Kala Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर कला की परिभाषा, प्रकार और उदाहरणKala Kise Kahate Hainके बारे में विस्तार से बताया है। यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
Kala Kise Kahate Hain
इन्सान शुरू से खुबसुरती और सौन्दर्य का पुजारी रहा है. हमे सुन्दर वस्तुए पसंद है. और सुन्दर वस्तुए हमेशा हमारे दिल को भाति है. प्रत्येक इन्सान हमेशा सुंदर वस्तुओ की मन में कामता करता है. और इन्ही भावनाओ से प्रभावित होकर हमनेKala Kise Kahate Hain विभिन्न रचनाए की जैसे संगीत का निर्माण, काव्यो का निर्माण, सुंदर इमारतो का निर्माण, मूर्तियों का निर्माण इत्यादि किया।
कला किसे कहते है?
इन सुंदर वस्तुओ के निर्माण की प्रक्रिया और काबिलियत को ही कला नाम दिया गया है. इस आर्टिकल में हम जानेगे की कला क्या है. और विभिन्न विद्वानों ने कला को किस प्रकार से परिभाषित किया है।
साथ ही इस आर्टिकल में हम कला के विभिन्न शाखाओ और प्रकारों का ही वर्णन कर रहे
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कला का अर्थ
कला का वास्तविक अर्थ जानने के लिए हमें अंग्रेजी का आर्ट (Art) शब्द को लेना होगा। ‘आर्ट’ सत्य के साथ जो सुंदरता का बोध लगा हुआ है, वह अति आधुनिक तथा वैज्ञानिकता से भरा हुआ है। आर्ट शब्द लैटिन के ‘आर्स(Ars)’ शब्द से बना हुआ है जिसका ग्रीक रूपांतर है TEXVEN: महान दार्शनिक प्लेटो ने इसे Techne शब्द के रूप में लिया है। इस शब्द का प्राचीन अर्थ साधारण शिल्प या विशेष निपुण होता है। Kala Kise Kahate Hainकला शब्द ‘कल’ धातु से उत्पन्न हुआ है। जिसका अर्थ है ‘सुंदर’। कला शब्द में ‘ला’ धातु भी लगती है, जिसका अर्थ है ‘प्राप्त करना’ अर्थात् कला का अर्थ है सुंदरता को प्राप्त करना। भारत में भी पहले कलर्स शब्द का प्रयोग कारीगरी कौशल या शिल्प के लिए होता है। परंतु उस समय भी कुछ क्षेत्र में कला शब्द का प्रयोग आधुनिक ललित कला के अर्थ में हुआ है।
कला की प्रमुख शाखाएं | Kala Kise Kahate Hain
कला की शाखाएं निम्नलिखित हैं –
- संगीत कला
- काव्यकला
- चित्रकला
- मूर्तिकला
- वास्तुकला
- संगीत कला
संगीत
संगीत को कला में सबसे ऊचा दर्जा दिया गया है क्योंकि संगीत वह कला है जिसमे छोटी-छोटी वस्तु का भी बहुत बारीकी के साथ ध्यान रखा जाता है। इसमें भौतिक वस्तुओं को कम महत्त्व नहीं दिया गया है। जो सुख और आनंद की अनुभूति संगीत सुनने में मिलती है। Kala Kise Kahate Hainवह कला की दूसरी शाखाओ में नहीं मिलती, इसलिए संगीत सबसे सर्वश्रेष्ठ कला है।
काव्यकला
काव्यकाल वह कला है जिसमे शब्दों का महत्त्व होता है। इसमें भी भौतिक वस्तुओं को महत्त्व नहीं दिया जाता है। जो भाव मन में उभरते है उन्हें कवि अपने कलम के द्वारा लिखते है और सुनने वाला इन भावों और शब्दों के सही मायने समझ कर आनंद हासिल करता है।
चित्रकला
चित्रकला का स्थान कला की शाखाओं में महत्वपूर्ण है। इस शाखा में कलाकार अपने मन के भाव को कागज पर उतारता है। इस कला में निपूर्ण होने के लिए निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है।
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मूर्तिकला
चित्रकला की तरह ही मूर्तिकला भी कला की एक महत्वपूर्ण शाखा है, लेकिन कला की इस शाखा में भावों को कागज पर नहीं पत्थर या धातु पर प्रदर्शित किया जाता है। इस कला में मिट्टी, पत्थर, हथोड़ा और अन्य छोटे औजारों का इस्तेमाल किया जाता है।
वास्तुकला
वास्तुकला कला भी कला की प्रमुख शाखा है लेकिन इस कला में भौतिकता को ज्यादा जगह दी गई है।Kala Kise Kahate Hain इसलिए वास्तुकला को अन्य कलाओं के बाद जगह दी गई है। इस कला में भारी भरकम वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है जैसे – ईटे, पत्थर, चुना, सीमेंट, सरिया इत्यादि।
कला कितने प्रकार की होती है | कला का वर्गीकरण
कला को मुख्यतः 2 भागों में बाटा गया है –
- देखने योग्य कला
- सुनने योग्य कला
देखने योग्य कला
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वह कला की अनुभूति जिसे देखा जा सकता है, उसे देखने योग्य कला कहा जाता है।
उदाहरण – नृत्यु, शिल्पकला, मूर्तिकला, चित्रकला आदि।
सुनने योग्य कला
वह कला जिसे देखा नहीं जा सके और सिर्फ सुनकर अनुभव किया जा सके, उसे सुनने योग्य कला कहा जाता है।
उदाहरण – काव्यकला, संगीत, गीत, सुरीली-ध्वनिया आदि।
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