Sanketik Bhasha Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर सांकेतिक भाषा की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया है।Sanketik Bhasha Kise Kahate Hainयह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
आदिकाल (पुराने समय) में जब आदिमानव भाषा का प्रयोग नहीं करते थे तो वह एक दूसरे के विचारों तथा भावों को समझने के लिए संकेतों का प्रयोग करते थे।
Sanketik Bhasha Kise Kahate Hain
जब इशारों के द्वारा बात समझी जाए और समझाई जाए तो उसे सांकेतिक भाषा कहा जाता है।
सांकेतिक भाषा वह भाषा है, जिसमें किसी चीज को समझाने के लिए विभिन्न प्रकार के हाथों का सहारा, उंगलियों का सहारा, अपने चेहरे के हाव-भाव, किस चीज को देखकर समझाना यह सभी सांकेतिक भाषा के अंतर्गत आता हैSanketik Bhasha Kise Kahate Hain। इसमें किसी चीज को ध्यान आकर्षण करके उन चीजों को सामने वाले को इस प्रकार प्रदर्शित करना है, कि वह चीजों के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सके। खासकर सांकेतिक भाषा उन जगहों में उपयोग किया जाता है, जहाँ बच्चे मूकबधिर होते हैं। इसलिए सांकेतिक भाषा उनके लिए बनाई गई है, जो इन चीजों को आसानी से समझ सके, और दूसरों को समझा सके, और उनके द्वारा वह अपने भविष्य निर्माण में सजग हो सकें।
इसके माध्यम से अपनी विचारो एवं भावनाओ का बिना बोले आदान प्रदान किया जा सकता है।Sanketik Bhasha Kise Kahate Hain इस भाषा में शरीर के विभिन्न अंगों का उपयोग किया जाता है,Sanketik Bhasha Kise Kahate Hain जैसे की हाथो का या उँगलियों का आकार, प्रकार, चेहरे का हाव भाव एवं विभिन्न संकेत। सांकेतिक भाषों का कई वर्गीकरण है, जिनमें से कुछ को क़ानूनी मान्यता भी है, इसकी अपनी व्याकरण भी है। भारत की संकेतिक भाषा दक्षिण एशिया की प्रमुख सांकेतिक भाषा है, जिसे लाखों लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है!
दुनिया भर में सैकड़ों संकेत भाषाएं प्रचलन में हैं और स्थानीय बधिर समूहों द्वारा इनका उपयोग किया जा रहा हैSanketik Bhasha Kise Kahate Hain। कुछ संकेत भाषाओं ने एक प्रकार की क़ानूनी मान्यता हासिल की है, जबकि अन्य का कोई महत्व नहीं है।
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सांकेतिक भाषा की विशेषताएं –
- सांकेतिक भाषा को व्याकरण में नहीं पढ़ाया जाता।
- सांकेतिक भाषा के लिए समझने और समझाने वाले का आमने सामने होना आवश्यक है।
इस आर्टिकल (सांकेतिक भाषा किसे कहते हैं)) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको सांकेतिक भाषा के बारे में बताना हैं।
सांकेतिक भाषा में हाथों, अंगुलियों के इशारे के साथ मुह के हाव-भाव की सहायता से व्यक्ति अपनी भावनाए और मनोदशा अन्य लोगो को समझाता हैं।
सांकेतिक भाषा मूकबधिर लोगो के लिए बहुत सहायक हैं। और एक रामबाण की तरह हैं।