किरचॉफ के नियम क्या है – Kirchhoff Ka Niyam hindi:
किरचॉफ ने परिपथ के जिन दो नियमों को बताया था, वे इस प्रकार हैं –
- प्रथम नियम – किरचॉफ का धारा(current) का नियम (Kirchhoff’s current law-KCL)
- द्वितीय नियम – किरचॉफ का विभवान्तर(voltage) का नियम (Kirchhoff’s voltage law-KVL)
किरचॉफ का पहला नियम – Kirchhoff’s current law in Hindi:
विद्युत परिपथ या इलेक्ट्रिक सर्किट में संधि बिंदु या node पर मिलने वाली सभी विद्युत धाराओं का बीज गणितीय योग शून्य होता है |
संधि पर सभी धाराओं का बीज गढतीय योग शून्य क्यों होता है इसका कारण हैं कि संधि पर आने वाली विद्युत धाराओं का योग और संधि से जाने वाली विद्युत धाराओं का योग बराबर होता है
या ΣI=0
इस किरचॉफ के current के नियम के अनुसार कोई विद्युत धारा संधि की तरफ आती है तो उसका मान धनात्मक मानते है और संधि से दूसरी तरफ जाने वाली धारा का मान ऋणात्मक लेते है यह नियम संधि पर लागू होता है|
इसलिए किरचॉफ के पहले नियम को संधि का नियम कहते है और धारा नियम भी यानी जितना total current node या संधि पर आता है उतना ही यहां से निकल जाता है इसलिए यहां विद्युत धारा का मान शून्य होता है |
किरचॉफ का दूसरा नियम – Kirchhoff’s voltage law in Hindi:
“किसी बंद लूप या परिपथ में विद्युत वाहक बल(EMF) का बीजगणितीय योग, उस परिपथ के प्रतिरोधकों के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तरों(voltage) के बीजगणितीय योग के बराबर होता हैं।”
दुसरे शब्दों में कहे तो – “किसी लूप के सभी विभवान्तरों का बीजगणितीय योग शून्य होता है।”
इसे किरचॉफ का ‘लूप नियम’ भी कहते है। यह ऊर्जा के संरक्षण के नियम पर आधारित है।
तब हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि किरचॉफ के दूसरे नियम के अनुसार किसी बंद परिपथ के अलग अलग भागों में प्रवाहित हो रही विद्युत धाराओं और उसके संगत प्रतिरोधों के गुणनफल का बीज गणितीय योग और उस परिपथ में उपस्थित विद्युत वाहक बलों का बीज गणितीय योग समान होते है|
किरचॉफ नियम तथा भौतिक विज्ञान में प्रयोग होने वाले कुछ महत्वपूर्ण शब्दावली :
नोड: नोड यानि की जंक्शन, जहाँ विद्युत् परिपथ के दो या दो से अधिक चालक या कोई अन्य तत्व आकर मिलते हैं, नोड कहलाते हैं।
लूप: लूप एक बंद परिपथ को कहते हैं, जिसमें सर्किट से संबंधित तत्व या नोड एक से ज्यादा नही होते हैं।
परिपथ: सर्किट एक बंद लूप को कहते हैं जिसमें चालकों, प्रतिरोधकों इत्यादि से होकर विद्युत् धारा प्रवाहित होती हैं।