उत्प्रेरण की परिभाषा | प्रकार

इस पोस्ट में आप Class 12th Chemistry के उत्प्रेरण की परिभाषा | प्रकार अध्याय के सभी टॉपिक के बारे विस्तार से बताया गया है | आपको इन नोट्स से बहुत हेल्प मिलेगी |

उत्प्रेरण की परिभाषा – utpreran kya hai :

वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देते है परन्तु स्वयं बाहर तथा संगठन की दृष्टि से अपरिवर्तित रहते है उन्हें उत्प्रेरक कहते है इस घटना को उत्प्रेरण कहते है।

उदाहरण : N2 (g)  + 3H2(g)        (M0)      =          2NH3(g)

विशेष:

  • वे पदार्थ जो उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ा देते है उन्हें वर्धक कहते है।  इस क्रिया में M0 वर्धक का काम करता है।
  • वे पदार्थ जो उत्प्रेरक की सक्रियता को कम कर देते है उन्हें विष कारक कहते है।

उत्प्रेरण के प्रकार: 

उत्प्रेरण दो प्रकार का होता है।

  • समांगी उत्प्रेरण
  • विषमांगी उत्प्रेरण
  1. समांगी उत्प्रेरण:

जब क्रियाकारक क्रियाफल तथा उत्प्रेरक समान प्रावस्था में हो तो उसे समांगी उत्प्रेरण कहते है।

जैसे :

(1)   SO2(g) + O2(g)  =    2SO3(g)           (nitrogen monoxide(NO) Catalyst)

(2)   CH3COO-CH3(l) + H2O (l)  = CH3COOH(l)  + CH3-OH(l)     (HCl Catalyst)

(3)   C12H22O11(aq)  + H2O (l)  =  C6H12O6 + C6H12O6 (तनु H2SO4 Catalyst)

2 . विषमांगी उत्प्रेरण:

जब क्रियाकारक क्रियाफल तथा उत्प्रेरक अलग अलग प्रावस्था में हो तो उसे विषमांगी उत्प्रेरण कहते है।

जैसे :

(1)   N2(g) + 3H2(g)  = 2NH3(g)   (Fe & M0 उत्प्रेरक)

(2)   2SO2(g) + O2(g)  =    2SO3(g)           (PE उत्प्रेरक)

(3)   वनस्पति तेल + H2(g)  =  वनस्पति घी (Ni उत्प्रेरक)

(4)   4NH3(g) + 5O2(g)  = 4NO(g) + 6H2O(g)   (Pt उत्प्रेरक)

विषमांगी उत्प्रेरण का अधिशोषण सिद्धांत:
  1. सर्वप्रथम ठोस उत्प्रेरक की सतह पर क्रिया कारक के अणु विसरित होते है।
  2. उत्प्रेरक की सतह पर क्रियाकारक के अणुओं का अधिशोषण
  3. अधिशोषण के बाद मध्यवर्ती संकुल का निर्माण।
  4. उत्प्रेरण की सतह से उत्पाद का विशोषण।
  5. उत्पाद का उत्प्रेरक से दूर विसरण।

ठोस उत्प्रेरकों की विशेषताएं – thosh utprerak ki visheshtaye in hindi:

ठोस उत्प्रेरकों में निम्न विशेषताएं होती है।

1.सक्रियता :

ठोस उत्प्रेरक की सक्रियता से अभिप्राय है की उत्प्रेरक क्रियाकारक के अणुओं को अपनी सतह पर पर्याप्त प्रबलता से अधिशोषित कर सके।

2. वर्णात्मकता :

वर्णात्मकता से अभिप्राय है की उत्प्रेरक अभिक्रिया को विशेष दिशा में संपन्न करने की क्षमता रखते है।

  1.  CO + H2  = HCHO  ( Cu उत्प्रेरक )
  2. CO + 2H2 = CH3-OH (ZnO & Cr2O2 उत्प्रेरक )
  3. CO + 2H2 = CH4 + H2 (Ni उत्प्रेरक )

UP Board Class 12 Chemistry Notes in Hindi

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