Tatsam Tadbhav Shabd Hindi Mai: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल में हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय तत्सम तद्भव शब्द क्या होते हैं? आदि के बारे में बताया गया है |
Tatsam Tadbhav Shabd Hindi Mai
तत्सम शब्द क्या होते हैं:
हिन्दी भाषा का विकास संस्कृत भाषा से हुआ है। अतः इसी भाषा से सीधे शब्द हिन्दी में आये हैं। इन्हें तत्सम शब्द कहते हैं।
जैसे- नासिका, मुख, सूर्य, चन्द्रमा, रात्रि आदि।
तद्भव शब्द क्या होते हैं:
वे शब्द जो तत्सम न रहकर उसी शब्द से बिगड़कर बने हैं, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।
जैसे- चाँद, सूरज, रात, नाक, मुँह आदि।
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तत्सम | तद्भव | तत्सम | तद्भव |
---|---|---|---|
चन्द्र | चाँद | ग्राहक | गाहक |
मयूर | मोर | विद्युत | बिजली |
वधू | बहू | नृत्य | नाच |
चर्म | चमड़ा | गौ | गाय |
ग्रीष्म | गर्मी | अज्ञानी | अज्ञानी |
अकस्मात् | अचानक | अग्नि | आग |
आलस्य | आलस | उज्ज्वल | उजला |
कर्म | काम | नवीन | नया |
स्वर्ण | सोना | शत | सौ |
श्रंगार | सिंगार | सर्प | साँप |
कूप | कुआँ | कोकिल | कोयल |
मृत्यु | मौत | सप्त | सात |
घृत | घी | दधि | दही |
दुग्ध | दूध | धूम्र | धुआँ |
दन्त | दाँत | छिद्र | छेद |
अमूल्य | अमोल | आश्चर्य | अचरज |
अश्रु | आँसू | कर्ण | कान |
कृषक | किसान | ग्राम | गाँव |
हस्ती | हाथी | आम्र | आम |
मक्षिका | मक्खी | शर्कर | शक्कर |
सत्य | सच | हस्त | हाथ |
हरित | हरा | शिर | सिर |
गृह | घर | चूर्ण | चूरन |
कुम्भकार | कुम्हार | कटु | कड़वा |
नग्न | नंगा | भगिनी | बहिन |
वार्ता | बात | भगिनी | बहिन |
मृत्तिका | मिट्टी | पुत्र | पूत |
कपाट | किवाड़ | छत्र | छाता |
धैर्य | धीरज | कर्ण | कान |
Hindi Grammar Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12
FAQs
तत्सम शब्द तत्+सम शब्दों से बना है। तत् का अर्थ होता है “उसके” और सम का अर्थ होता है “समान”। यहाँ “उसके” का अर्थ है “संस्कृत भाषा” अर्थात जो शब्द हिन्दी भाषा में संस्कृत भाषा से ज्यों के त्यों प्रयोग होते हैं उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं, जैसे – पुस्तक, क्षेत्र, अग्नि, रात्रि, कार्य इत्यादि।
संस्कृत के कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो हिंदी में भी बिना परिवर्तन के प्रयुक्त होते हैं . उन शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं . तद्भव शब्द वे शब्द हैं जिनमे थोडा सा परिवर्तन करके हिंदी में प्रयुक्त किया जाता हैं
तद्भव (शाब्दिक अर्थ : ‘उससे उत्पन्न’) एक संस्कृत शब्द है जो मध्यकालीन भारत-आर्य भाषाओं के सन्दर्भ में उन शब्दों को कहते हैं जो संस्कृत के मूल शब्द नहीं हैं बल्कि संस्कृत के किसी मूल शब्द से व्युत्पन्न (निकले हुए) हैं। दूसरे शब्दों में, तत्सम शब्दों के बदले हुए रूप को तद्भव शब्द कहा जाता है।
ऐसे शब्द जिन्हें संस्कृत भाषा से ज्यों का त्यों उठाकर किसी अन्य भाषा में प्रयुक्त कर लिया जाता है, शब्दों को प्रयुक्त करने के बाद भी उनके अर्थ और ध्वनि में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो ऐसे शब्द तत्सम शब्द कहलाते हैं।
हम उम्मीद रखते है कि तत्सम तद्भव शब्द क्या होते हैं? आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है |