चुम्बक में दो ध्रुव पाए जाते है तथा इन दोनों ध्रुवों को अलग नहीं किया जा सकता अर्थात किसी एक ध्रुव का अस्तित्व संभव नहीं है तथा धारावाही लूप या चुम्बकीय द्विध्रुव को चुम्बकत्व का सबसे छोटा रूप माना जाता है यही कारण है की चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं सतत तथा बंद वक्र के रूप में होती है।
चित्रानुसार माना एक बंद लूप है जिसका क्षेत्रफल S है , हम स्पष्ट रूप से देख सकते है की बंद पृष्ठ (S) से बाहर निकलने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या , बंद पृष्ठ(S) में प्रवेश करने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या के बराबर होगी।
अर्थात पृष्ठ में जितनी बल रेखाएं प्रवेश करती है उतनी बल रेखाएं बाहर निकलती है।
यदि प्रवेश करने वाली बल रेखाओ को धनात्मक चिह्न के साथ लिखे तथा बाहर निकलने वाली बल रेखाओ को ऋणात्मक चिह्न के साथ लिखे तो
प्रवेश करने वाली बल रेखायें = बाहर निकलने वाली बल रेखायें
अर्थात
प्रवेश करने वाली बल रेखायें – बाहर निकलने वाली बल रेखायें = 0 अतः हम कह सकते है की नेट क्षेत्र रेखाओं की संख्या शून्य होगी इसे चुम्बकत्व के सम्बन्ध में गाउस का नियम कहते है।
अर्थात
अतः चुम्बकत्व के सन्दर्भ में गाउस के नियमानुसार ” किसी भी बन्द पृष्ठ से गुजरने वाला नेट चुम्बकीय फ्लक्स शून्य होता है। “
Remark:
दोस्तों अगर आपको इस Topic के समझने में कही भी कोई परेशांनी हो रही हो तो आप Comment करके हमे बता सकते है | इस टॉपिक के expert हमारे टीम मेंबर आपको जरूर solution प्रदान करेंगे|