –
(क) नवीन
(ख) कंचन
(ग) श्वेता
(घ) उपर्युक्त सभी ✓
(10) उड़द फसल है –
(क) दलहनी ✓
(ख) तिलहनी
(ग) दलहनी एवं तिलहनी दोनों
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(11) कुफरी चन्द्रमुखी प्रजाति है –
(क) मक्का
(ख) आलू
(ग) मूंग
(घ) अरहर ✓
(12) सरसो में तेल पाया जाता है –
(क) 30 – 40% ✓
(ख) 20 – 22%
(ग) 10 – 12%
(घ) इसमें से कोई नहीं
(13) अरहर की उपज होती है –
(क) 20-25 कुन्तल प्रति हेक्टेयर ✓
(ख) 34-66 कुन्तल प्रति हेक्टेयर
(ग) 35-40 कुन्तल प्रति हेक्टेयर
(घ) उपर्युक्त सभी ठीक है।
(14) आलू की फसल तैयार होती है
(क) 120-125 दिन में ✓
(ख) 230-235 दिन में
(ग) 215-220 दिन में
(घ) उपर्युक्त सभी ठीक है।
(15) गेहूं के अच्छे उत्पादन हेतु भूमि की आवश्यकता होती है –
(क) दोमट मिट्टी ✓
(ख) बलुई दोमट मिट्टी
(ग) चिकनी मिट्टी
(घ) इसमें से कोई नहीं
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- धान खरीफ की फसल है।
- रोपाई के लिए धान की उपयुक्त प्रजाति नरेन्द्र-97 अच्छी है।
- सुगंधित धान की उपयुक्त प्रजाति टा-3 है।
- एक हेक्टेयर नर्सरी में जिंक सल्फेट 5 किग्रा प्रयोग किया जाता है।
- धान की रोपाई 3, 4 सेमी गहराई पर करते हैं।
- देशी मक्का की बीज दर 18 से 20 किग्रा प्रति हेक्टेयर है।
- सोयाबीन में 40 से 42 % प्रोटीन पाई जाती है।
- गेहूं की फसल में 5-6 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है।
- मटर की बुवाई 3-4 सेमी गहराई पर की जाती है।
- अरहर की बुवाई 7.5 सेमी गहराई पर की जाती है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) तथा गलत के सामने गलत (✗) का निशान लगाइए –
- धान की खेती केवल रोपाई विधि द्वारा की जाती है। (✗)
- धान की नर्सरी में खैरा रोग से बचाव हेतु जिंक का प्रयोग आवश्यक है। (✓)
- एक हेक्टेयर धान की नर्सरी से 15 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपाई की जा सकती है। (✓)
- देशी मक्का का बीज दर संकुल मक्का से कम होता है। (✓)
- मक्का की खेती के लिए उपयुक्त भूमि दोमट होती है। (✓)
- मक्का तीनों ऋतुओं में उगायी जाती है। (✓)
- संकर एवं संकुल मक्का के लिए 80 किग्रा नाइट्रोजन का प्रयोग किया जाता है। (✗)
- मक्का की फसल को गिरने से बचाने के लिए मिट्टी चढ़ाना आवश्यक है। (✓)
- अलंकार उड़द की प्रजाति है। (✗)
- सरसों से तेल निकाला जाता है। (✓)
- उड़द की फसल में राइजोबियम कल्चर का प्रयोग करना चाहिए। (✓)
- गेहूं में प्रोटीन नहीं पाया जाता है। (✗)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए – (सुमेल करके)
उत्तर :
प्रश्न 5.
(1) सिंचित दशा में धान की फसल में नाइट्रोजन की मात्रा बताइए।
उत्तर :
120 किग्रा०
(2) सुगन्धित थान की दो प्रजातियों के नाम लिखिए।
उत्तर :
टा-3, बासमती-370
(3) धान की रोपाई के समय नाइट्रोजन की कितनी मात्रा प्रयोग करनी चाहिए।
उत्तर :
60 किग्रा० प्रति हेक्टेयर
(4) धान की उन्नतशील फसल के लिए फॉस्फोरस की मात्रा बताइए।
उत्तर :
60 किग्रा० प्रति हेक्टेयर
(5) महीन थान की नर्सरी के लिए बीज की प्रति हेक्टेयर मात्रा बताइए।
उत्तर :
30 किग्रा०
(6) एक हेक्टेयर धान की नर्सरी से कितने हेक्टेयर क्षेत्रफल की रोपाई की जाती है?
उत्तर :
15 हेक्टेयर
(7) नर्सरी में खैरा रोग से नियन्त्रण हेतु कितनी जिंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर प्रयोग की जाती है?
उत्तर :
5 किग्रा०
(8) धान की रोपाई के समय एक स्थान पर कितने पौधे लगाए जाते हैं?
उत्तर :
2-3 पौधे
(9) संकर मक्का की दो प्रजातियों का माम बताइए।
उत्तर :
गंगा-2, गंगा-11
(10) देशी मक्का की बुवाई के लिए बीज की प्रति हेक्टेयर मात्रा बताइए।
उत्तर :
18-20 किग्रा०
(11) संकर एवं संकुल प्रजातियों के लिए बीज की प्रति हेक्टेयर कितनी मात्रा प्रयोग की जाती है।
उत्तर :
20-25 किग्रा०
(12) मक्के की बुवाई कितनी गहराई पर करते हैं?
उत्तर :
5 सेमी०
(13) मक्के के खेत में दीमक के नियन्त्रण हेतु किस कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर :
20 से 25 किग्रा० रेत के साथ 2% मिथाइल पैराथियान छिड़काव प्रति हेक्टेयर करना चाहिए।
(14) गेहूं की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन की कितनी मात्रा प्रयोग करनी चाहिए?
उत्तर :
120 किग्रा० प्रति हेक्टेयर
(15) गेहूं की फसल के लिए नाइट्रोजन फॉस्फोरस एवं पोटाश की मात्रा प्रति हेक्टेयर बताइए।
उत्तर :
120 किग्रा० नाइट्रोजन, 60 किग्रा० फास्फोरस, 40 किग्रा० पोटाश।
(16) उड़द को बुवाई से पूर्व किस रसायन से उपचारित करते हैं?
उत्तर :
उड़द को बुवाई से पूर्व अच्छी पैदावार व सही बढ़ोतरी के लिए राइजोबियम जैसे रसायन से उपचारित करते हैं।
(17) मूंग की बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर कितने किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है?
उत्तर :
मूंग की बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 15-20 किग्रा0 बीज की आवश्यकता होती है।
(18) सरसो की बुवाई का उपयुक्त समय बताइये।
उत्तर :
सरसो की बुवाई सितम्बर से अक्टूबर के महीने में करनी चाहिए।
प्रश्न 6.
धान की नर्सरी तैयार करने की विधि बताइए।
उत्तर :
नर्सरी – एक हेक्टेयर क्षेत्रफल की रोपाई के लिए महीन धान का 30 किग्रा०, मध्यम धान का 35 किग्रा० और मोटे धान का 40 किग्रा बीज पौधा तैयार करने के लिए पर्याप्त होता है एक हेक्टेयर नर्सरी में। 15 हेक्टेयर की रोपाई होती है। नर्सरी में पौधों की उचित बढ़वार के लिए 100 किग्रा० नाइट्रोजन, 50 किग्रा० । फॉस्फोरस प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। नर्सरी में खैरा रोग नियन्त्रण हेतु 5 किग्रा० जिंक सल्फेट का 2% यूरिया के साथ घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए। नर्सरी में कीड़ों के बचाव हेतु क्लोरोपाइरीफारस 20 ईसी (Emultion Concentrate) को 1.5 लीटर को 800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
प्रश्न 7.
धान की रोपित फसल में फसल सुरक्षा के क्या उपाय किए जाते हैं?
उत्तर :
फसल सुरक्षा – धान के खेत में रोपाई से कटाई तक अनेक कीड़े व रोग लगते हैं। ये कीड़े दीमक, गंधी बग, सैनिक कीट, हरा फुदका, पत्ती लपेट कीट तथा तना छेदक आदि हैं।
5% मैलाथियान धूल का 20 से 25 किग्रा० प्रति हेक्टेयर फसलों पर छिड़काव करें। सैनिक कीट नियन्त्रण इंडोसल्फान 35 ई०सी० का छिड़काव किया जाता है। जिंक की कमी से खैरा रोग होता है। 5 किग्रा० जिंक सल्फेट तथा 2.5 किग्रा बुझा हुआ चूना अथवा 20 किग्रा यूरिया 1000 ली० पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़कावं करना चाहिए। झुलसा रोग के उपचार के लिए 15 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन व कॉपर ऑक्सीक्लोराइड की 500 ग्राम मात्रा को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर 2 से 3 बार छिड़काव करना चाहिए।
प्रश्न 8.
धान की फसल में खाद एवं उर्वरक की मात्रा प्रति हेक्टेयर बताइए तथा देने की विधि भी लिखिए।
उत्तर :
धान की फसल में उर्वरकों का प्रयोग मृदा परिरक्षण के आधार पर किया जाता है। सिंचित दशा में नाइट्रोजन 120 किग्रा०, फॉस्फोरस 60 किग्रा० एवं पोटाश 60 किग्रा० प्रति हेक्टेयर देना चाहिए। नाइट्रोजन की आधी मात्रा तथा फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा रोपाई के एक या दो दिन बाद खेत में देनी चहिए। नाइट्रोजन की शेष मात्रा कल्ले निकलते समय एवं बालियाँ निकलने से पूर्व छिड़क देनी चाहिए।
धान की सीधी बुवाई मैं – नाइट्रोजन 100 किग्रा०, फॉस्फोरस 50 तथा पोटाश 50 किग्रा० प्रति हेक्टेयर दिया जाता है। नाइट्रोजन की एक चौथाई मात्रा तथा फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा कैंडों में बीज के नीचे डालना चाहिए। नाइट्रोजन का दो चौथाई भाग कल्ले फटते समय तथा शेष बाली बनने से पूर्व प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 9.
मक्का में लगने वाले रोग एवं उनसे बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर :
मक्का में झुलसा रोग लगता है। इसके उपचार हेतु 2 से ढाई किग्रा० इंडोफिल एम-45 को 800-1000 ली० पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर 2-3 छिड़काव करने चाहिए। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में तना सड़न रोग होता है। जिसके उपचार के लिए 15 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन को 1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
प्रश्न 10.
मक्का की फसल में खाद एवं उर्वरक की मात्रा प्रति हेक्टेयर एवं प्रयोग की विधि लिखिए।
उत्तर :
विद्यार्थी प्रश्न 9. का उत्तर देखें।
प्रश्न 11.
सोयाबीन से कौन-कौन से व्यंजन तैयार किए जाते हैं?
उत्तर :
सोयाबीन से दूध, दही, मगौड़ी, बड़ियाँ इत्यादि पौष्टिक पेय एवं खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं।
प्रश्न 12.
सोयाबीन की फसल में खाद एवं उर्वरक की आवश्यकता एवं प्रयोग करने की विधि लिखिए।?
उत्तर :
सोयाबीन की अच्छी पैदावार हेतु 15-20 किंग्रा० नाइट्रोजन, 40-60 किग्रा० फॉस्फोरस तथा 30-40 किग्रा० पोटाश प्रति हेक्टेयर प्रयोग करते हैं। उर्वरक की पूरी मात्रा अंतिम जुताई पर हल के पीछे कूड़ों में 6-7 सेमी गहराई पर डालनी चाहिए।
प्रश्न 13.
गेहूं की खेती के लिए खाद एवं उर्वरक की मात्रा तथा प्रयोग करने की विधि बताइए।
उत्तर :
गेहूँ के लिए खाद एवं उर्वरक का प्रयोग- गेहूँ फसल के लिए 120 किग्रा० नाइट्रोजन, 60 किग्रा० फॉस्फोरस तथा 40 किग्रा० पोटाश प्रति हेक्टेयर प्रयोग करना चाहिए। नाइट्रोजन की आधी मात्रा तथा बाकी दो की पूरी मात्रा बीज के साथ कैंड़ में 5 सेमी० गहराई पर देनी चाहिए तथा शेष नाइट्रोजन दो भागों में कल्ले निकलते समय तथा बालियाँ बनते समय देनी चाहिए। नाइट्रोजन शाम को खड़ी फसल में दी जाती है। सिंचाई के बाद जब पैर का हलका निशान बने तब यूरिया लगाना चाहिए।
प्रश्न 14.
मटर की सिंचित असिंचित क्षेत्र में खेती हेतु उर्वरक की मात्रा एवं प्रयोग विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
मटर की खेती में कम्पोस्ट खाद लगाने के बाद 25-30 किग्रा० नाइट्रोजन, 50-60 किग्रा० फॉस्फोरस तथा 40-50 किग्रा० पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से लगाना चाहिए।
प्रश्न 15.
मटर की फसल में लगने वाले महत्त्वपूर्ण कीड़ों एवं बचाव के उपाय बताइए।
उत्तर :
मटर में चूँड़ियों से नियन्त्रण हेतु दो किलो मैलाथियान, 50% घुलनशील चूर्ण 800-1000 ली० पानी में घोलकर छिड़कना चाहिए अथवा मैलाथियान 50 ई०सी० की 1 ली० पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़कना चाहिए।
फली छेदक कीटक के अलावा पत्ती में सुरंग बनाने वाले कीट भी लगते हैं। इनके नियन्त्रण हेतु मेटासिस्टक्स 25 ई०सी० 1 लीटर दवा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर दर से छिड़काव करना चाहिए।
प्रश्न 16.
गेहूं की फसल में सिंचाई प्रबन्धन का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
सामान्यतः गेहूँ में 5-6 सिंचाई की आवश्यकता होती है। पहली सिंचाई बोने के 20-25 दिन बाद की जाती है, जो महत्त्वपूर्ण होती है। इसके बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। अंतिम सिंचाई से पहले वाली सिंचाई दूधिया अवस्था में करनी चाहिए। अन्त में हलकी सिंचाई दाना पकते समय करनी चाहिए।
प्रोजेक्ट कार्य
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
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