स्थिर विद्युत विभव | सूत्र | विमा

इस पोस्ट में आप Class 12th Chemistry के स्थिर विद्युत विभव | सूत्र | विमा टॉपिक के बारे विस्तार से बताया गया है | आपको इन नोट्स से बहुत हेल्प मिलेगी |

विधुत क्षेत्र में किसी बिंदु पर वैधुत विभव किसी धन परिक्षण आवेश को आनंत से उस बिंदु तक लाने में किये गए कार्य तथा धन परिक्षण आवेश के  मान  की निष्पत्ति के बराबर होता है |

अर्थात                                               V=w/q0

   यह एक आदीश राशि है | इसका मात्रक जुल/कुलाम या वॉल्ट तथा विमीय सूत्र  [ML2T-3A-1] होता है |

विभवान्तर :

माना के विद्युत क्षेत्र में धन परीक्षण आवेश बिन्दु A पर स्थित है , इस धन परीक्षण आवेश को बिंदु A से B तक इस प्रकार लाया जाता है की यदि उस निकाय में अन्य आवेश उपस्थित है |

तो वह उनमें कोई विस्थापन उत्पन्न न करे अर्थात सिर्फ धन परिक्षण आवेश ही बिंदु A से B तक विस्थापित हो अन्य सभी आवेश अपरिवर्तित रहे तो इस विस्थापन से बिंदु A तथा B की स्थितिज ऊर्जा में एक परिवर्तन हो जाता है यहाँ स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन UB – UA से दिया जाता है।

तथा A व B बिन्दुओ के मध्य विभवान्तर को निम्न प्रकार प्रदर्शित किया जाता है।

VB – VA =  (UB – UA)/q0 = △U/q0

परिभाषा :  A तथा B अर्थात दो बिन्दुओ के मध्य विभवान्तर उस कार्य के बराबर होती है जो एकांक आवेश को निम्न विभव बिंदु से उच्च विभव बिंदु तक ले जाने में करना पड़ता है।

विभव : 

माना पिछले उदाहरण में A बिंदु अनंत पर स्थित है

अतः VA = V∞ = 0 and U= U∞ = 0

इसलिए

VB  =  UB /q0

अतः इसको व्यापक रूप में इस प्रकार लिख सकते है

V = U/q0

अतः विभव को इस प्रकार परिभाषित कर सकते है की किसी बिंदु पर एकांक आवेश स्थितिज ऊर्जा को ही विद्युत विभव कहते है।

विद्युत विभव वह कारण है जो आवेश प्रवाह के लिए दिशा का निर्धारण करता है

अर्थात आवेश उच्च विधुत विभव से निम्न विभव की ओर तब तक प्रवाहित होता है जब तक की दोनों बिन्दुओ पर विभव का मान समान न हो जाए।

विभव एक अदिश राशि है।

कार्य के रूप में :

बिंदु A तथा बिंदु B के मध्य विभवांतर एकांक आवेश को बिंदु A से B तक विद्युत क्षेत्र के द्वारा किया गया कार्य का ऋणात्मक होता है।

VB – VA =  -Wex/q0

पहले की भांति माना की बिंदु A अनंत पर स्थित है अतः किसी एकांक धन आवेश को अनन्त से किसी बिंदु (B) तक लाने में विद्युत क्षेत्र द्वारा किये गए कार्य के ऋणात्मक को ही विद्युत विभव कहते है।

VA = 0

VB  =  -Wex/q0

अतः इसको व्यापक रूप में इस प्रकार लिख सकते है

विभव (V) = W/q0

किसी बिंदु पर विद्युत विभव उस कार्य के बराबर होता है जो 1 कुलाम आवेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में विद्युत क्षेत्र द्वारा करना पड़ता है।

विद्युत विभव का SI मात्रक वोल्ट है

वोल्ट = जूल/कूलॉम

तथा विधुत विभव की विमा V = [ML2T-3A-1]

UP Board Class 12 Physics Notes in Hindi

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