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सामान्य फसलें
अभ्यास
प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए
(i) ज्वार की खेती किस भूमि पर करते हैं?
(क) बलुई-दोमट (✓)
(ख) दोमट
(ग) काली कपास मिट्टी
(घ) उपरोक्त में कोई नहीं
(ii) ज्वार में नाइट्रोजन उर्वरक प्रयोग किया जाता है
(क) 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर (✓)
(ख) 150 किग्रा प्रति हेक्टेयर
(ग) 120 किग्रा प्रति हेक्टेयर
(घ) इसमें से कोई नहीं
(iii) ज्वार की फसल में पोटाश प्रयोग करते हैं-
(क) 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर
(ख) 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर (✓)
(ग) 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर
(घ) उपरोक्त में कोई नहीं
(iv) बाजरे की संकुल प्रजाति है-
(क) आई सी एम बी 115
(ख) डब्लू सी सी 75 (✓)
(ग) बी के 560
(घ) उपरोक्त में सभी
(v) बाजरे की संकर प्रजाति है-
(क) पूसा 322
(ख) पूसा 23 (✓)
(ग) आई सी एम एच 451
(घ) उपरोक्त में सभी
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(i) बाजरा बी के 560 80-90 दिन की फसल है।
(ii) दीमक के नियन्त्रण हेतु गामा BHC 20 EC कीटनाशक प्रयोग करते है।
(iii) बाजरे की संकर प्रजाति से 24-25 कुंतल उपज प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है।
(iv) पूसा प्रालिफिक लांग लम्बे फल वाले प्रजाति है।
(v) दाने के लिए ज्वार का बीज 12-15 किग्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है।
(vi) बैंगन की बुवाई हेतु 400 से 500 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है।
(vii) लौकी के बीज का रोगार अथवा डाइमेथोएट से उपचार किया जाता है।
(viii) बैगन की खेती के लिए 100 किग्रा नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर प्रयोग की जाती है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही पर (✓) तथा गलत पर (✗) का निशान लगाइए-
उत्तर
(i) ज्वार की फसल दाने व चारे दोनों के लिए बोई जाती है। (✓)
(ii) चारे के लिए ज्वार का बीज 50 किग्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है। (✓)
(iii) दाने के लिए ज्वार का बीज 12 से 15 किग्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है। (✓)
(iv) दानों के लिए ज्वार की फसल 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। (✓)
(v) बाजरे की खेती के लिए दोमट भूमि उपयुक्त है। (✗)
(vi) बाजरे की बुआई से पहले बीज को थीरम से उपचारित करते हैं। (✗)
(vii) आलू का प्रमुख रोग पिछेती झुलसा है। (✓)
(viii) राधे चना की प्रजाति है। (✓)
(ix) रचना मटर की प्रजाति है (✓)
(x) फलीबेधक चने को प्रमुख कीट नहीं है। (✗)
(xi) हरा तेला बैगन का कीट है।। (✓)
(xii) चने के बीज का उपचार थीरम नामक रसायन से करते हैं? (✓)
(xiii) बैगन के बीज की मात्रा 400-500 ग्राम प्रति हेक्टेयर लगती है। (✗)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ क को स्तम्भ ख से मिलाइए (मिलान करके)।
उत्तर
प्रश्न 5.
(i) आलू की पैदावार प्रति हेक्टेयर कितनी होती है?
उत्तर
मैदानी क्षेत्रों में आलू 325-400 कुन्तल प्रति हेक्टेयर तथा पहाड़ी क्षेत्रों में 200-250 कुन्तल प्रति हेक्टेयर पैदा होता है।
(ii) आलू का बीज प्रति हेक्टेयर कितना प्रयोग किया जाता है?
उत्तर
आलू के बीज का प्रयोग 20-25 कुन्तल प्रति हेक्टेयर किया जाता है।
(iii) बाजरे का उत्पादन प्रति हेक्टेयर कितना होता है?
उत्तर
25-30 कुंतल प्रति हेक्टेयर।
(iv) बाजरे की फसल लगभग कितने दिनों में पककर तैयार हो जाती है?
उत्तर
80-100 दिन।
(v) बाजरे की फसल में दीमक का नियन्त्रण किस कीटनाशक से करते हैं?
उत्तर
गामा BHC2OEC।
(vi) बाजरे की फसल में कण्डुआ रोग के नियन्त्रण हेतु कौन फफूदी नाशक प्रयोग करते हैं?
उत्तर
कार्बेन्डाजिम अथवा कार्बोक्सीन।
(vii) ज्वार की फसल में उर्वरक कितनी मात्रा में प्रयोग करते हैं?
उत्तर
नाइट्रोजन 100 किग्रा०, फास्फोरस 60 किग्रा०, पोटाश 40 किग्रा० प्रति हेक्टेयर।
(viii) ज्वार की संकर प्रजातियों के नाम बताइए।
उत्तर
सी०एच०एस० 1, 2, 3, स्वर्ण, सी० एस० वी०-3, संकर ज्वार टा-22 टी 8 वी।
(ix) ज्वार की बुआई का उपयुक्त समय क्या है?
उत्तर
जुलाई का दूसरा सप्ताह।
(x) ज्वार के बीज को जमीन में कितनी गहराई पर बोते हैं?
उत्तर
4, 5 सेमी।
(xi) बैगन की दो संकरे प्रजातियों के नाम बताइये।
उत्तर
पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-36
(xii) बाजरे के लिए बीज प्रति हेक्टेयर कितने किलोग्राम प्रयोग किया जाता है?
उत्तर
4 या 5 किग्रा० प्रति हेक्टेयर।
(xiii) गोल लौकी की दो प्रजाति लिखिए।
उत्तर
पूसा प्रोलिफिक राउण्ड, पूसा सन्देश
प्रश्न 6.
ज्वार की फसल में खाद तथा उर्वरकों की मात्रा देने का समय एवं विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर
सामान्यतः चारे के लिए गोबर की खाद 150-200 कुंतल प्रति हेक्टेयर तथा दाने के लिए 100-150 कुंतल प्रति हेक्टेयर वर्षा होने से पहले खेत में मिला देना चाहिए। खाद के अभाव में उर्वरकों का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से करते हैं
नाइट्रोजन – 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर
फॉस्फोरस – 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर
पोटाश -40 किग्रा प्रति हेक्टेयर
नाइट्रोजन की आधी मात्री बोआई के समय व आधी मात्रा 40-50 दिन बाद खड़ी फसल में देना चाहिए। फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा बोआई के समय ही दे देना चाहिए।
प्रश्न 7.
ज्वार की फसल में लगने वाले कीट एवं रोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर
ज्वार की फसल में कीड़ों से बड़ी हानि होती है। अंकुरण के 4-5 दिन बाद 1 लीटर मेटास्टिाक्स 25 ई०सी० को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करने से प्ररोह मक्खी व तना छेदक कीट नष्ट हो जाते हैं। अनावृत कंडुवा ज्वार का प्रमुख रोग है। इसके नियन्त्रण के लिए कार्बेन्डाजिम अथवा कार्बाक्सीन के 22.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से शोधित कर देना चाहिए।
प्रश्न 8.
ज्वार की संकर प्रजातियाँ कौन-कौन हैं? उनके बोने का समय, विधि एवं औसत उपज बताइए।
उत्तर
ज्वार की संकर प्रजातियों सी एच एस 1,2,3, स्वर्ण, सी एस वी-3, संकर ज्वार, टा-22 आदि हैं। इनकी बोआई के लिए जुलाई का दूसरा सप्ताह उपयुक्त होता है। चारे की फसल की बोआई पलेवा करके जून के आरंभ में कर दी जाती है। दाने के लिए बोआई कतारों में की जाती है। कतार से कतार की दूरी 45 सेमी तथा पौधे से पौधा 15-20 सेमी दूर होना चाहिए। बीज की गहराई 4-5 सेमी होनी चाहिए। औसत उपज दाना 30-40 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है।
प्रश्न 9.
बाजरे की फसल में निराई-गुड़ाई, खरपतवार तथा कीट नियन्त्रण के बारे में लिखिए।
उत्तर
बाजरे की निराई, गुड़ाई एवं खरपतवार नियन्त्रण- दाने के लिए बोई गई फसल में कम से कम दो तीन बार निराई, गुड़ाई की आवश्यकता होती है। कानपुरी कल्टीवेटर चलाकर गुड़ाई की जा सकती है। खरपतवार नष्ट करने के लिए एट्राजीन की 1 किग्रा 700-800 लीटर पानी में घोलकर बोने के तुरंत बाद प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए।
कीट नियन्त्रण – दीमक से बचाव के लिए गामा BHC 20 EC सिंचाई के पानी के साथ प्रयोग करते है। कीड़ों से बचाव के लिए 1.25 लीटर इण्डोसल्फान 35 EC का 800 ली० पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए। कण्डुआ रोग नियन्त्रण के लिए कार्बाक्सीन 2.5 ग्रा प्रति किग्रा बीज की दर से बीज का उपचार करना चाहिए।
प्रश्न 10.
आलू के बोने का समय तथा बीज की मात्रा का विवरण दीजिए।
उत्तर
पहाड़ों पर सामान्यतः आलू की फसल गर्मी प्रारम्भ होने पर बोयी जाती है। मार्च से प्रारम्भ होकर मई तक चलती है। मैदानी क्षेत्रों में आलू की फसल 25 सितम्बर से 15 नवम्बर तक बोयी जाती है।
बीज की मात्रा- बीज की मात्रा पंक्तियों की दूरी तथा बीच के आकार पर निर्भर करती है। 2.5 सेमी व्यास या 50 ग्राम वजन के बीज की मात्रा 20-25 कुन्तल प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होती है। समूचे तथा कटे हुए दोनों प्रकार के बीजों का प्रयोग किया जाता है। काटते समय ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक टुकड़े में कम से कम 2 या 3 आँखें हों और उसका वजन 50 ग्राम हो।
प्रश्न 11.
बाजरे की संकर प्रजातियों एवं उनके पकने का समय तथा उपज बताइए।
उत्तर
बाजरे की संकर प्रजातियों पूसा 322, पूसा 23 व आई सी एम एच 451 है। इनके पकने में 85-90 दिन लगते हैं। इनसे 25-30 कुंतल उपज प्रति हेक्टेयर होती है।
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