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पाठ्य – पुस्तक के प्रश्नोत्तर
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 77)
प्रश्न 1.
ऊतक क्या है ?
उत्तर-
कोशिकाओं का ऐसा समूह जो बनावट व कार्य में समान होता है, एक ही तरह के कार्य को सम्पन्न करता है ऊतक कहलाता है।
प्रश्न 2.
बहुकोशिकीय जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
बहुकोशिकीय जीवों में लाखों कोशिकाएँ होतं. हैं। इनमें से अधिकतर कुछ ही कार्यों को सम्पन्न करने के लिए होती हैं। प्रत्येक विशेष कार्य कोशिकाओं के विभिन्न समूहों द्वारा किया जाता है। बहुकोशिक जीवों में श्रम विभाजन होता है। शरीर के अन्दर ऐसी कोशिकाएँ जो एक तरह के कार्य को सम्पन्न करने में दक्ष होती हैं, सदैव एक ही समूह में रहती हैं अर्थात् ऊतक बनाती हैं। रक्त, फ्लोयम ऊतक पेशी सभी ऊतक के उदाहरण हैं।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 81)
प्रश्न 1.
प्रकाश संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO) की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर-
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्य निम्नलिखित हैं
(i) पौधे जमीन से पानी को वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा ऊपर खींचते हैं।
(ii) पौधा ठण्डा रहता है।
पाठात प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 83)
प्रश्न 1.
सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर-
सरल ऊतकों के तीन प्रकार हैं
(i) मृदूतक
(ii) स्थूलकोण ऊतक
(iii) दृढ़ ऊतक।
प्रश्न 2.
प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
एपिकल विभज्योतक जड़ तथा तनों की चोटी पर पाया जाता है। यह तने तथा जड़ों की वृद्धि करने में सहायता करता है।
प्रश्न 3.
नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है ?
उत्तर-
स्कलेरेन्काइमा ऊतक।
प्रश्न 4.
फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
(i) छलनी नलिका,
(ii) साथी (सहचर) कोशिकाएँ,
(iii) फ्लोएम मृदूतक,
(iv) स्कलेरेन्काइमा।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 87)
प्रश्न 1.
उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
पेशी ऊतक हमारे शरीर की गति के लिए उत्तरदायी है।
प्रश्न 2.
न्यूरॉन देखने में कैसा रुगता है ?
उत्तर-
तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को न्यूरॉन कहा जाता है। न्यूरॉन में कोशिकाएँ केन्द्रक तथा साइटोप्लाज्म होते हैं। इससे लम्बे, पतले बालों जैसी शाखाएँ निकली होती हैं। प्रायः प्रत्येक न्यूरॉन में इस तरह का एक लम्बा प्रवर्ध होता है, जिसे एक्सॉन कहते हैं और बहुत सारी छोटी शाखा वाले प्रवधू को डेन्डराइट्स कहते हैं। एक तंत्रिका कोशिका एक मीटर लम्बी हो सकती है।
प्रश्न 3.
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर-
हृदय पेशी ऊतक के तीन लक्षण निम्नलिखित हैं
- ये अनैच्छिक पेशियाँ ही होती हैं जो सामान्य परिस्थितियों में जीवन-पर्यन्त लयबद्ध संकुचन और प्रसार करती हैं।
- ये ऊतक बेलनाकार, कम शाखित व एक या दो केन्दलीय होते हैं।
- इन ऊतकों पर हल्की व कम गहरी धारियाँ होती हैं।
प्रश्न 4.
ऐरीओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
ऐरीओलर ऊतक त्वचा व पेशीय के बीच रक्त वाहिकाओं के गिर्द, अस्थिमज्जा व तन्त्रिकाओं में पाया जाता है।
कार्य-
- यह अंगों के मध्य स्थान की पूर्ति करता है।
- अन्दर के अंगों को सहारा देता है।
- यह ऊतकों की मरम्मत में भी सहायता करता है।
अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 88 – 89)
प्रश्न 1.
ऊतकं को परिभाषित करें।
उत्तर-
कोशिकाओं के ऐसे समूह को जिनकी उत्पत्ति, रचना व कार्य एक समान हो ऊतक कहते हैं।
प्रश्न 2.
कितने प्रकार के तत्त्वे मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं। उनके नाम बताएँ।
उत्तर-
चार प्रकार के अवयव मिलकर जाइलम ऊतक को बनाते हैं। वे निम्न प्रकार के हैं
- ट्रेकीड
- वैसलस (वाहिका)
- जाइलम पेरनकाइमा
- जाइलम फाइबर्स।
इनमें से वाहिकाएँ सबसे प्रमुख हैं। इनकी कोशिका भित्ति कठोर व सामान्यतया मृत होती है। वाहिकाएँ बेलनाकार होती हैं और एक नलिका-सी बनाती हैं जो पानी व खनिज लवणों को जड़ों से पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाते हैं। पेरनकाइमा भोजन संग्रहण करती है जबकि फाइबर्स दृढ़ता प्रदान करते हैं।
प्रश्न 3.
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर-
- सरल ऊतक – ये ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं जैसे विभज्योतक, पेरनकाइमा, कोलेनकाइमा व स्केलरनकाइमा ये विभिन्न कार्य करते हैं।
- विभज्योतक – तीव्रता से विभाजित होकर वृद्धि करते हैं, पेरनकाइमा भोजन का संग्रह करता है, कोलेनकाइमा तना, शाखाएँ व पत्तों को दृढ़ता प्रदान करके उसे यान्त्रिकी आधार देता है।
- जटिल ऊतक – इस प्रकार के ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बनते हैं। सभी कोशिकाएँ परस्पर मिलकर कोई सामान्य कार्य करती है। जैसे जाइलम व फ्लोएम। ये दोनों संवहन का कार्य करते हैं और संवहन बंडल बनाते हैं।
प्रश्न 4.
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा व स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर-
पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा व स्क्लेरेन्काइमा में निम्नलिाखत अन्तर हैं
प्रश्न 5.
रन्ध्र के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
पौधों की पत्तियों में बाह्य त्वचा या एपिडर्मिस की कोशिकाओं में छोटे-छोटे रन्ध्र होते हैं उन्हें स्टोमेटा या वात-रन्ध्र कहते हैं। ये पौधे के लिए निम्न प्रकार आवश्यक हैं-
- ये वायुमण्डल से पौधों में वायु की गैसों का आदान-प्रदान कराने में सहायक हैं अर्थात् इनकी सहायता से पौधा प्रकाश संश्लेषण क्रिया के लिए कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं और
ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं। - स्टोमेटा वाष्पोत्सर्जन की क्रिया में भी पौधे की पत्तियों द्वारा फालतू पानी को वाष्प के रूप में वायुमण्डल में उत्सर्जित करते हैं।
प्रश्न 6.
तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अन्तर स्पष्ट करें।
प्रश्न 7.
कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?
उत्तर-
हृदय पेशी ऊतक अनैच्छिक ऊतक है अतः ये जीवनपर्यन्त हृदय में लयबद्ध संकुचन व प्रसार करती रहती हैं, जिसके कारण शरीर में रुधिर का परिवहन होता है और जीवित रहते हैं।
प्रश्न 8.
रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशी में निम्नलिखित अन्तर हैं-
प्रश्न 9.
न्यूरॉन का एक चिन्हित चित्र बनाएँ।
उत्तर-
प्रश्न 10.
निम्नलिखित के नाम लिखिए
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन को संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय | करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर-
(a) हमारी मुख गुहिका की आन्तरिक परत बनाने वाले शल्की एपिथीलियम ऊतक है।
(b) मानव शरीर में हड्डियों के जोड़ने वाले ऊतक कन्डरा होते हैं।
(c) फ्लोएम ऊतक पौधों में भोजन का संवहन करते हैं।
(d) ऐडीपोज (वसा) ऊतक हमारे शरीर में वसा का संग्रह करते हैं।
(e) तरल आधात्री वाला योजी ऊतक रक्त है।
(f) मस्तिस्क में पाए जाने वाले ऊतक तन्त्रिका ऊतक (न्यूरॉन) हैं।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें
(1) त्वचा
(2) पौधे का वल्क
(3) अस्थि
(4) वृक्कीय नलिका अस्तर
(5) संवहन बण्डल।
उत्तर-
(1) त्वचा-शल्की एपिथीलियम ऊतक।
(2) पौधे का वल्क-रक्षात्मक ऊतक।
(3) अस्थि-योजी ऊतक।
(4) वृक्कीय नलिका अस्तर-स्तंभाकार एपिथीलियम।
(5) संवहन बण्डल-जाइलम और फ्लोएम।
प्रश्न 12.
पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं ?
उत्तर-
पैरेन्काइमा ऊतक – ये ऊतक पौधे के विभिन्न भागों में जैसे जड़, तना, पत्तियाँ, फल, फूल इत्यादि में पाए जाते हैं। इन ऊतकों में जब क्लोरोफिल पाई जाती है। और ये पौधे का भोजन बनाती है उस स्थिति में इन्हें क्लोरनकाइमा कहते हैं।
प्रश्न 13.
पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?
उत्तर-
एपिडर्मिस जो कोशिकाओं की बाह्यतम परत है वह रक्षात्मक ऊतक का कार्य करती है। ये ऊतक सामान्यतया जड़, तने, पत्तियों और फूलों की कोशिकाओं के बाहर पाए जाते हैं। यह मोटाई में एककोशिकीय होती है जिसके बाहर क्यूरिन की परत चढ़ी होती है। जैसे-जैसे पौधे की आयु बढ़ती है परिधि पर स्थित एपिडर्मिस के अन्दर की कोशिकाएँ कार्क कोशिकाओं में रूपान्तरित हो जाती हैं। इनकी कोशिका भित्ति सुबेरिन के जमाव के कारण बहुत मोटी व मृत हो जाती है। यह जल की हानि को कम करती है।
कार्य-
- पौधे की सुरक्षा करती है।
- इसका उपयोग रोधन व धात रोधन में करते हैं।
- इसका उपयोग लिनोलियम व खेल का सामान बनाने में भी किया जाता है।
- एपिडर्मिस की कोशिकाओं में बीच-बीच में छोटे रन्ध्र होते हैं जिन्हें वातरन्ध्र (स्टोमेटा) कहते हैं।
- कुछ कार्बनिक पदार्थों के जमाव के कारण यह मोटी व जलरोधी हो जाती है।
प्रश्न 14.
छाल (कॉक) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?
उत्तर-
कॉर्क एक सुरक्षा ऊतक की तरह कार्य करता है क्योंकि
(i) इसकी कोशिकाएँ मृत होती हैं तथा बिना स्थान छोड़े लगातार परत बनाती हैं।
(ii) इसकी भित्ति पर सुबेरिन जमा होता है जो इसे गैसों के आदान-प्रदान में सहायता करने योग्य बनाता है।
अतः कॉर्क ऊतकों की अत्यधिक पानी-हानि बाह्य वायुमंडल के प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करती है।
प्रश्न 15.
निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें-
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ऊतक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऊतक (Tissues)-कोशिकाओं के ऐसे समूह जिनकी उत्पत्ति, रचना एवं कार्य समान हों, ऊतक कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
‘अंग’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अंग (Organs)-उच्च श्रेणी के जन्तुओं तथा पौधों में विभिन्न प्रकार के ऊतक तन्त्र मिलकर अंग का निर्माण करते हैं। अंग अलग-अलग निश्चित कार्य करते हैं।
प्रश्न 3.
‘अंग तन्त्र’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अंग तन्त्र (Organ System)-विशेष कार्य करने वाले अंगों के समूह को अंग तन्त्र कहते हैं।
प्रश्न 4.
पादप ऊतक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
पादप ऊतक (Plant tissues)-पादप कोशिकाओं के ऐसे समूह जिनकी उत्पत्ति, रचना एवं कार्य समान हों, पादप ऊतक कहलाते हैं।
प्रश्न 5.
ऊतक शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किस वैज्ञानिक ने किया था ?
उत्तर-
ऊतक शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग बिचर नामक वैज्ञानिक ने किया था।
प्रश्न 6.
विभज्योतक क्या है ?
उत्तर-
विभज्योतक (Meristematic tissues) – वे ऊतक जिनकी कोशिकाएँ निरन्तर वृद्धि करके पौधों की लम्बाई एवं मोटाई में वृद्धि करती रहती हैं विभज्योतक कहलाते हैं।
प्रश्न 7.
दृढ़ोतक या स्क्लेरेनकाइमा का एक प्रमुख कार्य लिखिए
उत्तर-
दृढ़ोतक या स्क्लेरेनकाइमा का एक प्रमुख कार्य पौधों को दृढ़ता प्रदान करना है।
प्रश्न 8.
जटिल ऊतक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जटिल ऊतक (Complex tissues)-जो ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं तथा जो सभी मिलकर इकाई ऊतक के रूप में कार्य करते हैं, वे जटिल ऊतक कहलाते हैं।
प्रश्न 9.
ग्रन्थिल ऊतक क्या हैं?
उत्तर-
ग्रन्थिल ऊतक (Glandular Tissues)- ग्रन्थियुक्त विशिष्ट स्रावी ऊतक, न्थिल ऊतक कहलाते
प्रश्न 10.
आक्षीरी ऊतक क्या है ?
उत्तर-
आक्षीरी ऊतक (Lacticiferous tissues)-नलिकायुक्त वे विशिष्ट स्रावी ऊतक जो दुग्ध जैसे पदार्थ का स्रावण करते हैं आदी ऊतक कहलाते हैं।
प्रश्न 11.
ग्रन्थिल ऊतक का क्या कार्य है ?
उत्तर-
ग्रन्थिल के गोंद, रेजिन, तेल, सुगन्धित तेल एवं मकरन्द वा स्राव करते हैं।
प्रश्न 12.
ग्रन्थिले ऊतक किन पौधों में पाये जाते हैं?
उत्तर-
ग्रन्थिल ऊतक, जैट्रोपा तम्बाकू, बबूल, चीड़ आदि पौधों में पाये जाते हैं।
प्रश्न 13.
आक्षीरी ऊतक किन पौधों में पाये जाते हैं?
उत्तर-
आक्षीरी ऊतक, आक, गूलर आदि पौधों में पाये जाते हैं।
प्रश्न 14.
पेशी और अस्थि को जोड़ने वाले ऊतक का नाम बताइये।
उत्तर-
पेशी अंग अस्थि को नोडने वाले ऊतक का नाम कण्डराएँ (Tendons) हैं।
प्रश्न 15.
पेशी को पेशी से जोड़ने वाले ऊतक का नाम लिखिए।
उत्तर-
पेशी से पेशी को जोड़ने वाले ऊतक का नाम स्नायु (Ligament) है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जटिल ऊतक कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम लिखिए।
अथवा
जटिल ऊतक के केवल नाम लिखिए।
उत्तर-
जटिल ऊतकों के प्रकार – जटिल ऊतक निम्न दो प्रकार के होते हैं।
- दारू ऊतक या जाइलम (Xylem)
- अधोवाही ऊतक या फ्लोएम (Phloem)
प्रश्न 2.
शीर्षस्थ विभज्योतक क्या है ?
उत्तर-
शीर्षस्थ विभज्योतक (Apical meristematic tissues) – ये ऊतक जड़ एवं तने के शिखाग्र पर स्थित रहते हैं तथा जड़ एवं तने की लम्बाई में वृद्धि करते हैं।
प्रश्न 3.
अन्तर्विष्ट विभज्योतक क्या है ?
उत्तर-
अन्तर्विष्ट विभज्योतक (Intercalarymeristematic tissues) – ये ऊतके पौधे में पत्ती के आधार के पास अथवा पर्व के आधार के पास स्थित होते हैं। ये पौधे की लम्बाई बढ़ाने में सहयोग करते हैं।
प्रश्न 4.
पाश्र्व विभज्योतक क्या है ?
उत्तर-
पार्श्व विभज्योतक (Lateral meristematic tissues) – ये ऊतक तनों एवं जड़ों के पाश्र्व भाग में स्थित होते हैं। इनसे पौधों के तनों एवं जड़ों की मोटाई बढ़ती है।
प्रश्न 5.
स्थायी ऊतक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
स्थायी ऊतक (Permanent tissues) – विभज्योतकों से बने वे ऊतक जिनकी कोशिकाओं में विभाजन की क्षमता समाप्त हो जाती है तथा जो एक निश्चित आकार ग्रहण कर लेते हैं, स्थायी ऊतक कहलाते हैं।
प्रश्न 6.
सरल स्थायी ऊतक क्या हैं ?
उत्तर-
सरले स्थायी ऊतक (Simple permanent tissues) – जो स्थायी ऊतक केवल एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं, वे सरल स्थायी ऊतक कहलाते हैं।
प्रश्न 7.
स्थूलकोण ऊतक या कॉलेनकाइमा के प्रमुख दो कार्य लिखिए।
उत्तर-
स्थूलकोण ऊतक या कोलेनकाइमा के प्रमुख कार्य
- ये पौधों में दृढ़ता प्रदान करते हैं।
- क्लोरोफिल की उपस्थिति में जब ये
प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन बनाने का कार्य करते हैं, तब इन्हें क्लोरेनकाइमा भी कहते हैं।
प्रश्न 8.
जाइलम एवं फ्लोएम में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जाइलम एवं फ्लोएम में अन्तर-
प्रश्न 9.
लसिका के कार्य लिखिए।
उत्तर-
लसिका के कार्य (Functions of Lymph)-
- लसिका ऊतकों तक भोज्य पदार्थों का संवहन करती है।
- ऊतक से उत्सर्जी पदार्थ एकत्रित करती है।
- हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके शरीर की रक्षा करती है।
- पचे वसा का अवशोषण करके शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाती है।
- शरीर के घाव भरने में सहायक होती है।
प्रश्न 10.
लसिका तथा रक्त में अन्तर लिखिए।
अथवा
रक्त एवं लसीका में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
लसिका तथा रक्त में अन्तर-
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पौधों में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के ऊतकों के नाम एवं उनके प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर-
पौधों में पाये जाने वाले विभिन्न ऊतक एवं उनके प्रमुख कार्य-
प्रश्न 2.
रक्त कणिकाओं के प्रकार एवं कार्यों का सचित्र वर्णन कीजिए।
अथवा
रक्त की संरचना (के घटकों) का विस्तृत सचित्र वर्णन कीजिए।
अथवा
रक्त कणिकाओं के नाम और कार्य लिखिए।
उत्तर-
रक्त की संरचना एवं रक्त के घटक (Structure and Composition of Blood)- रक्त निम्नलिखित घटकों से मिलकर बना होता है-
- लाल रक्त कणिकाएँ (R.B.C.) या इरिथ्रोसाइट्स (Erythrocytes) – इनमें हीमोग्लोबिन नाम का प्रोटीन होता है जो श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन करता है।
- श्वेत रक्त कणिकाएँ (W.B.C.) या ल्यूकोसाइट्स (Leucocytes) – ये हानिकारक बैक्टीरिया एवं मृत कोशिकाओं का भक्षण करके उन्हें नष्ट कर देती हैं और संक्रमण तथा आघातों से शरीर की रक्षा करती हैं।
- रक्त पट्टिकाएँ (Blood Platelets) या थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes) – ये रक्त का थक्का जमाने में सहायक होती हैं और इस प्रकार अमूल्य रक्त को नष्ट होने से रोकती हैं।
- प्लाज्मा (Plasma) – यह रक्त का द्रवीय भाग है जिसमें प्रोटीन, हॉर्मोन्स, ग्लूकोज, वसीय अम्ल, ऐमीनो अम्ल, खनिज लवण, भोजन के पचित भाग एवं उत्सर्जी पदार्थ होते हैं। यह रक्त के परिवहन का मुख्य माध्यम है।
प्रश्न 3.
रक्त के कार्य लिखिए।
उत्तर-
रक्त के कार्य (Functions of Blood)रक्त के विभिन्न कार्य निम्नलिखित हैं-
- फेफड़ों से ऊतकों तक ऑक्सीजन का परिवहन करता है।
- विभिन्न ऊतकों में कार्बन डाइऑक्साइड को एकत्रित करके उसका फेफड़ों तक परिवहन करता है।
- उपापचय में बने विषैले एवं हानिकारक पदार्थों | को एकत्रित करके हानिरहित बनाने के लिए यकृत में भेजता है।
- विभिन्न प्रकार के उत्सर्जी पदार्थों को उत्सर्जन हेतु वृक्कों तक पहुँचाता है।
- छोटी आँतों से पचित भोज्य पदार्थों का अवशोषण भी रक्त प्लाज्मा द्वारा होता है जिसे यकृत और फिर विभिन्न ऊतकों में भेज दिया जाता है।
- विभिन्न प्रकार के हॉर्मोनों का परिवहन करता है।
- शरीर के तापक्रम को ऊष्मा वितरण द्वारा नियन्त्रित रखता है।
- रक्त की श्वेत रक्त कणिकाएँ हानिकारक बैक्टीरियाओं, मृतकोशाओं तथा रोगाणुओं का भक्षण करके उन्हें नष्ट कर देती है। इस प्रकार रोग से रक्षा करता है।
- पट्टिकाएँ तथा फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन रक्त में उपस्थित होती है जो रक्त का थक्का जमने में सहायक होते हैं।
- विभिन्न प्रकार के एन्जाइम्स का परिवहन करता है।
प्रश्न 4.
रेखित पेशी एवं हृदय पेशी का नामांकित चित्र बनाइये।
उत्तर-
रेखित पेशी एवं हृदय पेशी का नामांकित चित्र-
प्रश्न 5.
उपकला ऊतक के प्रकारों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
उपकला ऊतक के प्रकार-उपकला ऊतक अग्र प्रकार के होते हैं-
- सरले घनाकार उपकला ऊतक (Simple cuboidal epithelial tissue) – ये घनाकार होते हैं व लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई बराबर होती है। ये स्वेद ग्रन्थियों, थायरॉइड ग्रन्थियों, यकृत, वृक्क नलिकाओं व जनदों में पाया जाता है।
- सरले स्तम्भकार ऊतक (Simple columnar epithelial tissue) – इस ऊतक की कोशिकाएँ एक-दूसरे से सटी हुई व स्तम्भ के समान दिखाई देती हैं। इनके स्वतन्त्र सिरों पर सूक्ष्मांकुर (Microvilli) पाये जाते हैं। ये अवशोषण तल को बढ़ाते हैं वे संवेदी अंगों से संवेदना ग्रहण करते हैं। पित्ताशय व पित्तवाहिनी की दीवार इसी ऊतक की बनी होती है।
- स्तरित उपकला ऊतक (Stratified epithelial tissue) – इसमें कोशिकाएँ कई स्तरों में व्यवस्थित रहती हैं एवं स्तम्भाकार एवं जीवित होती हैं। इसमें जीवन-पर्यन्त विभाजन की क्षमता पाई जाती है। विभाजन की क्षमता होने के कारण इसे जनन स्तर कहते हैं। यह ऊतक घर्षण करने वाले स्थानों, मुखगुहा, त्वचा, एपिडर्मिस, इसोफेगस, नासा गुहा की म्यूकोसा, योनि आदि में पाया जाता है।
- ग्रन्थिल उपकला ऊतक (Glandular epithelial tissue) – हमारे शरीर में कई प्रकार की ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं। इन ग्रन्थियों की स्वतन्त्र आन्तरिक सतह पर पाये जाने वाले ऊतक को ग्रन्थिल उपकला ऊतक कहते हैं। ये ग्रन्थियाँ एककोशिकीय व बहुकोशिकीय होती हैं। ये ग्रन्थियाँ त्वचा, स्वेद ग्रन्थि, स्तन ग्रन्थि, तेल ग्रन्थि, लार ग्रन्थि, जठर ग्रन्थि, अग्न्याशयी ग्रन्थि में होती हैं।
- सरल पक्ष्माभी उपकला ऊतक (Simple ciliated epithelial tissue) – इस ऊतक की कोशिकाएँ स्तम्भकार या घनाकार होती हैं। इसके सिरों पर छोटी-छोटी महीन धागों के समान रचनाएँ पायी जाती। हैं, जिन्हें सीलिया (Cilia) कहते हैं। ये ऊतक अण्डवाहिनी (Oviduct), मूत्रवाहिनी (Ureter), मुगुहा की श्लेष्मकला (Mucous menabrane), टिम्पैनिक गुहा, मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु की केन्द्रीय नील (Central canal) तथा श्वास नली की भीतरी सतह पर पाये जाते हैं। ये ऊतक के पक्ष्म तरफ तथा अन्य पदार्थ को ढकेलने में मदद करती हैं।
- सरल शल्की उपकला ऊतक (Siniple squamous epithelial tissue) – यह ऊतक शरीर की सतह की सुरक्षात्मक आवरण बनाता है। मूत्र नलिका, देहगुहा, हृदय के चारों ओर रक्षात्मक आवरण बनाता है।
- संवेदी उपकला ऊतक (Sensory epithelial tissue) – ये स्तम्भी उपकला ऊतक का रूपान्तरण है। इनके सिरे पर संवेदी रोम (Sensory hair) पाये जाते हैं। ये रोम तन्त्रिका तन्तु से जुड़े रहते हैं। ये ऊतक घ्राण कोष, आँख की रेटिना तथा मुखगुहा की म्यूकस झिल्ली में पाया जाता है।
प्रश्न 6.
तन्त्रिकीय कोशिका के सचित्र वर्णन कीजिए।
अथवा
तन्त्रिका ऊतक क्या है? इनकी संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
तत्रिका कोशिका या तन्त्रिक ऊतक का सचित्र वर्णन
तन्त्रिकीय ऊतक (Nervous tissue) – ये ऊतक सोचने, समझने, संवेदनाओं, उद्दीपन या बाह्य परिवर्तनों को ग्रहण करने की क्षमता रखता है। यह दो विशिष्ट प्रकार की कोशिका का बना होता है।
- तन्त्रिका कोशिका (Neurons) – ये तन्त्रिका तन्त्र का निर्माण करती हैं व 4 से 136u या अधिक व्यास की कोशिकाएँ हैं। ये दो भागों की बनी होती हैं
- कोशिकाकाय या सायटन (Cell body or Cyton) – यह तन्त्रिका का मुख्य भाग है, इसके कोशिकाद्रव्य में छोटे-छेटे निसिल्स कण (Nissils Granules) पाये जाते हैं।
- कोशिका प्रवर्ध (Cell processes) – कोशिकाकाय से एक या एक से अधिक छोटे-बड़े कोशिका द्रव्यीय प्रवर्ध निकले रहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं
- डेण्ड्राइट्स (Dendrites) तथा
- एक्सॉन (Axon)
- न्यूरोग्लिया (Neurogloea) – ये एक्सॉन रहित कोशिकाएँ हैं जो तन्त्रिकाओं में आवरण बनाती हैं।
प्रश्न 7.
जालिकावत् एवं रेशेदार संयोजी ऊतकों के नामांकित चित्र बनाइये।
उत्तर-
जालिकावत् एवं रेशेदार संयोजी ऊतकों के नामांकित चित्र-
अभ्यास प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. शैवालों में पाया जाता है
(a) असूत्री विभाजन
(b) समसूत्री विभाजन
(c) अर्द्धसूत्री विभाजन
(d) इनमें से कोई नहीं।
2. समसूत्री विभाजन कौन-सी कोशिकाओं में होता
(a) जनन
(b) वसीय
(c) दैहिक
(d) ऊतक
3. स्नायु और कण्डरा इसके बने होते हैं
(a) उपकला ऊतक
(b) पेशी ऊतक
(c) उपास्थि
(d) संयोजी ऊतक
4. कोलेजन को जब जल में उबालते हैं, वह इसमें परिवर्तित हो जाता है
(a) जिलैटिन
(b) रेटिकुलिन
(c) इलास्टिन
(d) मायोसिन
5. अस्थिकोरकों से प्रवर्ध इसमें पाये जाते हैं
(a) पटलिकाएँ।
(b) सूक्ष्मनलिकाएँ
(c) दुमिका
(d) हैवर्स नलिका
6. कणिकाओं को निकाल देने के पश्चात् रुधिर को तरल अंश होता है
(a) प्लाज्मा
(b) लिम्फ
(c) सीरम
(d) वैक्सिन
7. रुधिर में वास्तविक कोशिकाएँ कौन-सी नहीं हैं?
(a) प्लेटलेट्स
(b) मोनोसाइट्स
(c) बेसोफिल्स
(d) न्यूट्रोफिल्स
8. इसके अत्यधिक खिंच जाने से मोच आ जाती है
(a) तंत्रिका
(b) कण्डरी
(c) पेशी
(d) स्नायु
9. कंण्डरा एक संरचना है जो जोड़ता है
(a) एक अस्थि को दूसरी अस्थि से
(b) पेशी को अस्थि से
(c) तंत्रिका को पेशी से
(d) पेशी को पेशी से
10. चिकनी पेशियाँ इसमें पायी जाती हैं
(a) गर्भाशय
(b) धमनी
(c) शिरा
(d) ये सभी
11. निम्नलिखित पादप ऊतकों में से किसमें परिपक्वता पर जीवित प्रोटोप्लाज्म नहीं होता है
(a) दृढ़ोतक
(b) श्लेषोतक
(b) ट्रेकीड्स
(d) अधिचर्म
12. संयोजी ऊतक के श्वेत तंतु इसके बने होते हैं
(a) इलास्टिन
(b) रेटिकुलर तन्तु
(c) कोलेजन ।
(d) मायोसिन
13. अस्थि ऊतक की कठोरता इनके फॉस्फेट्स तथा कार्बोनेट्स के कारण होती है
(a) कैल्सियम और सोडियम
(b) कैल्सियम और मैग्नीशियम
(c) मैग्नीशियम और सोडियम
(d) मैग्नीशियम और पोटैशियम
14. आकृति, कार्य तथा उत्पत्ति में समान कोशिकाओं का समूह कहलाता है
(a) ऊतक
(b) अंग
(c) अंगक
(d) इनमें से कोई नहीं
15. पौधे की लम्बाई इसके द्वारा बढ़ती है
(a) शीर्षस्थ विभज्या
(b) पार्श्व विभज्या
(c) बल्कुटजन
(d) मृदूतक
16. कोशिका विभाजन इस तक सीमित है
(a) विभज्योतक कोशिकाएँ
(b) स्थायी कोशिकाएँ
(c) स्रावी कोशिकाएँ
(d) उपर्युक्त सभी
17. सक्रिय विभाजन इसकी कोशिकाओं में होता है
(a) जाइलम
(b) फ्लोएम
(c) दृढ़ोतक
(d) कैम्बियम
18. घास का तना इसकी क्रियाशीलता से लम्बाई में बढ़ता है
(a) प्राथमिक विभज्या
(b) द्वितीयक विभज्या
(c) अंतर्वेशी विभज्या
(d) शीर्षस्थ विभज्या
19. सरल ऊतक ये हैं
(a) मृदूतक, जाइलम और श्लेषोतक
(b) मृदूतक, श्लेषोतक और दृढ़ोतक
(c) मृदूतक, जाइलम और दृढ़ोतक
(d) मृदूतक, जाइलम और फ्लोएम
20. जटिल ऊतक इनका बना होता है-
(a) समान कार्य करने वाली विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ
(b) भिन्न-भिन्न कार्य करने वाली विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ
(c) समान उत्पत्ति तथा समान कार्य करने वाली समान प्रकार की कोशिकाएँ।
(d) समान उत्पत्ति तथा समान कार्य करने वाली विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ।
21. सबसे अधिक सामान्य प्रकार का भरण ऊतक है
(a) उपत्वचा (या अधिचर्म)
(b) श्लेषोतक
(c) दृढ़ोतक
(d) मृदूतक
22. दृढ़ोतक से श्लेषोतक इसमें भिन्न होता है
(a) परिपक्वता पर कोशिकाद्रव्य धारण किये रखना
(b) स्थूल भित्तियाँ रखना
(c) विस्तृत अवकाशिका रखना
(d) विभज्योतकी होना
23. श्लेषोतक मुख्यतः बनाता है
(a) अधश्चर्म
(b) अधिचर्म
(c) फ्लोएम
(d) आन्तरिक बल्कुट
24. किसकी जीवित कोशिकाएँ तनन तथा यान्त्रिक
सामर्थ्य प्रदान करती हैं
(a) श्लेषोतक
(b) दृढ़ोतक
(c) फ्लोएम
(d) स्क्लोराइड
25. काष्ठीय (लिग्नीफाइड) दीर्धित निर्जीव कोशिकाएँ हैं
(a) मृदूतक
(b) श्लेषोतक
(c) दृढ़ोतक
(d) इनमें से कोई नहीं
26. निम्नलिखित ऊतकों में से प्रायः कौन निर्जीव कोशिकाओं का बना होता है
(a) फ्लोएम
(b) अधिचर्म
(c) जाइलम
(d) अन्तश्चर्म
27. पौधों में फ्लोएम यह कार्य सम्पन्न करता है
(a) आहार का चालन
(b) जल का चालन
(c) आधार प्रदान करना
(d) प्रकाश-संश्लेषण
28. सरल उपकला एक ऊतक है जिसमें कोशिकाएँ
(a) कठोर होती हैं और अंगों को आधार प्रदान करती हैं।
(b) अंग बनाने के लिए लगातार विभाजित होती रहती हैं।
(c) एकल परत बनाने के लिए एक-दूसरे से सीधे चिपकी रहती हैं।
(d) अनियमित परत बनाने के लिए एक-दूसरे से शिथिलता से जुड़ी रहती हैं।
29. कुट्टिम उपकला इसका नाम है
(a) शल्की उपकला
(b) घनाभ उपकला
(c) पक्ष्माभी उपकला
(d) स्तम्भकार उपकला
30. कुर्च परिवेशित उपकला इसमें पायी जाती है
(a) आमाशय
(b) छुद्रान्त्र
(c) डिम्बवाहिनी नली
(d) श्वासनली
31. पक्ष्माभी उपकला इसमें पायी जाती है
(a) जिह्वा
(b) ग्रसिका।
(c) श्वासनली
(d) गर्भाशय
32. किस प्रकार का ऊतक ग्रन्थियाँ बनाता है ?
(a) उपकला
(b) संयोजी
(c) तन्त्रिका
(d) पेशी
33. गर्तिकामय ऊतक है
(a) तंत्रिका ऊतक
(b) संयोजी ऊतक
(c) पेशी ऊतक
(d) अस्थि ऊतक
34. कलश कोशिकाओं का कार्य क्या है?
(a) HCl का उत्पादन
(b) श्लेष्मा का उत्पादन
(c) एन्जाइमों का उत्पादन
(d) हार्मोनों का उत्पादन
35. एक लम्बी अस्थि का सिरा, दूसरी अस्थि से इसके द्वारा जुड़ा होता है
(a) स्नायु
(b) कण्डरा
(c) उपास्थि
(d) पेशी
उत्तरमाला
- (a)
- (c)
- (d)
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- (b)
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- (d)
- (b)
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