Gathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर गठबंधन सरकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया है।Gathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
Gathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain
गठबंधन सरकार का मतलब होता है ,जब कोई पार्टी बहुमत में नहीं आ पाती है ।तो उसे दूसरी पार्टी अपना समर्थन देती है, दूसरी पार्टी वोट देती है ।जिससे उसका कंप्लीट हो जाता है, और वह सरकार बनने के लायक हो जाती है। उसे ही गठबंधन कहते हैं। Gathbandhan Sarkar Kise Kahate Hainगठबंधन सरकार संसदीय सरकार की कैबिनेट होती है, इसमें कई राजनीतिक दल उनका साथ देते हैं। इस गठबंधन के भीतर किसी भी एक दल का प्रभुत्व नहीं रहता है, इस व्यवस्था का आम कारण यह दिया जाता है की कोई भी दल अपने बलबूते पर संसद में बहुमत नहीं ले सकता है। गठबंधन अस्थाई या सुविधा अनुसार हो सकता है इसके कार्य मुख्यत सामान्य एक होते हैं, और यह किसी और हित हेतु गठबंधन में बंध जाते हैं।
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जैसा की हम सभी जानते हैं की राजनीतिक गठबंधन विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा एक आम राजनीतिक एजेंडे पर चुनाव लड़ने या सामूहिक रूप से चुनाव के बाद सरकार के गठन के लिए पारस्परिक लाभ के प्रयोजनों के लिए एक समझौता है.
जब कोई एक राजनीतिक दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता तब सरकार गठन करने के लिए कई राजनीतिक दलों का एक साथ मिलना एक राजनीतिक गठबंधन कहा जाता है.समझने में ये बात तो बहुत ही सहज मालूम पड़ती हैGathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain पर आज के आधुनिक दौर की राजनितिक परिस्थितियां गठबंधन की कुछ अलग ही परिभाषा वयां करती है.
हाल ही में एक गणमान्य राजनेता का एक पत्रिका The Week को दिए साक्षात्कार से गठबंधन शब्द का एक नया अवतार सामने आया है.यह साक्षात्कार (“Once my honeymoon with the BJP is over,I will be free to have alliance with any party that supports my goal of making — a developed state”) मीडिया एवं राजनितिक दलों को ३-४ दिन तक गरमाए रखा और फिर ताप के चढ़ते पारो को देखते हुए The Week पत्रिका ने इस साक्षात्कार को अपने वेबसाइट से फ़ौरन हटा भी दिया गया वही दूसरी तरफ इस साक्षात्कार को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया गया.अगर यह सत्य है तो यहाँ न्यूज़ की विश्वश्नियता के लिए मीडिया के ऊपर भी प्रश्न उठनी चाहिए?
मतलब चाहे जो भी निकालें साक्षात्कार या साक्षात्कार में वर्णित अंश भारतीय लोकतंत्र में गठबंधन की एक नयी दिशा एवं दशा का इशारा करती है.अब गठबंधन एक आम राजनीतिक एजेंडा नहीं बल्कि लाभ के प्रयोजनों का हनीमून है.गठबंधन के इस नए अवतार के लिए सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के आपस में कमजोर समन्वय ही जिम्मेवार मानी जायेगी.
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जो बात इनको आपस में बैठ करनी चाहिए वो मीडिया के जरिये कह रहे हैGathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain.एक गठबंधन को क्या किसी मातहत की जरूरत होनी चाहिए अगर हाँ तो वो गठबंधन नहीं हो सकती? विभिन्न राजनीतिक दलों के लोकतांत्रिक शासन के प्रति समझ की बदलती शैली पांच वर्ष की आयु वाली संसदीय व्यवस्था को तो प्रभावहीन बनाएगा ही साथ साथ १२२ करोड़ हिन्दुस्तानियों के देखभाल का उत्तरदायित्व एक व्यंग्य मात्र रह जाएगा.माफ़ कीजियेगा,अगर एक राजनीतिक गठबंधन हनीमून हैGathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain तो फिर राजनीतिज्ञों के लिए प्रजातंत्र क्या विलासिता की रसायन मानी जाए? विकास एक अति महत्वपूर्ण मुद्दा के साथ साथ जरूरत भी है पर क्या संबैधानिक भावनाओं के मनोवैज्ञानिक शोषण की कीमत पर?
राजनीतिज्ञ उत्तर प्रदेश के विधान सभा के चुनाव परिणाम यानी कमल [राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)] और हाथ {संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)} पे उठते विश्वास को भूलते नजर आ रहे है? आम आदमी द्वारा क्या राजग क्या संप्रग जैसे कुंठा भरे संबोधन आम आदमी के प्रजातंत्र के प्रति श्रद्धा को कम करता जा रहा है.तत्कालीन परिस्थितियाँ लोकतंत्र को खोखला और जर्जर करती जा रही हैGathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain,प्रजातंत्र की आधारभूत मान्यता है कि जो भी पार्टी सत्ता में हो उसे देश के मतदाताओं का बहुमत प्राप्त हो पर अपने देश में सत्तासीन होने के लिए केवल सदन के अन्दर सदस्यों का बहुमत जुटा लेना काफी है,सदन के बाहर मतदाताओं के बहुमत कि आवश्यकता नहीं होती और यही कारण है की गठबंधन और हनीमून एक समान हो गया है या फिर कहे की राजनीतिक गठबंधन अब राजनीतिक हनीमून हो गया है? हम अपने संबिधान के लक्ष्यों से कितना भटक गए हैं? और अब यह आवश्यक हो गया है Gathbandhan Sarkar Kise Kahate Hainकी सारे राजनितिक दल एवं गणमान्य राजनेतागण भारतीय संबिधान की प्रस्तावना को पुनः पढ़ अपने याद्दास्त को ताज़ादम करे.स्वतंत्रता के बाद भारतीय नेताओं ने एक साथ बैठ कर गहन विचार विमर्श के बाद देश के लिए एक संविधान तैयार किया था,जो कई संशोधनों के साथ आज भी लागू है।
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