Swar Kise Kahate Hain:हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर स्वर की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया हैSwar Kise Kahate Hain। यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण स्वर कहलाते हैं। अर्थात जिन वर्णों को बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से बोला जाता है उन्हें स्वर कहते हैं। परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 होती है लेकिन उच्चारण के आधार पर 10 स्वर, 1 अर्ध स्वर और 2 अनुस्वर होते हैं, जिसमे अर्ध स्वर को भी स्वर के साथ गिना जाता है और अनुस्वर को स्वर की श्रेणी से बाहर रखा जाता है।
Swar Kise Kahate Hain
स्वर ऐसी ध्वनियों को कहा जाता है, जो बिना किसी अन्य वर्णों की सहायता से उच्चारित की जाती है। अर्थात ऐसे वर्ण जो स्वतंत्र रूप से बोले जाते हैं, स्वर कहलाते हैं।
हिंदी भाषा में मूल रूप से स्वरों की संख्या 11 होती है, जो निम्न प्रकार से है। अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औे।
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स्वर के कितने भेद हैं
स्वर वर्ण कितने होते हैं – उच्चारण के आधार से, स्वर वर्णों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जिनमें से एक है हस्व स्वर, दूसरा दीर्घ स्वर है और तीसरा प्लुत स्वर है।
मूल स्वर वर्ण किसे कहते हैं?
मौलिक रूप के या स्वतंत्र अस्तित्व वाले स्वर वर्ण, मूल स्वर वर्ण कहलाते हैं। इनके उच्चारण के लिए किसी व्यंजन वर्ण की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन कुछ मूल स्वरों में अन्य स्वर वर्ण भी जुड़े होते हैं।
मूल स्वर वर्ण के 3 प्रकार होते हैं। हालांकि कई लोग केवल पहले के दो प्रकारों को ही जानते हैं। लेकिन हम इसके तीनों प्रकारों को देखेंगे:
- ह्रस्व स्वर क्या होते हैं?
ऐसे स्वर वर्ण जिनके उच्चारण में काफी कम समय लगता है, उन्हें ह्रस्व स्वर वर्ण कहा जाता है। इनका वर्ण-विच्छेद नहीं किया जा सकता है, इसलिए इन्हें एकमात्रिक भी कहते हैं।
इनकी कुल संख्या केवल चार हैं – अ, आ, उ, ऋ ।
- दीर्घ स्वर क्या होते हैं?
ऐसे स्वर वर्ण जिनके उच्चारण में अधिक समय या ह्रस्व स्वरों की तुलना में दुगुना समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर वर्ण कहा जाता है।इन्हें द्विमात्रिक भी कहते हैं।
इनकी कुल संख्या सात है – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
दीर्घ स्वर दो समान या भिन्न स्वरों के मेल से बनता है। इस संयोजन को आप दीर्घ स्वर वर्णों के वर्ण-विन्यास से समझ सकते हैं:
- आ = अ + अ
- ई = इ + इ
- ऊ = उ + उ
- ए = अ + इ
- ऐ = अ + ए
- ओ = अ + उ
- औ = अ + ओ
- प्लुत स्वर स्वर क्या होते हैं?
प्लुत स्वर वर्णों के उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय (ह्रस्व स्वर की तुलना में 3 गुना समय) लगता है, उन्हें प्लुत स्वर वर्ण कहा जाता है। इन्हें त्रिमात्रिक स्वर भी कहते हैं।
इस स्वर का प्रयोग किसी को पुकारने, गाने, कोई भाव व्यक्त करने या किसी वक्तव्य को गहन भाव में कहने के लिए किया जाता है।
- तालु की स्थिति के आधार पर स्वर के कितने प्रकार होते है?
तालु की स्थिति के आधार पर भी स्वर चार प्रकार के होते हैं, जो कि नीचे विस्तार पूर्वक से दर्शाया गया है।
- संवृत स्वर
संवृत स्वर को बंद स्वर भी कहा जाता है, संवृत स्वर के अंतर्गत इ, ई, उ, ऊ और ऋ आता है।
- अर्धसंवृत स्वर
अर्धसंवृत स्वर का अर्थ है, अर्ध रूप से बंधित स्वर। इसके अंतर्गत ए आर ओ आता है।
- विव्रीत स्वर
विव्रीत स्वर को साधारण रूप में खुला स्वर कहा जाता है। इसका अर्थ है, किसी स्वर का उच्चारण आसानी से करना है। इसके अंतर्गत केवल आ आता है।
- अर्धविव्रीत स्वर
अर्धविव्रीत स्वर का उच्चारण करना विव्रित स्वर की तुलना में थोड़ा मुश्किल होता है, परंतु इसका भी उच्चारण काफी सरलता से हो जाता है, इसके अंतर्गत अ, ऐ, औ आता है।
ओष्ठ आकृति के आधार पर स्वर के लिए प्रकार है?
वृत्ताकार स्वर
हिंदी वर्णमाला के ऐसे स्वर जिनका उच्चारण करते समय होठ की आकृति वृत्ताकार हो जाती है, ऐसे स्वरों को वृत्ताकार स्वर कहते हैं। यदि हम वृत्ताकार शब्द का संधि विच्छेद करें, तो वृत्त और आकार सामने आता है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है, वृत्त के आकार का। इसके साथ-साथ वृत्ताकार स्वर को वृत्तमुखी स्वर भी कहा जाता है।
उदाहरण: उ, ऊ, ओ, औ इत्यादि।
अवृत्ताकार स्वर
हिंदी वर्णमाला के ऐसे स्वर जिन का उच्चारण करते समय होठ वृत्ताकार आकृति में नहीं खुलते, ऐसे स्वरों को अवृत्ताकार स्वर कहां जाता है। अवृत्ताकार स्वर को आवृत्त मुखी स्वर भी कहा जाताSwar Kise Kahate Hain है।
उदाहरण: अ, आ, इ, ई, ऋ, ए, ऐ इत्यादि।
जीव के क्रियाशील के आधार पर स्वर कितने प्रकार के होते हैं?
जीवों की क्रियाशीलता के आधार पर भी स्वर कुल तीन प्रकार के होतेSwar Kise Kahate Hain हैं, जिनके विषय में हम आपको नीचे विस्तारपूर्वक से जानकारी प्रदान कराया है।
अग्र स्वर
ऐसे स्वरों को केवल उदाहरण के तौर पर ही समझा जा सकता है। जैसे इ, ई, ए, ऐ, ऋ
मध्य स्वर
मध्य स्वर में हिंदी वर्णमाला का केवल एक ही स्वर सम्मिलित है और यह शब्द अ है।
पस्च स्वर
पस्च स्वर में हिंदी वर्णमाला का कुल 5 स्वर सम्मिलित है। यह स्वर आ, उ, ऊ, ओ, औ।
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