टीचिंग में करियर कैसे बनाये
Teaching Me Career Kaise Banaye: दोस्तों आज हम एक बहुत ही पॉपुलर करियर ऑप्शन के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। जिससे हम सभी भलीभाँति परिचित हैं। यह है टीचिंग प्रोफेशन। टीचर क्या होता है? यह क्या काम करता है? यह हम सब जानते हैं। लेकिन एक टीचर कैसे बनते हैं? क्या इस बारे में आप पूरी तरह अवेयर हैं? अगर नहीं, तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत यूजफुल होने वाली है।
टीचिंग ऐज ए कैरियर, क्यों? (Teaching as carrier, why?)
घड़ी की बढ़ती सूईयों के साथ जिंदगी को देखने के आयाम हर क्षण बदलते जा रहे हैं। जिसके अनुपात में प्रतिस्पर्धाएं भी बढ़ रही हैं। विकल्प भी बढ़ रहे हैं।और इस प्रतिस्पर्धा की दौड़ में हर कोई एक बेहतर करियर की तलाश में है। लेकिन सवाल यह कि इतने विकल्पों के होने के बावजूद हम टीचिंग को क्यों चुनें?
आइए देखते हैं टीचिंग ऐज ए कैरियर चुनने के क्या फायदे हैं–
- सबसे पहले तो यह जॉब एक सामाजिक प्रतिष्ठा देता है। साथ ही हम सब जानते हैं कि हमारे यहाँ गुरु का दर्जा ईश्वर के समान और पथ प्रदर्शक के रूप में देखा जाता है। तो सामाजिक और आध्यात्मिक आयाम से यह एक बेहतर ऑप्शन है।
- इस जॉब में vacations, festivals और साथ ही जरूरत अनुसार छुट्टी आसानी से मिल जाती है।
- इस जॉब में फिजिकल हार्डवर्क कम होता है।
- इस जॉब में समय के साथ इंटरेस्ट कम नहीं होता। क्योंकि बदलते समय के साथ नए बच्चों और नया माहौल मिलता रहता है।
- पहले के दिनों में टीचिंग के करियर को सैलरी की वजह से कम आँका जाता था। पर आज योग्यता अनुसार सभी टीचरों को एक अच्छी सैलरी मुहैया करायी जाती है।
तो इस तरह हमने जाना कि टीचिंग ऐज ए कैरियर एक अच्छा विकल्प है। अब अगला सवाल यह कि इसमें कैरियर कैसे बनाएँ ? चलिए समझते हैं आगे –
टीचर बनने के लिए एलिजिबिलिटी
सबसे पहले तो यहाँ यह समझना आवश्यक है कि हम किस स्तर पर टीचिंग करना चाहते हैं।
- प्राथमिक स्तर पर
- माध्यमिक स्तर पर
- उच्च स्तर पर
- कोचिंग के क्षेत्र में
- ऑनलाइन टीचर के रूप में
यह निर्णय करने के पश्चात हमें उससे रिलेटेड कोर्स करना होता है या कुछ चीज़ें सीखनी होती हैं। वस्तुतः यह कोर्स 12th या ग्रेजुएशन के बाद होते हैं और यही टीचर बनने के लिए न्यूनतम वैधता कही जाती है।
टीचर बनने के लिए कोर्स
- जीबीटी
- एनटीटी
- बीटीसी या डी.एल.एड.
- डी.एड.
- बीपीएड
- बीएड
- पीएचडी
जीबीटी(जूनियर टीचर ट्रेनिंग) –
इस कोर्स को करने के लिए उम्मीदवार को 12th पास होना चाहिए। इसमे एडमिशन के प्रोसेस पर आएँ तो कुछ कॉलेजों में एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन मिलता है और कुछ में डायरेक्ट ही एडमिशन मिल जाता है। यह कोर्स कैंडिडेट को प्राइमरी टीचर बनने की एलिजिबिलिटी देता है।
एनटीटी (नर्सरी जूनियर ट्रेनिंग) –
इस कोर्स के बाद भी उम्मीदवार प्राइमरी लेवल के टीचर बनते हैं। इस कोर्स के लिए भी 12th पास की वैधता होती है। और इसकी एडमिशन प्रक्रिया में डायरेक्ट और मेरिट दोनो के आधार पर एडमिशन मिलता है।
बीटीसी या डी.एल.एड. (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट या डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) –
यह कोर्स बीटीसी और डी.एल.एड. दोनों नाम से जाना जाता है। इस कोर्स के लिए कैंडिडेट को ग्रेजुएशन होना चाहिए। इसमे मेरिट के आधार पर ही एडमिशन मिलता है। यह कोर्स 2 साल का होता है।
डी. एड. (डिप्लोमा इन एजुकेशन) –
यह कोर्स 12वीं पास बच्चों के लिए होता है। इसमे एडमिशन के प्रोसेस की बात की जाए तो इसमे Entrance Exam के आधार पर एडमिशन मिलता है। यह भी 2 साल का कोर्स है।
बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) –
आज के दौर में फिजिकल टीचर की डिमांड सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों में बढ़ रही है।ऐसे में अगर आप फिजिकल एजुकेशन के टीचर बनना चाहते हैं तो आप बीपीएड कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स के लिए कैंडिडेट को ग्रेजुएशन पास होना चाहिए और ग्रेजुएशन में फिजिकल एजुकेशन एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ा होना चाहिए। अगर आपने 12वीं में फिजिकल एजुकेशन पढ़ा है तो भी आप 3 बर्षीय फिजिकल एजुकेशन का कोर्स कर सकते हैं। इसमे एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम और फिटनेस टेस्ट की प्रक्रिया होती है।
बी.एड. (बैचलर ऑफ एजुकेशन) –
इस कोर्स के लिए कैंडिडेट की अर्हता ग्रेजुएशन होती है। इस कोर्स के लिए एक वैधता यह भी है कि आप जिस सब्जेक्ट के टीचर बनना चाहते हैं आपका ग्रेजुएशन भी उसी सब्जेक्ट या स्ट्रीम में हुआ हो। जैसे – साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट बीएड करने के बाद साइंस के ही टीचर बनते हैं। इस कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के बाद ही मिलता है। इस कोर्स को आप प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनो तरह के कॉलेज से कर सकते हैं। लेकिन गवर्मेंट कॉलेज को अधिक प्रेफरेंस दी जाती है।
पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी)–
यह कोर्स पोस्ट ग्रेजुएशन की अर्हता माँगता है।अगर आप डिग्री कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में कैरियर बनाना चाहते हैं तो मास्टर डिग्री करने के बाद पीएचडी कोर्स कर सकते हैं। इसकी अवधि 2 से 3 साल होती है। इसमे एंट्रेंस एग्जाम और इंटरव्यू पास करने के बाद ही एडमिशन मिलता है।
यहाँ तक हमने समझा कि टीचर बनने के लिए एलिजिबिलिटी क्या – क्या हो सकती है। अब हम इसके आगे के पड़ाव की ओर चलते हैं। यहाँ हम जानेंगे कि इन कोर्सेज को करने के पश्चात हम कौन सा एग्जाम देकर एक टीचर के रूप में नियुक्त हो सकते हैं।
टीचर बनने के लिए एग्जाम
- टीईटी
- टीजीटी
- पीजीटी
- सीटीईटी
- नेट
टीईटी(टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) – इस एग्जाम में बीएड, बीटीसी और डीएड कोर्स करने वाले उम्मीदवार भाग लेते हैं। अगर आप शिक्षक बनना चाहते हैं तो इस परीक्षा को पास करना जरूरी है। प्रथम वर्ष के बीएड का कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स भी इस परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकते है। इसे पास करने के बाद उम्मीदवार प्राथमिक स्तर के स्कूलों में पढ़ाने की योग्यता प्राप्त करता है।
टीजीटी – इस एग्जाम में भाग लेने के लिए बीएड होना अनिवार्य है। इसे पास करने के बाद उम्मीदवार 6 से 10वीं क्लास तक के बच्चों को पढ़ाने के योग्य हो जाता है।
पीजीटी– इस एग्जाम में बैठने के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन और बीएड की योग्यता माँगी जाती है। इसे पास करने के बाद उम्मीदवार सीनियर और सीनियर सेकेंडरी के बच्चों को पढ़ाने की योग्यता पाते हैं।
सीटीईटी – अगर आप केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालयों, या दिल्ली के अधीन स्कूलों में टीचर बनना चाहते हैं तो आपको सीटीईटी एग्जाम पास करना होता है। इस एग्जाम में सिर्फ बीएड डिग्री धारक ही भाग लेते हैं अन्य किसी स्टेट कोर्स को यहाँ मान्यता नहीं दी जाती। इस एग्जाम में 60% मार्क्स लाना जरूरी होता है।
नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) – अगर आप किसी कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी पाना चाहते हैं तो आपके लिए यह परीक्षा पास करना जरूरी है।यह परीक्षा साल में दो बार दिसंबर और जून में आयोजन की जाती है। नेट एग्जाम में तीन पेपर होते हैं।उम्मीदवार अंग्रेजी, हिंदी किसी भी माध्यम से परीक्षा दे सकते हैं।पहले पेपर में जनरल नॉलेज, टीचिंग एप्टीट्यूट, रीजनिंग और दूसरे तथा तीसरे पेपर में चुने गए विषय से सवाल पूछे जाते हैं।
प्राइवेट स्कूलों में टीचिंग जॉब
दोस्तों यहाँ तक हमने समझा कि सरकारी स्कूलों में टीचर की जॉब के लिए हमें किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होता है। यहाँ यह ध्यान देना आवश्यक है कि आजकल कुछ प्राइवेट स्कूल भी इन कोर्सेस को वरीयता दे रहे हैं। इन कोर्सेज को करने के बाद प्राइवेट स्कूल्स या कॉलेज अपने स्वयं के संस्थान का एलिजिबिलिटी टेस्ट लेते हैं और आपको वहाँ जॉब ऑफर करते हैं।
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ऑनलाइन टीचिंग –
आज के digitalized दौर में हमारी सारी आवश्यकताएं और सुविधाएँ ऑनलाइन हो चुकी हैं। और यह एक बहुत बड़ा और beneficial बदलाव है। हमारी शिक्षा व्यवस्था भी इससे कहीं अधिक लाभान्वित हुई है।जिसे हमने कोविड के दौर में ऑनलाइन क्लासेज के रूप में देखा है।
ऑनलाइन टीचिंग की बात करें तो यूट्यूब पर आज लाखों की संख्या में चैनल्स मौजूद हैं जो बच्चों को घर बैठे बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करने का मौका दे रहे। यह डिजिटल क्रांति शिक्षा के प्रसार को तेजी से बढ़ा रही है। जिसके कर्णधार ऑनलाइन टीचर्स ही हैं। तो आज के दौर में ऑनलाइन टीचिंग भी एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म है।
हम ऑनलाइन टीचिंग के स्कोप को कई रूपों में देखते हैं –
- यूट्यूब के माध्यम से
- Elearning education के apps के माध्यम से। जैसे – Vedantu, Unacademy, Byju’s, Urbanpro etc.
ऑनलाइन टीचिंग के लिए आप स्वयं से अपना कोई चैनल शुरू कर सकते हैं या आप किसी चैनल्स से जुड़ सकते हैं जहाँ आपको अप्लाई करने के बाद कुछ टेस्ट से होकर गुजरना होता है। ऑनलाइन टीचिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने सब्जेक्ट के साथ – साथ कम्प्यूटर और डिजिटल दुनिया के बारे में जानकारी तथा साथ ही।कैमरे, माइक और नेटवर्क की अच्छी उपलब्धता।
Teacher Kaise Bane Video
इस प्रकार हम देख सकते हैं कि आज के दौर में टीचिंग का क्षेत्र बहुत व्यापक हो चुका है। हमारे पास विकल्पों की कमी नहीं है और साथ ही सुविधाओं का साथ भी है। तो बस हमें चुनना है कि हमें अपनी यात्रा कैसे करनी है और किस प्रक्रिया के तहत जाना है।
जिसे कि Teaching Me Career Kaise Banaye आर्टिकल में आपको अच्छी तरह समझाने की कोशिश की गयी है। आशा करते हैं यह आर्टिकल आपकी दुविधाओं के समाधान में मददगार हुआ होगा।अगर इसके अलावा आपके कोई सवाल हों तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं जिसे टीम द्वारा अतिशीघ्र दूर करने का प्रयास किया जाएगा।