चालक तथा विद्युत रोधी की परिभाषा – Conductor & insulator in Hindi :
जो पदार्थ आसानी से अपने में से होकर विद्युत को प्रवाहित होने देते हैं उन्हें चालक कहते हैं।
जैसे:- धातुएँ, मानव तथा जंतु शरीर और पृथ्वी चालक हैं।
काँच, पॉर्सेलेन, प्लास्टिक, नॉयलोन, लकड़ी जैसी अधिकांश अधातुएँ अपने से होकर प्रवाहित होने वाली विद्युत पर उच्च प्रतिरोध लगाती हैं। इन्हें विद्युतरोधी कहते हैं।
जब हम किसी आवेशित वस्तु को पृथ्वी के संपर्क में लाते हैं तो उसका अतिरिक्त आवेश जोड़ने वाले चालक (जैसे हमारा शरीर) में से होते हुए क्षणिक विद्युत धारा उत्पन्न करके भूमि में चला जाता है। आवेशों के भूमि के साथ बंटन की इस प्रक्रिया को भूसंपर्कण (भूसंपर्कित करना) कहते हैं।
भूसंपर्कण विद्युत परिपथों एवं अनुप्रयुक्तियों की सुरक्षा के लिए की गई एक व्यवस्था है। धातु की एक मोटी प्लेट को भूमि में गहराई तक गाड़ा जाता है तथा इस प्लेट से मोटे तारों को निकालकर भवनों में इन तारों का उपयोग मुख्य आपूर्ति के निकट भूसंपर्कण के लिए किया जाता हैं।
एक तीसरी श्रेणी जिसे अर्धचालक कहते हैं, आवेशों की गति में अवरोध उत्पन्न करती है। इस अवरोध का परिमाण चालकों तथा विद्युतरोधियों के मध्यवर्ती होता है।