बैडमिंटन पर निबंध – Essay on Badminton in hindi

Essay on Badminton in hindi: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल मे बैडमिंटन पर निबंध बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े |

Essay on Badminton in hindi


परिचय

भला इस खेल को कौन नहीं जानता होगा इसके साथ ही यह एक बेहतरीन खेल है जिसे आम तौर पर तो दो लोगों के बेच खेला जाता है, परंतु कई बार चार लोग भी इसमें शामिल रहते हैं। इसे शटल की सहायता से खेला जाता है और एक चिड़िया होती है जिसे कोई खिलाड़ी अपने प्याले में गिरने नहीं देता। यह चिड़िया, असल चिड़ियों के पंखो के बने होते हैं, जो की अत्यंत हलके होते हैं।Essay on Badminton in hindi


क्या कहता है बैडमिंटन का इतिहास


इतिहास के पन्नों पर बैडमिंटन की शुरुआत ब्रिटिश भारत में माना गया है और इसे ज्यादा तर कुलीन वर्ग के लोग खेला करते थे। और भारत से बहार ये उन अंग्रेज अधिकारियों के साथ गया जो रिटायर होने के बाद भारत से चले गए और जहाँ गए इस खेल को भी लेते गए। और धीरे धीरे खेल के नियमों में परिवर्तन होने लगे और शटलकॉक एवं शटल में भी कई बदलाव आये।
हर खेल में समय के अनुसार परिवर्तन आते रहते हैं और बैडमिंटन भी इससे अछुता नहीं है। पहले केवल शटल और शटलकॉक था फिर अंग्रेजों ने उसमे नेट जोड़ा। इसी तरह इस खेल में बदलाव आते गए और लोग आज जब इस खेल को खेलते हैं तो अग्रीम आनंद का अनुभव करते हैं।

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खेल के कुछ आयाम


इस खेल में उपयुक्त होने वाला सबसे प्रमुख वस्तु है रैकेट, जो की पहले लकड़ी का हुआ करता था परंतु समय के साथ इसमें कई परिवर्तन आये जैसे की, इसमें प्रयुक्त होने वाला धातु, धागा, आदि। अब इसे हलके से हलके धातु से बनाया जाता है, ताकि हवा में इसकी पकड़ अच्छी हो।
इसके अंदर लगने वाला धागा भी मोटा एवं पतला, दो प्रकार का होता है। धागा लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार लगवाते हैं।
खेल को एक कोर्ट में खेला जाता है जिसकी लम्बाई और चौड़ाई, उसमे खेलने वाले खिलाडियों की संख्या पर निर्भर करता है।
इस खेल में कुल 21 पॉइंट्स होते हैं और प्रत्येक खिलाड़ी का लक्ष्य होता है अधिक से अधिक अंक प्राप्त करना। कई बार, बराबर अंक हो जाने पर इसे आगे कुछ और अंको तक भी खेला जाता है।
प्रत्येक खिलाड़ी रैकेट की सहायता से कॉक को हवा में उछालते है और कोशिश करता है की उसके प्रतिभागी के कोर्ट में उनका कॉक गिर जाये। जितने बार सामने वाले का कॉक प्रस्तुत दायरे के अंदर गिरता है, आपके उतने अंक बनते हैं।
जिसके अंक अंत में सबसे अधिक होते है, खेल का विजेता वाही होता है।


बैडमिंटन से जुड़ी यादें

मुझे अभी भी बड़े अच्छे से याद है सर्दियों के वे दिन, जब दिन की शुरुआत दो शटल और एक कॉक के साथ हुआ करती थी। न दिन का पता चलता था न रात का, वो तो जब तक घर वाले डंडे लेकर ढूंढने न निकले, हम टस से मस न हुआ करते थे। दरसल यह खेल मेरा और मेरे दोस्तों का पसंदीदा खेल हुआ करता था। लेकिन देखा जाये तो अभी भी मेरे जज्बातों में कोई फर्क नहीं पड़ा है। जहाँ दो लोगों को खेलते देखती हूं एक बार हाथ जरुर आजमा लेती हूं, क्या करे मन में लालच आ जाता है।
चाहे कुछ भी हो जाये कॉक को अपने पाले में गिरने नहीं देती थी और इस चक्कर में कई बार गिर भी जाया करती थी, पर उस दौर में खेल के आगे क्या चोट और क्या बड़ों की डाट, सब सह लेती थी। वाकई यह एक लाजवाब खेल है। और हम सब को इसे जरुर खेलना चाहिए। बड़े अपना कुछ समय जिम में कसरत करते बिताते हैं, पैसे देकर कसरत करने से अच्छा है इस तरह के खेल खेले जाएँ। इससे सबकी सेहत भी ठीक रहती है और अप बच्चों के साथ समय भी बीता सकते हैं।Essay on Badminton in hindi


2 खिलाड़ियों के बीच में खेला जाता हैं मैच

यह एक ऐसा खेल हैं जो 2 खिलाड़ियों के बीच खेला जाता हैं ना कि दो टीमों के बीच। इस खेल को खेलने के लिय 2 खिलाड़ी एक दूसरे के सामने खेलते हैं और एक दूसरे से आगे जाने और ज्यादा पॉइंट बनाने के लिए सोचता हैं। इस मैच को खेलने के लिए एक विशेष प्रकार के मैदान की आवश्यकता नहीं होती हैं बल्कि यह इस खेल को गार्डन मैदान में भी आसानी से खेला जा सकता हैं।
आम भाषा में इसे हम चिड़ी बल्ला कहते हैं जबकि वास्तव में इस खेल का नाम बैडमिंटन हैं। इस खेल को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हैं और इस खेल को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता हैं। इस खेल के बारे में काफी कुछ अच्छी बातें हैं।


बैडमिंटन के नियम


राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस खेल को खेलने के लिए कुछ नियम होते हैं। इन नियम के अनुसार ही इस खेल को खेला जाता हैं। अन्य खेल की तरह इस खेल के भी नियम हैं, जैसे:
इस खेल को 1-1 खिलाडी या 2-2 खिलाड़ी के बीच खेला जाता हैं। यह खिलाड़ी के मैदान के दोनों छोर पर होते हैं। इन खिलाड़ियों के बीच में एक नेट होता हैं।
इस खेल में कुल 21 पॉइंट होते हैं। एक खिलाड़ी जब दूसरे खिलाड़ी की ओर मारता हैं और सामने वाला खिलाड़ी जब चिड़ी को वापस मारता हैं तब तक वह गेम सही चलता हैं। अगर कोई खिलाड़ी बोल को मारने से चुक जाता हैं और बोल नीचे गिर जाती हैं तो सामने वाले खिलाड़ी को पॉइंट मिलता हैं। ऐसे जिस खिलाड़ी के पास ज्यादा पॉइंट होते हैं, वह जीत जाता हैं।
इन खिलाड़ियों के बीच में एक नेट होता हैं अगर कोई खिलाड़ी बोल मारता हैं और वो बल नेट पर लग जाती हैं तो उस स्तिथि में वह पॉइंट सामने वाले खिलाड़ी को मिलता हैं।
इस खेल को खेलने के लिए नियम साधारण होते हैं। अगर कोई इन्हें फॉलो करता है तो वो इस खेल को आसानी से खेला जा सकता हैं।

बैडमिंटन खेल के उपकरण


बैडमिंटन खेलने के लिए ज्यादा उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती केवल कुछ ऐसे उपकरण होते है जो इस खेल के लिए अनिवार्य होते है


रैकेट –

बैडमिंटन खेलने के लिए रैकेट की जरुरत होती है जो बहुत हलके होते है.सामान्यतः बैडमिंटन रैकेट का वज़न 79 से 91 के बीच में होता है.वर्तमान में रैकेट का निर्माण करने के लिए कार्बन फाइबर का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण रैकेट बहुत हलके होते है.रैकेट के शटलकॉक को मारने वाले हिस्से को तारो से कसकर जालीनुमा बनाया जाता है.

शटलकॉक –

शटलकॉक शंकु आकार की होती है जिसे हम चिड़िया के नाम से जानते है, वो मुख्यतः कुछ विशेष पक्षियों के पंखो या सिंथेटिक सामग्रियों के उपयोग से बनाई जाती है.नीचे का हिस्सा चमड़े या सिंथेटिक वस्तु का बना होता है जिसके ऊपर पंखो को लगाया जाता है.


बैडमिंटन कोर्ट –

बैडमिंटन का कोर्ट आयताकार होता है जिसको दो समान हिस्सों में विभाजित करके बीच में नेट लगाई जाती है.कोर्ट दो प्रकार के हो सकते है एकल और युगल.दोनों कोर्ट की लम्बाई एक समान होती है लेकिन युगल कोर्ट की चौड़ाई एकल कोर्ट से अधिक हो सकती है.Essay on Badminton in hindi


नेट –

बैडमिंटन कोर्ट को दो बराबर हिस्सों में विभाजित करके बीच में नेट लगाई जाती है.नेट बीच में 5 फीट ऊंचा होता है और किनारे पर 5 फीट 1 इंच ऊँचा होता है.


बैडमिंटन कैसे खेलते है?


बैडमिंटन का खेल दो तरीको से खेला जा सकता है एकल और युगल प्रतियोगिता.एकल में दो खिलाड़ी एक दूसरे के विरुद्ध खेलते है वही युगल में दो-दो खिलड़ियों की दो टीमों के बीच मैच खेला जाता है.
खेल की शुरुआत एक तरफ से शटलकॉक को रैकेट से मारकर किया जाता है जिसे सर्विसिंग साइड भी कहा जाता है.उसके बाद दोनों खिलाड़ियों को शटलकॉक को अपने अपने हिस्से में गिरने से बचाते हुए विरोधी खिलाड़ी के हिस्से में गिराने का प्रयास करना होता है.अगर किसी खिलाड़ी के पाले में शटलकॉक गिरती है तो विरोधी खिलाड़ी के खाते में एक पॉइंट जोड़ दिया जाता है.
एक मैच कुल तीन भागों में खेला जाता है प्रत्येक भाग में 21 पॉइंट का एक खेल होता है.मैच को जीतने के लिए एक टीम के खिलाड़ी को मैच के दो भागो को जीतना अनिवार्य होता है.

source:
247 Education


निष्कर्ष


बैडमिंटन का खेल तेजी से लोकप्रिय हुआ है, मनोरंजन के साथ साथ यह खेल कई लोगों का प्रोफेशन बन चुका है.भारतीय बैडमिंटन के सितारे पी वी सिंधु, साइना नेहवाल,पुलेला गोपीचंद,प्रकाश पादुकोण जैसे कई शानदार खिलाड़ियो ने भारत में इस खेल के प्रति लोकप्रियता को और बढ़ाया है.इस खेल को प्रोफेशनल तरीके से बढ़वा देने के लिए भारत में प्रीमियर बैडमिंटन लीग का आयोजन करवाया जाता है.

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