कमलनयन में कौन सा समास है?: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल में अव्ययीभाव समास पर बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े |
कमलनयन में कौन सा समास है?
कमलनयन में कर्मधारय समास है’ इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए कर्मधारय समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है!
कर्मधारय समास की परिभाषा
जहाँ उत्तर पद प्रधान हो तथा ऐसे शब्दों का मेल हो, जिनमें से एक विशेष्य तथा दूसरा विशेषण होता है, या एक उपमेय तथा दूसरा उपमान होता है तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
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कर्मधारय समास के कुछ अन्य उदाहरण :
कृष्णसर्प = कृष्ण है जो सर्प
सज्जन = सत है जो जन
नीलगाय = नीली है जो गाय
शुभागमन = शुभ है जो आगमन
कनकलता = कनक के समान लता
प्राणप्रिय = प्राणों के सामान प्रिय
भुजदंड = दंड के समान भुजा
मृगलोचन = मृग के सामान लोचन
कनकलता – कनक के समान लता
घनश्याम – घन के समान श्याम (काला)
विद्याधन – विद्या रूपी धन
भवजल – भव रूपी जल
आशालता आशा की लता
नरसिंह नर रूपी सिंह
प्राणप्रिय – प्राणों के समान प्रिय
स्त्रीरत्न – स्त्री रूपी रत्न
आर्टिकल में अपने पढ़ा कि कमल नयन मे कौन से समास का प्रयोग किया गया है ? हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।