श्रेणी LCR परिपथ के लिए जब आवृति f में परिवर्तन किया जाता है तो उसके अनुसार परिपथ में प्रवाहित धारा के मान में भी परिवर्तन आता है।
जब हम परिवर्तनशील आवृत्ति f तथा परिपथ में प्रवाहित धारा I के मध्य ग्राफ खीचते है तो यह चित्र के अनुसार प्राप्त होता है।
LCR परिपथ जब अनुनाद की स्थिति में होता है उस स्थिति में धारा का मान अधिकतम प्राप्त होता है , यहाँ परिपथ की अनुनादी आवृत्ति f0 है , यहाँ अनुनादी आवृत्ति f0 पर धारा का मान अधिकतम प्राप्त होता है जिसे ग्राफ में Imax से व्यक्त किया गया है। इसी स्थिति में परिपथ में शक्ति क्षय का मान भी अधिकतम होगा जिसका मान I2max R होगा।
LCR पारपथ में अनुनादी स्थिति से पूर्व की आवृति f1 तथा बाद की स्थिति की आवृत्ति f2 पर परिपथ में शक्ति क्षय का मान आधा रहता है जैसा ग्राफ में दर्शाया गया है इन दोनों आवृत्ति बिन्दुओ f1 , f2 को अर्द्ध शक्ति बिन्दु या आवृत्तियाँ कहते है।
परिभाषा : L-C-R अनुनादी परिपथ में ऐसे बिन्दु या आवृत्तियाँ जिन पर शक्ति क्षय का मान इसके अधिकतम मान से आधा रह जाए उन बिन्दुओ या आवृतियों को अर्द्ध शक्ति बिन्दु या आवृत्तियाँ कहते है।
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