Vyakaran Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर व्याकरण की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण (Vyakaran in hindi) के बारे में विस्तार से बताया है। यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
Vyakaran Kise Kahate Hain
व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा हमे किसी भाषा का शुद्ध बोलना, लिखना एवं समझना आता है।
भाषा की संरचना के ये नियम सीमित होते हैं और भाषा की अभिव्यक्तियाँ असीमित। एक-एक नियम असंख्य अभिव्यक्तियों को नियंत्रित करता है। भाषा के इन नियमों को एक साथ जिस शास्त्र के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है उस शास्त्र को व्याकरण कहते हैं।
व्याकरण की परिभाषा
जिन्ह नियमो के अन्तर्गत किसी भाषा को शुद्ध बोलना लिखना एवं ठीक प्रकार से समझना आता है उन्हे ही हम व्याकरण कहते है|
अथवा
व्याकरण वह शास्त्र है, जिससे हमे भाषा का शुध्द ज्ञान होता है।
व्याकरण के प्रकार
- वर्ण या अक्षर
- शब्द
- पद
- वाक्य
वर्ण
उच्चारित ध्वनि संकटो को (वायु) ध्वनि कहा जाता है जबकी लिखित ध्वनि संकेतो को देवनागरी लिपि के अनुसार वर्ण कहा जाता है।
अथवा
वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं , जिसके खंड या टुकड़े नहीं हो सकते।
जैसे — अ , आ , इ , ई , ओ , क् , ख् , च् , छ् , य , र , ल आदि।
अब कुछ शब्द या ध्वनियाँ लें और उनमें निहित मूल ध्वनि (वर्ण) को समझें।
जैसे — ‘खा लो।’
शब्द
वर्णों के उस मेल को शब्द कहते हैं। जिस का कुछ अर्थ होता हैं।
जैसे– कमल, राकेश, भोजन, पानी, कानपुर आदि।
पद
जब कोई शब्द किसी वाक्य में प्रयुक्त होता है, तो वही शब्द ‘पद’ कहलाता है।
जैसे —राम, आम — संज्ञा शब्द।खाता, है — क्रिया शब्द।
राम आम खाता है।(राम – कर्तापद ; आम — कर्मपद ; खाता है — क्रियापद)
वाक्य
अनेक शब्दों को मिलाकर वाक्य बनता हैं। ये शब्द मिलकर किसी अर्थ का ज्ञान कराते हैं।
जैसे– सब घूमने जाते हैं। राजू सिनेमा देखता हैं।
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