Kavya Kise Kahate Hain हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर काव्य की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण Kavya Kise Kahate Hainके बारे में विस्तार से बताया है। यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
Kavya Kise Kahate Hain
काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है। छन्दबद्ध रचना काव्य कहलाती हैं।Kavya Kise Kahate Hain आचार्य विश्वनाथ ने काव्य को परिभाषित करते हुए लिखा हैं ” वाक्यं रसात्मकं काव्यम्य ” मतलब रसयुक्त वाक्य को ही काव्य कहा कहा जाता है।
काव्य की परिभाषा :-
आचार्य विश्वनाथ के अनुसार _ “ रसात्मकं वाक्यं काव्यं अर्थात् रस युक्त वाक्य ही काव्य है। “
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार – ” यदि निबंध गद्य की कसौटी है तो गद्य कवियों की कसौटी है ।”
जयशंकर प्रसाद के अनुसार -” आत्मा की संकल्पनात्मक अनुभूति काव्य है।”
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काव्य के गुण
काव्य के तीन प्रमुख गुण होते है –
- माधुर्य
- ओज
- प्रसाद
माधुर्य गुण की परिभाषा
मधुरता के भाव को माधुर्य कहते है |Kavya Kise Kahate Hain जिस काव्य को सुनने से मन आनंदमय हो जाये तथा कानो में मधुरता का आभास हो, उसे माधुर्य गुण की संज्ञा दी जाती है | यह गुण मुख्य रूप से श्रृगार, शांत एवं करुण रस में पाया जाता है |
माधुर्य गुण का उदाहरण –
कंकन – किंकन नुपुर धुनी सुनि |
प्रसाद गुण की की परिभाषा
प्रसाद का अर्थ है – निर्मलता या प्रसन्नता | अर्थात जिस काव्य को पढ़ते या सुनते समय ह्रदय पर छा जाये अर्थात ह्रदय में वह बात लिप्त हो जाये और मन खिल जाए उसे प्रसाद गुण कहते है |
प्रसाद गुण का उदाहरण –
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर
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ओज गुण की परिभाषा –
जिस काव्य रचना को सुनने से मन में उत्तेजना पैदा होती है उस कविता में ओज गुण होता है |वीर रस इस गुण का प्रमुख रस होता है |
ओज गुण का उदाहरण –
महलों ने दी आग, झोपड़ियो में ज्वाला सुलगाई थी
काव्य के भेद
- श्रव्य काव्य
- द्रश्य काव्य
श्रव्य काव्य किसे कहते हैं?
वह छंद मई रचना जिसका आनंद सुनकर या पढ़ कर लिया जाता है उसे श्रव्य काव्य कहते हैं। जैसे – रामचरितमानस
दृश्य काव्य किसे कहते हैं?
जिस गद्य – पद्यमयी रचना का आनंद देखकर, सुनकर या पढ़कर लिया जाता है, उसे दृश्य काव्य कहते हैं|
महाकाव्य किसे कहते हैं ?
ऐसी पदबद्ध रचना जिसमें किसी महान व्यक्ति का पूर्ण रूप से वर्णन हो एवं इसका उद्देश्य महान हो महाकाव्य कहलाता है।Kavya Kise Kahate Hain प्रबंध काव्य का भेद महाकाव्य है| महाकाव्य एसी रचना को कहते हैं जिसमें कोई इतिहास – पुराण प्रसिद्ध कथावस्तु होती है| इसमें श्रृंगार, वीर तथा शांत रसों में कोई अंगी रस होता है तथा शेष रस गौण रूप में व्यंजित होते हैं।
महाकाव्य का उदाहरण –
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- रामचरितमानस
- साकेत
- कामायनी
- पदमावत
महाकाव्य की विशेषताएं या लक्षण
- इसमें जीवन का संबंध चित्रण होता है
- इसकी कथा इतिहास प्रसिद्ध होती है
- इसका नायक महान और उदात्त चरित्र वाला होता है
- महाकाव्य में श्रृंगार वीर और शांत रस में से कोई एक रस प्रमुख रूप से होता है तथा अन्य मुख्य रस के सहयोगी होते हैं।
- प्रबंध काव्य में एआठ या अधिक सर्ग होते हैं
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