Sadak Suraksha Essay in hindi: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल मे सड़क सुरक्षा पर निबंध बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े |
Sadak Suraksha Essay in hindi
प्रस्तावना
धरती पर हरेक इंसान के द्वारा सड़क सुरक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिये चाहे वो वाहन का इस्तेमाल करता हो या नहीं। बड़ों के मार्गदर्शन की कमी के कारण सड़क हादसों, छोटी चोट या बड़ी चोटें यहाँ तक की मृत्यु की ओर बच्चे और विद्यार्थी सबसे कमजोर समूह हैं। उनके शुरुआती समय में सड़क सुरक्षा नियमों और उपायों के बारे में बच्चों को अच्छे से जागरुक बनाने में कोई देर नहीं होनी चाहिये। ये माता-पिता और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वो उन्हें अच्छे से मार्गदर्शन दें।
बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा ज्ञान की जरुरत
आँकड़ों के अनुसार, ये पाया गया है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटना मामले जिसमें बच्चे शामिल होते हैं, क्योंकि वो दूसरे आयु वर्ग के समूह से ज्यादा खतरे पर होते हैं। उन्हें अपने शुरुआती समय से ही सड़क सुरक्षा ज्ञान और शिक्षा की जरुरत है। उनके पाठ्यक्रम में इसे विषय के रुप में जोड़ने के द्वारा उनके घर और स्कूल से ही इसकी शुरुआत होनी चाहिये। यहाँ दिये निम्न बिंदु इस बात की तस्दीक करेंगे कि क्यों सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है:
बच्चे, बच्चे होते हैं, यातायात परिस्थिति के दौरान घर या दूसरी जगहों खासतौर से सड़क में वो अगला क्या करेंगे कोई भी इसके बारे में आश्वस्त नहीं है।
बच्चे बिल्कुल निर्दोष होते हैं, सड़क पर तेज गति से चलने वाले वाहनों का वो मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं।
उनके छोटे कद के कारण चालक भी सड़क पर उनके मूड को भाँप नहीं सकता जब वो वाहन के सामने सड़क को पार करने की कोशिश करते हैं।
वो अंदाजा नहीं लगा सकते कि कैसे प्राय: वाहन खाली सड़क पर आ जाते हैं।
वो सड़क को कहीं से भी पार सकते हैं क्योंकि उन्हें सड़क को पार करने के लिये उचित तरीका नहीं पता होता।
वो जल्दी ही डर जाते हैं और ये नहीं समझ पाते कि उन्हें क्या करना चाहिये जब वो वाहन को अपनी ओर आते हुए देखते हैं।Sadak Suraksha Essay in hindi
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बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा नियम
सड़क पर उन्हें जिम्मेदार पैदल यात्री बनाने के द्वारा सड़क हादसों से बच्चों को बचाने में निम्न कुछ जरुरी सड़क सुरक्षा नियम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं:
अभिवावकों को अपने बच्चों को अतिरिक्त सावधान बनाना चाहिये और सड़क को पार करने से पहले हर तरफ (बाँये और दाँये) देखने के बारे में सिखाना चाहिये।
बच्चों को सड़क पार करते हुए अपने बड़ों या दोस्तों का हाथ हमेशा पकड़े रहना चाहिये।
उन्हे कभी-भी सड़क पर दौड़ना नही चहिये, माता-पिता का हाथ छोड़ना या जल्दी में नहीं होना चाहिये और धैर्य रखें।
किसी भी वजह से उनका ध्यान न बँटे और सड़क पर उन्हें अधिक सचेत होने की जरुरत है।
केवल फुटपाथ का अनुसरण करने के लिये उनके अभिवावकों द्वारा उन्हें अभ्यस्त बनाना चाहिये या हमेशा सड़क पर बाँये तरफ का प्रयोग करें जहाँ फुटपाथ अनुपलब्ध हो।
पैदलयात्रीयों के लिये यातायात सिग्नलों को देखने के बाद चौराहे पर केवल सड़क को पार करने के लिये उन्हें सिखाना चाहिये।
सड़क पर रंगों के मायने (लाल अर्थात् रुको, हरा अर्थात् चलो और पीला का भी अर्थ रुकना है), यातायात लाईट की मूल जानकारी और यातायात चिन्हों के महत्व को उन्हें जरुर बताएँ।
कार या बस से बाहर आने के दौरान पैसेंजर सीट के पीछे की तरफ का इस्तेमाल उन्हें करना चाहिये।
बच्चों को सड़क पर या खेलने की जगह से बाहर के क्षेत्र में नहीं खेलने के बारे में बच्चों को सिखाना चाहिये।
ब्रेक, हार्न और स्टीयरिंग या हैंडल के कार्य को ठीक से जाँचने के द्वारा सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान सभी उपयों के इस्तेमाल और हेलमेट को जरुर पहनना चाहिये।
सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान बच्चों को ईयरफोन या गाना सुनने का कोई दूसरा यंत्र नहीं प्रयोग करना चाहिये।
कार चलाने के दौरान सीट-बेल्ट या बाईक चलाने के दौरान हेलमेट पहनने के लिये अभिवावक को उन्हें सिखाना चाहिये। एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिये गाड़ी चलाने के दौरान अभिवावकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का अनुसरण करना चाहिये क्योंकि अपने बच्चों के जीवन में माता-पिता ही पहला उदाहरण किसी कार्य को सीखने के लिये बनते हैं।
भारत सरकार का मोटर वाहन बिल –
साल 2016 में भारत सरकार द्धारा सड़क सुरक्षा के तहत एक मोटर वाहन बिल पारित किया गया था। जिसके तहत ट्रैफिक के नियमों को पहले की तुलना में सख्ती से लागू किया गया और सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
इसके साथ ही ट्रैफिक विभाग को आधुनिक तकनीको से लैस उपकरण देने की बात कही गई, हालांकि इस बिल को पारित करने के बाद भी सड़क हादसों में कोई खास कमी नहीं आई है।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना –
सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इसके लिए हम सभी को अपने-अपने घरों में अपने बच्चों को अथवा अपने दोस्तों को सड़क सुरक्षा के नियमों से अवगत करवाना चाहिए।
इसके साथ ही स्कूल, कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा नियमों से अवगत करवाना चाहिए और समय-समय पर सड़क सुरक्षा से जुड़े विषय पर सेमिनार और कैंप आदि का आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सड़क सुरक्षा के महत्व को समझ सकें और दुर्घटना से बच सकें और अपने जीवन की रक्षा कर सकें।
वहीं इस टेक्नोलॉजी के युग में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से लोग यातायात के नियमों को सोशल मीडिया साइट्स पर भी शेयर कर जागरुकता फैला सकते हैं, अथवा सड़क सुरक्षा से जुड़े कुछ कोट्स अथवा स्लोगन के माध्यम से भी लोगों को प्रेरित कर सकते हैं।Sadak Suraksha Essay in hindi
ध्यान रखने योग्य जरूरी सड़क सुरक्षा नियम:
सड़क पर हमेशा लेफ्ट की साइड ही चलें अथवा अपना वाहन भी लेफ्ट साइड पर ही रखें।
स्पीड से वाहन नहीं चलाएं।
दौड़ते हुए कभी रोड क्रॉस नहीं करें।
मुड़ते वक्त इंडिकेटर का इस्तेमाल करें।
टैफिक सिंगल अथवा स्ट्रीट लाइट्स का पालन करें। ग्रीन लाइट होने पर ही चौराहे को क्रॉस करें। यलो लाइट हो जाने पर रुक जाएं और रेड लाइट होने पर खड़े रहें और ग्रीन लाइट के जलने का इंतजार करें।
गाड़ी का इस्तेमाल करते वक्त हमेशा आइने का इस्तेमाल करें, ताकि अपने पीछे से आने वाले वाहनों से सचेत रह सकें।
शराब पीकर गाड़ी कभी नहीं चलाएं।
पैदल चलने वाले यात्री फुटपाथ पर चलें, अगर फुटपाथ नहीं हो तो हमेशा लेफ्ट की तरफ ही चलें।
18 साल से कम उम्र के बच्चे वाहन नहीं चलाएं।
वाहन चलाते वक्त हमेशा ड्राइविंग लाइसेंस अपने पास रखें।
गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन से बात न करें, अथवा म्यूजिक नहीं सुने।Sadak Suraksha Essay in hindi
आखिर क्यों होते हैं सड़क हादसे, इसके मुख्य कारण – Causes of Road Accident
सड़कों की दयनीय दशा, सड़कों में गड्ढ़े होना।
यातायात नियमों की अनदेखी करना।
बिना हेलमेट अथवा बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना।
स्पीड से वाहन चलाना।
शराब पीकर वाहन चलाना।
ट्रैफिक सिग्नलों का ज्ञान नहीं होना।
इंडिकेटर नहीं देना।
जल्दी पहुंचने के लिए ओवरटेक करना।
पैदल यात्रियों द्धारा अचानक से रोड क्रॉस करना।
सड़क सुरक्षा नियमों की सही जानकारी नहीं होना।
भारत में यातायात नियमों की अनदेखी पर लगने वाला जुर्माना और सजा –
भारत में स्पीड से गाड़ी चलाते वक्त ट्रैफिक पुलिस द्दारा पहली बार पकड़े जाने पर 100 रुपए का जुर्माना अथवा दूसरे बार पकड़े जाने पर 300 रुपए का जुर्माने लगने प्रावधान है।
ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर 100 से 300 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान।
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर, वाहन चालक को 3 महीने की सजा अथवा 500 रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।
उपसंहार
जब हम सभी लोग मिलकर सख्ती से यातायात नियमों को पालन करने का संकल्प लेंगे, तभी लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाई जा सकेगी।