Vigyan Ke Chamatkar Essay In Hindi Class 10:आज पूरी दुनिया में विज्ञान की पताका लहरा रही है। जीवन तथा विज्ञान एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। विज्ञान से मानव को असीमित शक्ति प्राप्त हुई है।
Vigyan Ke Chamatkar Essay In Hindi Class 10
आज मनुष्य विज्ञान की सहायता से पक्षियों की भांति आसमान में उड़ सकता है। गहरे से गहरे पानी में सांस ले सकता है। पर्वतों को लांघ सकता हैं तथा कई मीलों की दूरियों को चंद घंटो में पार कर सकता है।
प्रस्तावना :
आज मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से कई बड़े क्षेत्रों में सफलता पाई है जैसे कि चिकित्सा, सूचना क्रांति, अंतरिक्ष विज्ञान, यातायात आदि।
विज्ञान के चमत्कार :
ईंधन, सूचना, कम्प्यूटर उपकरण आदि ऐसे कई अनोखे साधन विज्ञान ने दिए है जिनसे जीवन बेहद सरल और संपन्न हो गया है। बिजली द्वारा संचालित पंखें, ए.सी, टीवी, कूलर, लाइटस आदि कई साधन मानव को विज्ञान से प्राप्त हुए हैं।
अब तो विज्ञान ने बिजली के कई ऐसे उपकरण प्रदान किए हैं जिनसे मानव का काम और भी आसान बन गया है जैसे : वेक्यूम क्लिनर, सोलर गैस, मोबाइल फोन, हीटर आदि। विज्ञान द्वारा किए गए यह सभी अविष्कार मनुष्य के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
भोजन, आवास, यातायात, चिकित्सा, मनोरंजन, कृषि, मनोरंजन, उद्योग आदि सभी क्षेत्र विज्ञान से प्रभावित है।
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विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के कार्य:-
यातायात :
आज विज्ञान ने मानव के जीवन की दूरियों को बेहद ही कम कर दिया है। पहले जहां मानव को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में कई-कई वर्ष लग जाते थे वहीं आज मानव कई मीलों की दूरियों को कम समय में पार कर लेता है।
बेहद ही कम समय में मनुष्य ने हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज, कार आदि सभी यातायात के साधन ईजाद कर लिए हैं।
मनोरंजन :
आज का मनुष्य दिन-पर-दिन कड़ा परिश्रम करके सफल होना चाहता है लेकिन इस परिश्रम के बाद हर इंसान को मनोरंजन की आवश्यकता होती है।
आज रेडियो, टेलीविजन, डीवीडी प्लेयर, थ्रीडी सिनेमा, कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि ऐसी कई चीजे हैं जिन्हें विज्ञान द्वारा ईजाद किया गया है। कम्प्यूटर और इंटरनेट के वीडियो कॉलिंग द्वारा तो हम दूर बैठे हमारे रिश्तेदारो से आमने-सामने बात कर सकते हैं।
चिकित्सा :
आज विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है कि कई ऐसे रोग जिनका इलाज संभव नहीं था अब वह संभव है। औषधि विज्ञान तथा चिकित्सा आज इतनी विकसित हो गई है कि आज हर रोग का इलाज हो सकता है।
विज्ञान की मदद से अब कैंसर, टीबी जैसे कई लाईलाज रोगों को दूर किया जा सकता है। टेस्ट ट्यूब बेबी को ईजाद करके आज विज्ञान जीवनदाता बन चुका है
कृषि व व्यवसाय :
विज्ञान ने कृषि, उद्योगों, कल-कारखानों आदि का असीमित विकास किया है।
कृषि को आज काफी विकसित क्षेत्र बना दिया है। विज्ञान द्वारा तैयार इस्पात, खाद व उपकरण, खाद्य पदार्थ, वाहन, वस्त्र आदि बनाने के असीमित कारखानें हैं। वहीं लघु एवं कुटीर उद्योगो में भी विज्ञान की सहायता से पर्याप्त विकास हुआ है।
शिक्षा के क्षेत्र में –
विज्ञान ने शिक्षा को भी नयी दिशा दी है. प्रिंटिंग मीडिया अब इतनी आसान हो गई है, इससे एक बार में हज़ार पन्ने छपने लगे, जिससे पुस्तक किताब हमें आसानी से कम कीमत में मिल जाती है. स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर का ज्ञान विज्ञान की ही देन हैं|
व्यापार व कृषि –
विज्ञान ने कृषि व व्यापार को आज कहाँ से कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है. विज्ञान ने तरह तरह की मशीने बनाई, जिससे बड़े बड़े उद्योग, इस्पात का निर्माण हो पाया. हमारे उपयोग की हर चीज के बड़े बड़े हजारों कारखाने है, जिससे हमें ये आसानी से मिल जाते है. विज्ञान ने आधुनिक कृषि का निर्माण किया. नई-नई खादें, उपकरण का उपयोग करके कृषि आसान हो गई है. हाईटेक के ज़माने में किसान को बहुत सी सुविधा मुहैया कराई जा रही है.
न्यूक्लियर बम, अस्त्र-शस्त्र –
न्यूक्लियर एनर्जी विज्ञान का एक और अदभूत चमत्कार है. एटम व हाइड्रोजन बोम को न्यूक्लियर एनर्जी द्वारा ही बनाया गया है. अपने देश के लिए नए नए तरीके के हथियार विज्ञान की मदद से ही इजात हो पाए है.
अंतरिक्ष –
विज्ञान की मदद से आज मनुष्य पुरे अंतरीक्ष तक पहुँच गया है. अन्तरिक्षयान के द्वारा मनुष्य चंद्रमा में अपना घर बसाने का सपना भी देखने लगा है. विज्ञान की मदद से मनुष्य ने नए गृह भी बनाये, जिसे सफलतापूर्वक आज अन्तरिक्ष में स्थापित भी किया जा चूका है. इन्हीं की मदद से हम मौसम का हाल भी जान लेते है, यहाँ तक की आने वाली प्राकतिक आपदा के बारे में भी ये बहुत हद तक संकेत दे देते है.
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विज्ञान के लाभ (Vigyan ke labh or science benefits )
विज्ञान ने मनुष्य को जीने का नया ढंग दे दिया है. इससे अनगिनत लाभ है. कोई भी इन्सान हो, लेकिन बिना विज्ञान के प्रयोग के वो अपने जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता. हम हर पल हर वक़्त विज्ञान को अपने आसपास महसूस करते है.
विज्ञान एक अभिशाप/हानियाँ
जहाँ लाभ वहां हानि तो होती है. विज्ञान कुछ क्षेत्र में एक अभिशाप साबित हुआ है. इसने इन्सान को आलसी बना दिया है. अब हम बिना हाथ पैर हिलाए मशीन से काम लेना पसंद करते है, जैसे हम अपंग हों. विज्ञान ने रोबोट तक का निर्माण कर लिया है, जो इन्सान की तरह दिखने वाली मशीन है, तो अपनी हर कमांड पर जो चाहो, वो करेगी. इन्सान विज्ञान पर इतना ज्यादा निर्भर हो गया है कि वो इसके बिना चलना ही पसंद नहीं करता है.
विज्ञान ने परमाणु बम, बड़ी बड़ी तोपें, रायफल, विषेली गैस, हथियार बनाये है, जो मानव हित के लिए नहीं, बल्कि अहित के लिए कार्य करते है. परमाणु बम ने ही जापान के हिरोशिमा, नागासाकी को बर्बाद कर दिया था, जिसका मुआवजा आज तक भुगतान पड़ रहा है. आज भी वहां इसका असर देखा जा सकता है. भोपाल गैस त्रासदी भी विज्ञान में हुई गलती का नतीजा है, जिसके चलते विषेली गैस ने लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
हाई स्पीड गाड़ियाँ बनाई, जिस पर मानव अपना आपा खोकर, तेजी से चलाता है, और बड़े बड़े एक्सीडेंट होते है.
हवाईजहाज के द्वारा हम देश विदेश तो घूम लेते है, लेकिन जरा सी तकनिकी खराबी के चलते ये कई बार सैकड़ों लोगों को स्वर्ग पहुंचा देता है.
मोबाइल, इन्टरनेट ने बाहरी दुनिया से तो जोड़ा है, लेकिन घर में लोगों के बीच दूरियां ला रहा है. बच्चे बड़े सब मोबाइल की दुनिया में रहना पसंद करते है. बाहर जाकर खेलने की बजाय बच्चों को मोबाइल लैपटॉप खेलना ज्यादा भाता है.
विज्ञान ने हमारे चारों ओर पर्यावरण को प्रदूषित कर दिया है. बड़े बड़े कारखानों उद्योग से धुंआ निकलकर वायु में मिलता है, जिससे प्रदुषण की समस्या और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या उत्पन्न होती है. इसके अलावा ध्वनि प्रदुषण, जल प्रदुषण, थल प्रदुषण भी बहुत अधिक हो रहा है.
विज्ञान के द्वारा बनाई चीजों के प्रयोग से इन्सान अंदर से कमजोर हो रहा है, आजकल कम उम्र में हार्टअटैक, कैंसर आम बात सी हो गई है.
क्या आज हम विज्ञान के बिना रह सकते हैं ?
एक सवाल आप खुदसे करके देखिये, क्या आज हम बिना विज्ञान के रह सकते हैं? जवाब ‘नही’ होगा. यह सत्य भी है, क्योंकि आज विज्ञान की वजह से हमारा जीवन बहुत आसान हो गया है और आज हम विज्ञान से घिरे हुए है. हम चाहकर भी विज्ञान से दूर नही जा सकते हैं. अगर कोशिश करेंगे भी तो विज्ञान हमारा पीछा नहीं छोड़ेगा. पर हम जानते है की विज्ञान ही एक दिन पूरी दुनिया के खत्म होने का कारण बनेगा लेकिन इसका उपयोग हमारे उपर डिपेंड करता है इसलिए जितना हो सके विज्ञान को सही तरीके से उपयोग करें और किसी को हानि पहुँचाने वाले अविष्कार ना ही करें तो अच्छा है.
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उपसंहार
विज्ञान का रचियता इन्सान है, और इसका दुरपयोग करने वाला भी वही है. इन्सान के हाथों में ही है कि वो इसे कैसे उपयोग करे जिससे मानव जाति का कल्याण हो. हमको विज्ञान पर निर्भर नहीं होना चाहिए, बल्कि विज्ञान को इन्सान पर निर्भर होना चाहिए. विज्ञान मानव के बिना अपंग है. विज्ञान का प्रयोग इतना बढ़ गया है कि जैसे दुनिया आग पर बैठी है, कब राख का ढेर बन जाये, पता ही ना चले.